अब गाय के गोबर से मिलेगी बिजली भी ! एक गाय के वेस्ट से साल भर जगमगा सकते हैं 3 घर
Britain के किसानों ने गाय के गोबर से बिजली (cow poo can produce electricity) की बैटरियां बना ली हैं.
गाय और गोबर (Cow Dung Electricity) को लेकर देश में कई बार आपने पॉजिटिव और निगेटिव चीज़ें सुनी होंगी. अब ब्रिटेन (Britain News) में गाय का गोबर (Cow dung Electricity) इस वक्त चर्चाओं में है. ब्रिटिश किसानों ने गाय के गोबर से बिजली (cow poo can produce electricity) का विकल्प तैयार कर दिया है. किसानों के एक समूह के मुताबिक उन्होंने गाय के गोबर से ऐसा पाउडर तैयार किया गया है, जिससे बैटरियां बनाई गई हैं.
गाय के एक किलोग्राम गोबर से किसानों ने इतनी बिजली तैयार कर ली है, कि 5 घंटे तक वैक्यूम क्लीनर चलाया जा सकता है. ब्रिटेन के आर्ला डेयरी की ओर से गोबर का पाउडर बनाकर उसकी बैटरियां बनाई गई हैं. इन्हें काउ पैटरी का नाम दिया गया है. AA साइज़ की पैटरीज़ से साढ़े 3 घंटे तक कपड़े भी इस्त्री किए जा सकते हैं. ये काफी उपयोगी आविष्कार है.
गोबर से पूरी होगी बिजली की ज़रूरत
ब्रिटिश डेयरी को ऑपरेटिव (Daily Co-Operative) Arla की ओर से ये बैटरी विकसित की जा रही है. बैटरी एक्सपर्ट GP Batteries का दावा है कि एक गाय के गोर से तीन घरों को साल भर बिजली मिल सकती है. एक किलोग्राम गोबर के ज़रिये 3.75 किलोवाट बिजली पैदा की जा सकती है. ऐसे में अगर 4, 60,000 गायों के गोबर से बिजली बने, तो 12 लाख ब्रिटिश घरों में बिजली सप्लाई की जा सकती है. डेयरी में साल भर में 1 मिलियन टन गोबर निकलता, जिससे बिजली उत्पादन का बड़ा लक्ष्य रखा जा सकता है.
डेयरी में इस्तेमाल हो रही है गोबर बिजली
Arla डेयरी में तमाम चीज़ों के लिए गोबर से बनी बिजली का ही इस्तेमाल किया जाता है. इससे निकले वेस्ट को खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. बिजली बनाने की प्रक्रिया को एनएरोबिक डाइजेशन कहा जाता है, जिसमें जानवरों के वेस्ट से बिजली बनाई जाती है. डेयरी में 4,60,000 गायें रहती हैं, जिनके गोबर को सुखाकर पाउडर तैयार किया जाता है और उसे ऊर्जा में बदला जाता है. Daily Star से बात करते हुए Arla के एग्रीकल्चर डायरेक्टर ने कहा कि अगर इस तरफ सरकार ध्यान देगी, तो इससे रीन्यूएबल एनर्जी सप्लाई में मील का पत्थर साबित हो सकता है