दुधारू पशुओं में भ्रूण प्रत्यारोपण/ स्थानांतरण- एक नवीन और उत्तम तकनीक

0
630

डॉ संजय कुमार मिश्र
पशु चिकित्सा अधिकारी चौमुहां मथुरा

भ्रूण स्थानांतरण पशु प्रजनन की एक नवीन तकनीक है जिससे उत्कृष्ट श्रेणी के दुधारू पशु एवं उच्च कोटि के सांड का नस्ल सुधार के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे दुग्ध उत्पादन बढ़ता है। इस विधि से उत्तम नस्ल की गाय या भैंस अपने, जीवनकाल में 50 से 100 बच्चे पैदा कर सकती हैं, जबकि सामान्य रूप से एक दुधारू पशु प्राकृतिक तरीके से 8 से 10 बच्चे ही पैदा सकती है, । इस विधि में बूचड़खाने से अच्छी नस्ल के अंडाशयों से , अविकसित अंडे लाकर प्रयोगशाला में पकाकर एवं प्रयोगशाला में वीर्य के साथ मिलाप करवा कर भ्रूण तैयार किए जाते हैं। भ्रूण को दो या चार हिस्सों में काटकर एक भ्रूण से 4 भ्रूण भी बनाए जा सकते हैं। इस तकनीक से निम्न कोटि के पशु से भी उच्च कोटि की नस्ल के बच्चे पैदा कर सकते हैं क्योंकि जब भ्रूण को ऐसे पशु के गर्भाशय में रख दिया जाता है तो वह उसे पालकर उच्च नस्ल का बच्चा पैदा करती हैं। भ्रूण स्थानांतरण कृत्रिम गर्भाधान का विकल्प तो नहीं है, मगर उसके साथ एक नवीन एवं सहयोगी तकनीक है। इसमें पशु को हार्मोन का टीका लगाकर एक से अधिक अंडे उत्पन्न किए जाते हैं,जबकि प्राकृतिक तरीके से एक बार में केवल एक अंडा ही उत्पन्न होता है फिर उस पशु का कृत्रिम गर्भाधान कराया जाता है तत्पश्चात भ्रूण को बिना चीर फाड़ के तरल माध्यम के द्वारा गर्भाशय से बाहर निकाला जाता है एवं तरल नत्रजन गैस में सुरक्षित किया जाता है। जब कोई दूसरा पशु गर्मी में आता है तो उसमें बिना चीर फाड़ के उसके गर्भाशय में रख दिया जाता है। इससे वह गर्भाशय में पलकर बड़ा होता है।यह विधि, सांड या सांड की माताएं उत्पन्न करने के लिए एवं उनकी नस्ल सुधार के लिए मददगार साबित होगी।

READ MORE :  आज के परिवेश में गाय की, स्वदेशी नस्लों के संरक्षण, संवर्धन एवं सतत विकास का सशक्त माध्यम है गौशालाए

भ्रूण देने वाले पशु का चुनाव:

भ्रूण उत्पन्न करने वाले दुधारू पशु का चुनाव पशु चिकित्सक द्वारा उसके जनन अंगों की जांच एवं निरीक्षण करके किया जाता है। चुनाव किए हुए पशु को एक निश्चित समय पर गर्मी में लाने के लिए 10 से 11 दिन के अंतराल पर प्रोस्टाग्लैंडिन के टीके मांसपेशियों में लगाए जाते हैं।
अंडाशय में एक से अधिक अंडे पैदा करना:

चुनाव किए हुए पशु से अधिक मात्रा में अंडे लेने के लिए एफ़ एस. एच. के टीके 4 दिन प्रातः एवं सायं लगाए जाते हैं। यह टीके गर्मी में आने के दसवें दिन से शुरू किए जाते हैं।

भ्रूण उत्पन्न करने वाले एवं भ्रूण ग्रहण करने वाले पशु की गर्मी का नियंत्रण करना:

भ्रूण उत्पन्न करने वाले पशुओं में प्रोस्टाग्लैंडिन के दो टीके ,एफ.एस.एच. के टीके के बाद तीसरे दिन एवं चौथे दिन लगाए जाते हैं। ऐसे ही भ्रूण ग्रहण करने वाले पशु में यह टीका 11 दिन के अंतराल पर दो बार भ्रूण देने वाले पशु से 12 घंटे पहले लगाते हैं।
गर्मी की पहचान करना एवं कृत्रिम गर्भाधान:

सभी , भ्रूण उत्पन्न करने वाले एवं भ्रूण प्राप्त करने वाले पशुओं की गर्मी को ढूंढने के लिए टीजर बुल को चक्कर लगवा कर पता लगाया जा सकता है। यह प्रक्रिया 1 दिन में तीन से चार बार दोहराई जाती है। इसके अतिरिक्त गर्मी के लिए पशुओं पर 24 घंटे नजर रखें। भ्रूण उत्पन्न करने वाले पशु को उच्च कोटि की किस्म के वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कराएं एवं भ्रूण ग्रहण करने वाले पशु का भली-भांति परीक्षण करें कि उसकी जेरी( गर्मी का लक्षण) स्वच्छ एवं पारदर्शी है इसलिए गर्भाशय भी अंदर से सेहतमंद एवं सामान्य होगा।

READ MORE :  The Role of Canine Blood test in Diagnosis of Disease:Understanding Canine Blood Tests

भ्रूण एकत्रित करना:

भ्रूण देने वाले पशुओं से भ्रूण छठे से सातवें दिन निकाले जाते हैं। इसके लिए दो रास्ते वाली नली( फोलेज कैथेटर) एवं भ्रूण फिल्टर का उपयोग किया जाता है। गर्भाशय के दोनों हिस्सों( गर्भाशय की सींगो/हॉरन) में कम से कम आधे-आधे लीटर बोवाइन सिरम एल्बुमिन युक्त फास्फेट बफर सलाइन माध्यम के साथ धोकर एकत्रित किया जाता है।

भ्रूण की जांच परख एवं स्थानांतरण:

प्रत्येक फ़्लश, ( धोने) के बाद निकाले हुए माध्यम को ग्रिड युक्त पेट्री डिश में डालकर ज़ूम स्टीरियो माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाता है एवं भ्रूण ढूंढे जाते हैं। फिर इन भ्रूणों को छोटी कल्चर प्लेटों में फ़्लश माध्यम में रखा जाता है। हर एक भ्रूण की बाहरी बनावट की सारी जांच पड़ताल की जाती है ताकि अच्छा भ्रूण ढूंढा एवं परखा जा सके। निम्न कोटि के भ्रूण फेंक दिए जाते हैं तथा अच्छी गुणवत्ता के भ्रूण को भ्रूण स्थानांतरण गन द्वारा भ्रूण प्राप्त करने वाले पशु में बिना चीर फाड़ के गर्भाशय में रख देते हैं। भ्रूण प्राप्त करने वाले पशु की 60 एवं 90 दिनों पर गरभ की जांच करवाएं। जो भ्रूण उपयोग ना हो सके उनको तरल नत्रजन गैस में सुरक्षित रख ले। गर्मी में आए हुए पशुओं में भ्रूण को उसी तरह रखा जाता है जैसे कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है मगर भ्रूण स्थानांतरण गन कृत्रिम गर्भाधान गन से भिन्न होती है।

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON