जानवरों में लम्बी स्किन डिसीज (LUMPY SKIN DISEASE ) गांठदार चमड़ी च्वाचा रोग
# यह मवेशी में तेजी से फैलने वाला विषाणु जनित गांठदार च्वाचा रोग है ।
# यह अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में होने वाला लोकल रोग है ।
# भारत में इसका पहला मामला ओडिशा के मयूरभंज में दर्ज किया गया ।
संक्रमण का कारण
# यह रोग लम्बी स्किन डिजीज वायरस (LSDV) के संक्रमण के कारण होता हैं।
# यह वायरस ” कैप्रीपॉक्स वायरस ” ( Capripox Virus ) के निकट संबंधी प्रजाति है ।
रोग का लक्षण
# बुखार , लार , आंखो और नाक से पानी आना ।
# पूरे शरीर में कई कठोर और दर्दनाक गाठ के रूप ।
# स्किन पर घाव बन जाता है , जो कई दिनों या महीनो तक बने रह सकते हैं ।
# क्षेत्रीय लिम्फ नोड्स सूज जाते हैं ।
# पशु दूध देना कम कर देती है और कभी कभी मादा पशुओं का गर्वपात हो जाता है ।
# इस रोग से प्रभावित मामले में मृत्यु दर 10% से भी कम है ।
रोग का संक्रमण
# मच्छर एवम् मक्खी या संक्रमित पशुओं के लार या संपर्क से होता है ।
रोकथाम
# प्रवावित क्षेत्र से जानवरों की आवाजनी से बचे ।
# प्रभावित जानवर को चारा , पानी और उपचार के साथ झुंड से अलग रखा जाना चाहिए एवम् ऐसे जानवर को चरने वाले क्षेत्र में नही जाने देना चाहिए ।
# उचित कीटनाशक का उपयोग करके मच्छर एवम् मक्खी के काटने पर नियंत्रण ।
# रोग के बचाव के लिए पशुओं का टीकाकरण । वर्तमान में टीके का निर्माण प्रक्रियाधीन है । अभी बकरी के चेचक के टीके का इस रोग में उपयोगी सिद्ध हो रहा है ।
उपचार
# चमड़ी के संक्रमण एवम बुखार के लिए NSAIDs एवम् Antibiotics दवाओं का उपयोग
# घाव पर पोटेशियम परमागानेट का घोल से साफ करना चाहिए ।
# देसी नुखसा : 500ml नारियल तेल +500 g दातुरा का पत्ता …. बॉयल करना है । अच्छे से छान कर पत्ते को निकाल देना है ….5 g CuSO 4 …मिलाकर अफेक्टेड एरिया पर लगाना है ।
# 10 पान का पत्ता + 10 g काली गोल मिर्च +10 g नमक …का पेस्ट/ चटनी बनाकर चटाना है।
संकलन करता —-
Dr.Md.Taslim Anwar
TVO, Bounsi (Banka, Bihar )