पालतू पशुओं में उष्मीय तनाव
डॉ. अंजुल वर्मा1, डॉ अंशिता सिन्हा 2*
1एम.वी. एस. सी, डिपार्टमेंट ऑफ़ वेटरनरी सर्जरी एंड रेडियोलोजी, नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर, मध्य प्रदेश
2एम.वी. एस. सी, डिपार्टमेंट ऑफ़ वेटरिनरी फार्माकोलॉजी एंड टॉक्सिकोलॉजी, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, लुधिअना, पंजाब
Corresponding author: Dr. Anshita Sinha, Email id- anshitasinha09@gmail.com
अत्यधिक ऊष्मा उत्पादन या ऊष्मा अवशोषण के कारण शारीरिक तापमान में होने वाली वृद्धि को उष्मीय तनाव कहते है। पालतू पशुओं में बहुत ही कम स्वेद ग्रंथियाँ होती हैं एवं वह मनुष्यों की तरह स्वेद स्रावित करके शरीर को ठंडा नहीं कर सकते, अतः उनका शरीर अपेक्षाकृत जल्दी गर्म हो जाता है।
उष्मीय तनाव के कारण –
- अपयामप्त सोंवातन के अत्यधिक एवं दीर्मकालीन उच्च वातावरणीय तापमान l
- श्वानोों के शरीर पर घने बाल l
- गमम मौसम में पानी की सीधमत आपूधतम l
पशुओों में उष्मीय तनाव के लक्षण –
- सुस्ती एवं दुबमलता l
- खुले मुाँह से सास लेना / अत्यधिक लार का स्त्राव l
- श्वसन एवों वाधहका प्रेरक केंद्र की गधतहीनता l
- जीभ का बहार निकलनाl
- नेत्र-श्लेष्मा में रक्त संकुलन l
- शरीर में ऐठन, अचैतन्यता एवं मृत्यु l
उष्मीय तनाव का प्रबोंधन–
- श्वानोों को सुसंवातीत छायादार स्थान में रखें l
- सभी दरवाजे एवं द्धखड़धकयोों को खुला रखें l
- श्वानोों को धहम शीतल जल से शीतल स्नान दें l
- भरपूर शीतल पेय जल दें l
- पशुओं की त्वचा के ऊपर बर्फ के टुकड़ों की मालिश करे।
उष्मीय तनाव को रोकने हेतु उपाय
- पर्याप्त मात्रा में ताजा पानी एवं छायादार स्थान उपलब्ध करवायें l
- जब आप बाहर जायें तो अपने श्वान को घर में ही छोड़ जायें l
- श्वानोों की धनयधमत ग्रूमिंग करें l
- अपने पशु को शयन हेतु ठंडा छायादार स्थान उपलब्ध करवायें l
- दिन में अत्यधिक गर्मी वाले घंटो के दौरान अपने वृद्ध पशु की आवशकताओं के लिए अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील रहें।
- अपने पशु को पार्किंग में लगी हुई गर्म कार में अकेला न छोड़ें।