पशुओ के लिए सम्पूर्ण संघनित  फीड ब्लॉक

0
744

पशुओ के लिए सम्पूर्ण संघनित  फीड ब्लॉक

डॉ. पलक त्रिपाठी ओर डॉ. अशोक कुमार पाटिल

पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय, महू (म.प्र.)

 

पशुपालन मे कुल लागत का लगभग 70 से 75  प्रतिशत से अधिक सिर्फ आहार खिलाने पर ही खर्च होता है,  इसलिए ज्यादा से ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने हेतु हमे पशु के आहार निर्माण पर विशेष ध्यान देना चाहिये । किसान अपने पारंपरिक ज्ञान के आधार पर, जो उन्हें पीढी दर पीढी प्राप्त हुआ है तथा स्थानीय क्षेत्र में उपलब्ध एक या दो खादृय पदार्थ जैसे कि चोकर, खली, चुनी, अनाज के दाने आदि और मौसम के हिसाब से हरा चारा तथा फसल अवशेष जैसे भूसा अपने पशुओं को खिलाते रहते है। समान्यत: ऐसा पाया गया है कि पशुओं को दिए जाने वाले आहार मे पोषक तत्वो की मात्रा ज्यादातर उनकी आवश्यकताओं से कम या अधिक होती है जिससे अनके आहार में प्रोटीन, ऊर्जा या खनिज का असंतुलन हो जाता है। हमारे यहा पशुओ को मुख्यत: फसलों के अवशिष्ट खिलाकर ही पाला जाता है ओर हम जानते है की इन फसल अवशेषो मे पोषक तत्वो की मात्रा मे बहुत कमी होती है, जिसका सीधा प्रभाव पशु के उत्पादन पर पड़ता है ।  भारत मे किसान अक्सर भूसे या स्टोवर को बिना भिगोये ओर बिना टुकड़े किए या अर्ध-कटे हुए रूप मे पशु को खिलाते है ओर दाना उन्हे अलग से देते है, जो पशु दूध नहीं देते उन्हे समान्यत:  दाना नहीं दिया जाता जिससे पशु की आगामी समय मे वृद्धि ओर उत्पादन प्रभावित होता है । बिना कटा हुआ भूसा पशु को अधिक सुपाच्य भागों का चयन करने और कम पचने योग्य भागों को पीछे छोड़ने के लिए पूर्ण विकल्प प्रदान करता है, जिसके परिणामस्वरूप पर्याप्त फ़ीड अपव्यय होता है। इसके अलावा, पशु को कटे हुए भूसे की तुलना में बिना कटे हुए भूसे को चबाने के लिए अधिक ऊर्जा खर्च करने की आवश्यकता होती है जिससे पशु की वृद्धिदर ओर उत्पादन प्रभावित होता है । इस प्रकार से आहार खिलाने मे पशु जूठन के रूप मे काफी सारा चारा छोड़ देता है जो किसान के लिए आर्थिक दृष्टि से नुकसान दायक है ।

READ MORE :  साइलेज किसे कहते है

हमारे पशु पोषण के  वैज्ञानिको ने एक नई तकनीक का आविष्कार किया है जिसे हम “संघनित सम्पूर्ण फीड ब्लॉक” कहते है । इस ब्लॉक को बनाते समय हम खाद्य पदार्थो जैसे चारा ओर दाना को एक निश्चित अनुपात मे मिलाकर ओर मशीन मे डालते है जिससे की मशीन मे उच्च दाब  के कारण यह संघनित होता है ओर फीड ब्लॉक के रूप मे हमे प्राप्त होता है । पूर्ण फ़ीड ब्लॉक को इस प्रकार भी परिभाषित करते है की “यह एक संघनित किया हुआ उच्च घनत्व का  ठोस उत्पाद है जिसमे पशु की पोषक तत्वों की आवश्यकताओं के अनुसार चारे एवं दाने को एक निश्चित अनुपात मे मिलाकर ओर मशीन द्वारा उच्च दाब देते हुये संघनित करते है । इस प्रकार से बने  फीड ब्लॉक मे मुख्य पोषक तत्व यानी ऊर्जा, नाइट्रोजन, खनिज और विटामिन संतुलित मात्रा मे होते है ओर पशु  के स्वास्थ्य के लिए उत्प्रेरक पूरक का कार्य करते है ।  इस ब्लॉक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना काफी आसान होता है इसके साथ ही अगर कुछ अपारंपरिक खाद्य पदार्थ मिलाकर हमे आहार बनाना हो तो वो भी बड़े आसानी से संभव है ।

 

  1. फीड ब्लॉक के अवयव: फीड ब्लॉक मे मुख्य रूप से मोटे चारे ओर दाने होते है साथ ही पशु की अवश्यकता अनुसार कुछ लघु अवयव के रूप मे सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे खनिज ओर विटामिन तथा अन्य भोज्य योजक होते है । फीड ब्लॉक को हम भूसा, दाना, शीरा, खनिज, विटामिन तथा नमक मिलाकर भी बना सकते है जिससे इसमे पोषक तत्वो की मात्रा बढ़ जाती है ओर इसी के साथ इन्हे लंबे समय तक संग्रहण कर सकते है ओर अन्य लंबी दूरी के स्थानो पर भी आसानी से ले जा सकते है । फीड ब्लॉक को समान्यत: स्थानीय रूप से उपलब्ध चारे एवं दानो को मिलाकर बनाना चाहिए ।
READ MORE :  Trace Mineral Deficiency in Ruminants

पूर्ण फीड ब्लॉक  के लाभ :

  • फीड ब्लॉक खिलाने के बाद पशुओं को अलग से आहार देने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि इसमें चारा, दाना, मिनिरल मिक्चर, भूसा आदि उचित अनुपात मे मिलाया जाता है।
    पशु को अपनी अवश्यकता अनुसार सारे पोषक तत्व एक साथ प्राप्त होते है जिससे की रुमेन के सूक्ष्मजीवो द्वारा किण्वन क्रिया बेहतर होती है ओर आहार की पाचकशीलता बड़ जाती है ।
  • इससे आहार ग्रहण में आसानी होती है, आहार की कम बर्बादी होती है, रूमेन के वातावरण को स्थिर बनाए रखता है और पाचन क्षमता में सुधार करता है।
  • ब्लॉक खिलाने से पशु आहार का अपव्यय भी कम करता है क्योकि पशु च्यनात्मक भोजन नहीं कर पाता है ।
  • इससे पशुओं की दुग्धकाल की अवस्था को अनुकूलित किया जा सकता है । अतः इससे उत्पादकता में वृद्धि करने में योगदान मिलता है।
  • फीड ब्लॉक में मुख्य रूप से फसल अवशेष जैसे गेहूं का भूसा, धान का भूसा, सूखे गन्ने का अग्रभाग इत्यादि शामिल कर सकते हैं, जो स्थानीय स्तर पर भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं । इन फसल अवशेषों का उपयोग करने से इन्हें खेतों में जलने से रोका जा सकता है, इस प्रकार पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा रहा है ।
  • पशु को अगर कुछ दवाईया या अन्य सूक्ष्म पोषक पदार्थ देना हो तो इन्हे फीड ब्लॉक मे मिलाकर आसानी से खिला सकते है ।
  • हमारे वैज्ञानिको ने शोध मे पाया है की फीड ब्लॉक खिलाने से आहार ग्रहण शीलता तथा पोषक तत्वो की पचनशीलता गुणांक मे सार्थक रूप से बड़ोतरी होती है ।
  • वैज्ञानिको द्वारा अनुसंधान मे पाया गया है कि फीड ब्लॉक खिलाने से बछड़ो की वृद्धि दर मे सार्थक रूप से बड़ोतरी पाई गयी है ।
  • फीड ब्लॉक खिलाने से पशु की दुग्ध उत्पादन क्षमता के साथ साथ उसकी प्रजनन क्षमता भी अच्छी हो जाती है ओर पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है ।
  • स्थानीय चारे एवं दाने का उपयोग करते हुए फीड ब्लॉक बनाकर एक उच्च गुणवत्ता वाला आहार सीमित लागत मे वर्ष भर उपलब्ध हो सकता है।
  • फीड ब्लॉक बनाने से चारे के भंडारण क्षमता में तीन गुना जगह को बचाया जा सकता है। इस रूप मे चारे का भंडारण ओर परिवहन सस्ता है ओर इसमे मजदूरो की भी बचत होती है ।
  • इस संघनित ब्लॉक को बड़ी ही आसानी से प्राकृतिक आपदाओ वाले स्थान पर कम लागत मे तथा ज्यादा मात्रा मे ले जाया जा सकता है।
READ MORE :  Rumen Microbes Manipulation to Improve Animal Productivity

 

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON