नकली दूध का असली खेल :  भारत में नकली दूध कैसे बनता है तथा नकली दूध की पहचान कैसे करें?

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नकली दूध का असली खेल :  भारत में नकली दूध कैसे बनता है तथा नकली दूध की पहचान कैसे करें?

 

हम में से अधिकांश लोगों के लिए, दूध के बिना काम चलाना एकदम मुश्किल है। घर में बच्चों को नाश्ते में देने से लेकर सुबह चाय तक में दूध बहुत जरूरी है। कितने घरों में अक्सर दूध से कोई न कोई डिश बनाई ही जाती है। इसमें परेशानी तब उत्पन्न होती है, जब दूध तो हो लेकिन वह गाढ़ापन और टेक्सचर न दे। क्या आपको भी लगता है कि दूध में मिलावट हो रही है? क्या आपके घर में आने वाला दूध पानी-पानी लगता है। चूंकि दूध भारत में सबसे ज्यादा बिकता है, इसलिए इसमें मिलावट बड़े पैमाने पर होती है।

दूध में मिलावट का काला खेल लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि दूध में मिलावट को कैसे पहचानें। इसके लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं जो अलग-अलग तरह की मिलावट को पकड़ने के लिए होते हैं। लेकिन अब सरकार ने दावा किया है कि एक ऐसी किट तैयार की गई है जो महज 40 सेकेंड में हर तरह के मिलावटी दूध की पहचान कर देगी।

कई बार बर्तन में दूध लेने के बाद हमारे मन में विचार आता है कि कहीं यह दूध मिलावटी तो नहीं है…?

 

कहीं हम मिलावटी दूध तो नहीं पी रहे?

अगर आप इस बारे में नहीं जानते, तो हो जाइए सावधान… क्योंकि आपके स्वास्थ्य पर मंडरा रहा है, जी हां, मिलावटी दूध का खतरा…अब तक आपने दूध में केवल पानी की मिलावट के बारे में सुना होगा। लेकिन हम आपको बता दें, कि दूध को सफेद और गाढ़ा बनाने के लिए, आजकल साबुन, डिटर्जेंट और बेहद हानिकारक केमिकल्स का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। सबसे बड़ी बात यह है, कि इस मिलावटी दूध और असली दूध में फर्क समझ पाना आपके लिए बेहद मुश्किल है, और इस तरह से बनाया जाने वाला नकली दूध, आपकी सेहत को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इससे बचने के लिए आपको नकली दूध को पहचानना बहुत जरूरी है।

हम यह सोचते हैं कि पैकेट वाला दूध अच्छा होगा, लेकिन उसमें भी सिंथेटिक की मिलावट की जाती है। कुछ लोग दूध में स्टार्च मिलाते हैं तो कुछ लोग दूध में डिटर्जेंट मिला देते हैं। इससे दूध की क्वांटिटी जरूर बढ़ती है, लेकिन उसकी क्वालिटी एकदम खराब हो जाती है।

दूध में पानी मिलाने, यूरिया और फार्मोलिन डालकर बेचने का फार्मूला अब पुराना हो चुका है। अब दूध कारोबारी नकली दूध बनाकर उसे असली दूध में मिलाकर धड़ल्ले से बेच रहे हैं। यह नकली दूध सैंपू, रिफाइन, ग्लूकोज और फैब्रिक्स कलर के मिश्रण से बनता है जो बिल्कुल असली दूध की तरह दिखता है। 50 रुपए के खर्च में कारोबारी इसे इस तरह तैयार करते हैं कि लैक्टोमीटर भी दूध को सही बताता है।

आज के समय में दूध एक बहुत ही उपयोगी चीज है, जिसे लगभग सभी घरो में इस्तेमाल किया जाता है | दूध के गुणों के बारे में बहुत ही कम व्यक्तियों को जानकारी होती है | ज्यादातर लोग दूध का सेवन करते है, लेकिन उन्हें असली और नकली दूध की पहचान नहीं होती है | हमारे देश में दूध की मांग काफी अधिक है, किन्तु आपूर्ति कम होने के कारण लगातार दूध में मिलावट करने में भी वृद्धि हो रही है | आज के दौर में पशुपालक अधिक मुनाफा लेने के लिए दूध में कई तरह की मिलावट करने लगे है | अगर दूध में सिर्फ पानी की मिलावट की जाए तो यह हमारे शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डालता है, किन्तु पानी के अलावा कुछ हानिकारक पदार्थो की मिलावट की खबरे भी सुनने को मिल जाती है, जिसमे साबुन, डिटर्जेंट, स्टार्च, यूरिया और सोडा शामिल होता है |

सिंथेटिक दूध (Synthetic Milk) में मिलाये गए यह पदार्थ हमारे शरीर के लिए काफी हानिकारक होते है | अगर हम इस तरह के दूध का सेवन करते है, तो यह हमारे शरीर में गुर्दे के रोग, कैंसर, चर्मरोग (त्वचा रोग) और हृदय रोग जैसी समस्या उत्पन्न कर सकता है | इसके अलावा हड्डियों के कमजोर होने की भी समस्या देखने को मिल सकती है | इन समस्याओ से बचने के लिए हमे असली और नकली दूध की पहचान करनी आनी चाहिए |

जानते हैं कि कैसे तैयार होता है नकली दूध?———

ऐसे तैयार किया जाता है नकली दूध- थोड़े से दूध में पहले जमकर लिक्विड वॉशिंग फैब्रिक डाला जाता है। इससे दूध की मात्रा बढ़ती है और उसमें फेन आता है। इसके बाद नकली दूध के कनस्तर में नकली रिफाइंड ऑयल मिलाया जाता है। ये नकली दूध को जरूरी चिकनाहट देता है। इसके बाद आधे घंटे तक दूध को फेटा जाता है, उसे घोंटा जाता है ताकि तेल और डिटरजेंट दूध में अच्छी तरह मिल जाएं। इसके बाद नल का पानी लेकर उस सिंथेटिक दूध में मिला दिया जाता है और सिंथेटिक दूध तैयार। इसी दूध को पीने के लिए आसपास के शहरों मे बेचा जाता है। इसी दूध से मिठाई और खोया बनाकर त्यौहारों में बेचा जाता है। जाहिर है ये दूध शरीर में बीमारियों का घर बनाता है।

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ऐसे बनता है नकली दूध

पहले ऊनी कपड़े धोने की लिक्विड ईजी को साफ बरतन में रिफाइन के साथ मिलाया जाता है, फिर ग्लूकोज डाला जाता है। दो से चार मिनट मिश्रण के बाद पानी मिलाया जाता है। अंत में फैब्रिक्स डालकर सफेद कलर को बिल्कुल दूध जैसा बनाया जाता है। दस मिनट में नकली दूध तैयार हो जाता है। सौ लीटर दूध में 20 लीटर नकली दूध मिलाया जाता है। इस दूध को बनाने में तीन से चार लोग शामिल होते हैं।

नकली दूध बनाने के  प्रचलित फार्मूला

फार्मूला नंबर 1 : बड़े बर्तन में शैंपू डालकर उसमें आधा लीटर रिफाइंड ऑयल मिलाया जाता है। फिर आधा लीटर असली दूध डाला जाता है। गाढ़ा करने के लिए चीनी का बुरादा और एक बाल्टी पानी मिलाया जाता है। इससे उतनी ही घी या खोआ मिलता है। जितना असली से।

फार्मूला नंबर : ईजी लिक्विड में सिंघारे का आटा और रिफाइन ऑयल मिलाया जाता है। फिर खाने का सोडा, मिल्क पाउडर, ग्लूकोज और थोड़ी सी इलाइची का पानी मिलाया जाता है।

 

आपके दूध में मिलावट तो नहीं? ऐसे पता लगाएं!

दूध हर घर की जरूरत है, दूध हर कोई पीता है। लेकिन, यही दूध कब जहर बनकर आपके सामने आ रहा है। इस बात की आशंका हमेशा बनी रहती है। दूध में डिटरजेंट, पानी और सिंथेटिक, स्टार्च समेत कई ऐसी चीजें मिलाई जाती हैं, जो हमारी आपकी सेहत के लिए काफी खतरनाक होती हैं। हर कोई दूध में होने वाली मिलावट को लेकर परेशान है। लेकिन सही जानकारी न होने से वो सिंथेटिक या मिलावटी दूध और शुद्ध दूध के बीच पहचान नहीं कर पाते हैं।

ऐसे करें नकली दूध की पहचान

दूध में मिलावट कैसे पहचानें?

पानी की मिलावट कैसे पहचानें?

– दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं।

– अगर बूंद धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है।

– मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाएगी।

स्टार्च की पड़ताल कैसे करें?

– आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में मिलाएं।

– मिलाने पर मिश्रण का रंग नीला हो जाएगा।

  यूरिया का पता कैसे करें?

– टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं।

– पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं।

– अगर पेपर का रंग नीला हो जाए तो यूरिया मिला है।

वनस्पति की मिलावट कैसे पहचानें?

– 3 ml दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूंद मिलाएं।

– एक चम्मच चीनी मिलाने के पांच मिनट बाद लाल रंग हो जाएगा।

फॉर्मेलिन की मिलावट कैसे पकड़ें?

– 10 ml दूध में 5 ml सल्फ्यूरिक एसिड मिलाएं।

– बैंगनी रंग की रिंग का बनना फॉर्मेलिन होने का संकेत।

– दूध लंबे समय तक ठीक रखने के लिए फॉर्मेलिन मिलाते हैं।

 सिंथेटिक दूध कैसे पहचानें?

– सिंथेटिक दूध स्वाद में कड़वा लगता है।

– उंगलियों के बीच रगड़ने पर साबुन जैसा चिकनापन लगता है।

– गर्म करने पर पीला पड़ जाता है।

 

  • यदि दूध उबालने के बाद उसकी छाली प्लास्टिक जैसी पतली उतरे तब समझिए दूध में मिलावट है।
  • टाइल्स के टुकड़े पर कच्चे दूध की कुछ बूंदें गिराएं। यदि एक लाइन में उसकी धार नहीं गिरती है तब समझिए दूध में मिलावट है।
  • अरहर की दाल के पाउडर को पांच मिनट तक कच्चा दूध में डालें। यदि रंग लाल होता है तो समझिए कि दूध में मिलावट है।
  • बरतन या टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध लें और पानी मिलाएं, फिर हिलाएं। अगर सर्फ, सैंपू होगा तो हल्का झाग बनेगा।
  • दूध में एक-दो बूंद आयोडिन टिंचर डालें। यदि दूध का रंग हल्का ब्लू दिखता है तो समझें नकली का मिलावट है।
  • दो अंगुलियों के बीच दूध की बूंदें लें और उसे मसलें। साबून जैसी फील आएगी और अंगुलियों में लगा दूध हल्का पीला दिखेगा।
  • कच्चा दूध यदि चखने पर कड़वा लगे या दूध का रंग पीला दिखे तो वह असली नहीं होगा।
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असली और नकली दूध की पहचान कैसे करें (Real and Fake Milk Distinguish)

असली और नकली दूध की पहचान करने के लिए यहाँ पर आपको कुछ तरीके बताए जा रहे है, जिसके माध्यम से आप स्वयं ही दूध की पहचान कर सकते है:-

सिंथेटिक दूध की पहचान (Synthetic Milk Identification)

  • सिंथेटिक दूध को स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक माना जाता है | क्योकि इसे बनाने में स्टार्च, डिटर्जेंट, यूरिया और सोडा जैसी कई चीजों को उपयोग करते है |
  • सिंथेटिक दूध का सेवन आपके लिवर और किडनी पर बुरा असर डालता है, साथ ही फूड पॉयजनिंग की भी समस्या देखने को मिल सकती है |
  • सिंथेटिक दूध की पहचान सूंघ कर भी की जा सकती है | दूध सूंघने पर यदि उसमे से साबुन की गंध आ रही है, तो समझ जाए कि यह सिंथेटिक दूध है |
  • दूध को उबालने के पश्चात् उसे थोड़ी देर तक धीमी आंच में रखे | यदि मलाई का रंग पीला दिखाई दे तो समझ ले कि इसमें यूरिया व् अन्य केमिकल को मिलाया गया है |

पानी वाले दूध की पहचान (Watery Milk Identification)

पानी मिले दूध की पहचान करने के लिए आप दूध की कुछ बूंदो को किसी साफ चीज पर डालें | इसके बाद उस वस्तु को थोड़ा टेढ़ा कर दे, इससे डाली गयी दूध की बूंदे बहने लगेगी | यदि यह बूंदे सफ़ेद लकीर बनाते हुए बह रही है, तो समझ जाए कि दूध में पानी की मिलावट नहीं की गयी है |

डिटर्जेंट मिले दूध की पहचान का तरीका (Detergent Milk Dectection Method)

  • आपको बता दे कि दूध में डिटर्जेंट का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है | यह डिटर्जेंट हमारे लिवर, किडनी के साथ-साथ हार्मोन्स के लिए काफी हानिकारक होता है| इस तरह के दूध की पहचान करने के लिए थोड़े से दूध को हथेली में लेकर रगड़े| यदि दूध में चिकनाहट है, तो डिटर्जेंट मिला हुआ है, अगर चिकनाहट नहीं होती है, तो मिलावट नहीं है |
  • इसके अलावा आधा कप पानी में ऊपर से उसमे तेजी से दूध को गिराएं | अगर उसमे झाग आती है, तो डिटर्जेंट की मिलावट की गयी है |
  • एक और तरीके से दूध में डिटर्जेंट मिलावट की पहचान कर सकते है | इस तरीके में आपको किसी कांच की शीशी या टेस्ट-ट्यूब में 5-10 मिलीग्राम दूध की मात्रा को डालकर तेजी से हिलाना होता है | अगर झाग दिखाई दे तो डिटर्जेंट की मिलावट की गयी है |

दूध का रंग बदलना (Milk Color Change)

असली दूध को अधिक समय तक रखने पर भी उसके रंग में परिवर्तन नहीं होता है, किन्तु नकली दूध कुछ समय में ही पीला पड़ जाता है | दूध उबलने पर यदि रंग बदलकर पीला हो जाता है, तो वह नकली है, और यदि रंग नहीं बदला है, तो दूध असली है |

मोमबती से करे शुद्ध दूध की पहचान (Pure Milk Identify by Candle)

इस तरीके में एक कांच के ग्लास में दूध को भरकर मोमबत्ती जलाई जाती है | अब इस ग्लास को मोमबत्ती की लो के एक फ़ीट ऊपर पकड़ कर रखे | अब देखे की मोमबत्ती की लो फैली हुई दिख रही है, या लंबी | मोमबत्ती की लो लंबी दिखाई दे तो दूध असली है, अन्यथा दूध नकली है |

दूध को अधिक समय तक गरम कर (Heating Milk for a Long Time Method)

दूध को अधिक समय तक गरम करके भी असली दूध की पहचान की जा सकती है| इसके लिए दूध को सामान्य से अधिक समय तक गर्म या उबाला जाता है, जिसके बाद अगर उसमे पीले रंग की मलाई जमती है, तो समझ ले कि दूध में यूरिया व अन्य केमिकल की मिलावट की गयी है |

हल्दी से शुद्ध दूध की पहचान करे (Pure Milk from Turmeric Identify)

इस प्रक्रिया में दूध की कुछ बूंदो को एक कटोरी में डाला जाता है, फिर उसमे हल्दी मिलाई जाती है | अगर हल्की तुरंत ही गाढ़ी नहीं होती है, तो समझ ले कि दूध शुद्ध नहीं है |

दूध के स्वाद से पहचान (Milk Taste)

असली और नकली दूध की पहचान पीकर भी की जा सकती है, असली दूध पीने पर स्वाद में मीठा लगेगा, वही जब आप नकली दूध को पियेंगे तो यह स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है | इस तरह का स्वाद दूध में डिटर्जेंट और सोडा मिला होने के संकेत देता है |

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नकली दूध बनाने की विधि (Fake Milk Recipe)

  • नकली दूध बनाने के लिए सबसे पहले ऊनी कपड़े धोने में इस्तेमाल होने वाले ईजी लिक्विड को एक साफ़ बर्तन में रिफाइंड के साथ मिलाए | इसके बाद इसमें ग्लूकोस मिलाए और दो से चार मिनट तक अच्छे से मिश्रित कर ले | इसके बाद पानी मिलाया जाता है, और अंत में फैब्रिक्स डालकर दूध जैसा सफ़ेद कलर बना लिया जाता है | इस तरह से मात्र 10 मिनट में नकली दूध बनकर तैयार हो जाता है | 100 लीटर दूध में तक़रीबन 20 लीटर नकली दूध मिलाया जा सकता है |
  • इस तरीके में एक बड़े से बर्तन में तक़रीबन आधा लीटर रिफाइंड आयल के साथ शैंपू डालकर मिलाया जाता है | इसके बाद 500 GM असली दूध डालते है | दूध को गाढ़ा करने के लिए एक बाल्टी पानी और चीनी का बुरादा मिलाया जाता है| इस तरह के दूध से उतना ही घी और खोया मिलता है, जितना असली दूध से |
  • इस तरीके में एक बर्तन में ईजी लिक्विड के साथ रिफाइंड आयल और सिंघाड़े के आते को मिलाते है | इसके बाद मिल्क पाउडर, खाने वाला सोडा, ग्लूकोज और थोड़ा सा इलाइची का पानी मिलाते है |

मिलावटी दूध या नकली दूध की शिकायत कहां करें

मिलावटी दूध की शिकायत मिलने पर उसे सरकार द्वारा प्रमाणित लैब भेजा जाता है। रिपोर्ट में मिलावट के प्रमाण मिलने पर संबंधितों के खिलाफ भारतीय खाद्य संरक्षा मानक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है।

डिजिटल शॉपिंग (Digital Shopping) के इस दौर में खरीददारी करना तो आसान हो गया है लेकिन लोगों कि दुश्वारियां भी कम नहीं हुई है। कई बार ऑलनाइन ऑर्डर के चक्कर में ठगी या नकली माल मिलने की भी शिकायतें आते रहती हैं। ऑनलाइन के अलावा अगर आपको किसी दुकान पर बिक रहे खाने-पीने के प्रोडक्ट (Food Product) की क्वालिटी खराब लगती है या उसमें मिलावट का शक है तो सरकार ने आपकी राह आसान कर दी है। इसकी शिकायत आप तुरंत घर बैठे कर सकते हैं और 15 दिन के भीतर आपकी शिकायत का निपटारा भी हो जाएगा।

बेवसाइट के जरिए करें शिकायत

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी आफ इंडिया की वेबसाइट https://foscos.fssai.gov.in/consumergrievance/ पर जाना होगा। वेबसाइट पर नया पेज खुल जाएगा। उसके बाद दिए गए निर्देशों के मुताबिक कॉलम भरना होगा। फोटो अपलोड कीजिए और उसे भेज दीजिए। आपकी शिकायत पर 15 दिन के भीतर निवारण होगा। इसके जरिए आपर मिलावटी खाने, बना लाइसेंस के चल रहे मैन्युफैक्चरिंक यूनिट की भी शिकायत कर सकते हैं।

24×7 basis (Toll Free No. 1800112100)

ऐप के जरिए ऐसे करें शिकायत

आप आपकी शिकायत फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के हेड क्वार्टर पर जाएगी। इसके लिए आपको कुछ आसान तरीके अपनाने होंगे। आप यदि एंड्रॉयड या आईफोन का इस्तेमाल करते हैं तो फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप डाउनलोड कर लें। इसके बाद आपको निम्न स्टेप्स फॉलो करने होंगे-

  • यहां पर आपको कस्टमर फॉर लॉजिंग ग्रेवेंस पर क्लिक करें
  • इसके बाद क्रिएट न्यू अकाउंट पर जाकर जरूरी जानकारी को भर दें।
  • इसके बाद जिस प्रोडक्ट या दुकानदार की शिकायत करनी है तो उसके लिए प्रोडक्ट का चयन कर सब कैटेगरी का चयन करें
  • इसके बाद आपको दुकानदार का रजिस्ट्रेशन नंबर/लाइसेंस नंबर या पंजीकरण नंबर भरना होगा और साथ में बैच नंबर का भी विकल्प भरना होगा
  • इसके बाद बेचने वाले का पता और नीचे दिए गए बॉक्स में शिकायती प्रोडक्ट का विवरण भरें और साथ में प्रोडक्ट की तस्वीर और उसके बिल को भी अपलोड कर दें।
  • अपनी निजी जानकारी भरने के बाद सबमिट वाला बटन दबाएं। जिसे दबाते ही आपका कंप्लेंट नंबर आ जाएगा।

इसके बाद 15 दिन में स्थानीय अधिकारी के माध्यम से आपकी शिकायत का निवारण किया जाएगा। इसके अलावा कोई कंपनी गलत प्रचार कर रही है तो उसकी भी आप शिकायत कर सकते हैं।

 

उपभोक्ता इस लिंक पर क्लिक करके संबंधित राज्य के संबंधित पदाधिकारी को फोन के जरिए या मेल के जरिए भी शिकायत प्रेषित कर सकते हैं

 

https://fssai.gov.in/cms/helpdesk.php

 

Compiled  & Shared by- Team, LITD (Livestock Institute of Training & Development)

Image-Courtesy-Google

Reference-On Request.

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