डिलएड-प्यूबर्टी (तारुण्य-अवस्था आने में विलंब) : कारण एवं निवारण

0
205

*परिचय*–

बछिया या ओसर में यौवनावस्था का देर से आना। कई बार पशु-पालकों को यह शिकायत रहती है की पशु 3-4 साल का हो गया है परंतु हीट/गर्मी में नहीं आ रहा। इस अवस्था को डिलएड-प्यूबर्टी कहते हैं। यह गायों की तुलना में भैंसों में अधिक देखने को मिलती हैं।

*कारण*

• जीनोटाइप: आनुवांशिक कारण
• अंत:प्रजनन (निकट सम्बंध वाले पशुओं में संगम)
• calfhood scouring: बछिया में जन्म के उपरांत तीव्र दस्त
• शारीरिक विकास और शरीर का वजन
• आहार में पोषण तत्वों की कमी
• होर्मोंस में असंतुलन
• अनुपयुक्त जलवायु: गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रैस
• कुप्रबंध: रख-रखाव में कमी
• खनिज लवण या विटामिन्स की कमी

*निवारण*

• आहार में चिलेटिड मिनरल मिश्रण (कैल्सियम, फास्फोरस, ज़िंक) व कॉपर-कोबाल्ट-आइरन (Tab Cofecu) की दो गोलियां मिलाएँ।
• खाने में 500gm उबला हुआ चना।
• फास्फोरस व विटामिन ए के इंजेकशन।
• हर्बल हीट-इनड्यूसर दवाएं।
• बायो-स्टीम्यूलेशन: सांड का संपर्क।
• गर्भाशय-डिम्बग्रंथि मालिश।
• क्लोमीफिन-सिटरेट की गोलियां।
• ग्रीष्मकाल में छायादार आवास व पशु के लिए पंखे व कूलर की व्यवस्था।
• मद के लक्षणों को पहचानने के लिए प्रातः एवं सायं पशु पर निगरानी रखें।
• पशु चिकित्सक द्वारा उचित जांच व परामर्श लें।

*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें*:
*डॉ मेघा पांडे*, वैज्ञानिक (पशु पुनरुत्पादन)

भाकृअनुप – केंद्रीय गोवंश अनुसन्धान संस्थान
मेरठ छावनी- 250001 (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल: 9410971314

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON
READ MORE :  महिलाओं की पशुपालन में भूमिका