यूरिया उपचार द्वारा सूखे चारे की गुणवत्ता बढ़ाना
डॉ. अर्चना१, डॉ. विजय कुमार गोंड२ एवं डॉ. दीपिका डायना जैसी३
१ बिहार वेटरनरी कॉलेज , बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी पटना (बिहार)
२ पशु उत्पादन शोध संस्थान, पूसा, समस्तीपुर (बिहार)
३ पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, जबलपुर (म. प्र.)
भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद कृषि है तथा कृषि के साथ पशुपालन हमारे यहां कृषकों का प्रमुख व्यवसाय है , पशु खेती बाड़ी के काम में किसानों का हाथ बटाते हैं एवं उनके परिवार के लिए मांस दूध दही घी मक्खन आदि मुहैया कराते हैं एक तरह से यह पशु किसान के लिए जमा पूंजी है ,पशुपालन व्यवसाय में अच्छा मुनाफा पाने के लिए जरूरी है कि पशु को और चारा उपलब्ध कराया जाए |
मौजूदा वक्त में कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के कारण हमारे कृषक हरे चारे का उत्पादन नहीं कर पाए लिहाजा अपने पशुओं को मजबूरी में निकृष्ट स्वादहीन सूखा चारा खिलाते हैं जिससे पशु का पेट तो भर जाता है पर इस चारे में पौष्टिक तत्व जैसे के उर्जा प्रोटीन एवं खनिज तत्व एवं विटामिन की कमी होती है इस कारण पशु के बढ़वार, उत्पादन क्षमता, एवं पशु की प्रजनन क्षमता दिन-ब दिन कम होती जाती है और किसान को समुचित लाभ नहीं मिल पाता है ऐसी परिस्थिति मेकिसान भाई सूखे चारे को यूरिया से उपचारित करके निहायत ही कम खर्च में चारे की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं एवं लंबे समय तक चारे को महफूज रख सकते हैं |
यूरिया उपचारित चारा बनाने का खास तरीका होता है यूरिया का घोल बनाकर इसको सूखे चारे के ऊपर छिड़का जाता है ; यूरिया का घोल बनाने का तरीका बिल्कुल आसान है —
- अगर 100 के.जी चारे को उपचारित करना है तो उसके लिए 4 के.जी यूरिया की आवश्यकता होगी |
- इस 4 के.जी यूरिया को तकरीबन 40- 50 लीटर पानी में घोल लेना है यूरिया या पानी नापने के लिए किसान भाई घर में पड़े तेलयघी के डब्बे के खाली पड़े डब्बे इस्तेमाल कर सकते हैं एक बार नाप के योग्य डब्बे बना ले फिर हर दफा जब यूरिया का घोल बनाना हो तो उसी डब्बे का इस्तेमाल करें |
- आप जिस बर्तन में घोल बनाना चाहते हैं पहले उसमें 4 के.जी यूरिया डालें फिर थोड़ा सा पानी डालें और लकड़ी की साफ छड़ी से घोलना शुरू कर दें , पानी आहिस्ता आहिस्ता बढ़ाते जाए इस तरह की सारा नापा हुआ पानी इस्तेमाल हो जाए इस तरह यह यूरिया का घोल तैयार है l
- अब इस घोल को छिड़कने के लिए एक साफ-सुथरे जगह पर सूखे चारे ( पराली/ पुआल /तूड़ी )की 1 इंच मोटी बिछा दें उस पर किसी भी बर्तन के जरिए यूरिया घोल का छिड़काव करें बिल्कुल वैसे ही जैसे धूल बैठाने के लिए जमीन पर पानी का छिड़काव किया जाता है उसके बाद बाया हाथ पांव या हाथ की मदद से वालों को वालों को पुआल को अच्छी तरह दबाएं |
- फिर इस घोल छिड़की हुई तह पर दूसरी उतनी ही मोटी तह बिछाएं उस पर भी उसी तरह यूरिया का घोल छिड़के और उसी तरह तह को दबाएं और यह प्रक्रिया तब तक करें जब तक पूरा घोल और पूरा हुआ सूखा चारा इस्तेमाल ना हो जाए |
- छिड़काव के बाद पुआल को एक ढेर की शक्ल बना दें और उस ढेर को सील बंद कर दें सील बंद करने के लिए बड़े आकार प्लास्टिक का इस्तेमाल करें , प्लास्टिक पुआल के ढेर परपूरा फैला दें और प्लास्टिक के सिरे को चारों तरफ से मिट्टी से दबा दें ; एहतियात से इस्तेमाल करें तो यही प्लास्टिक हर बार इस्तेमाल कर सकते हैं जब भी जब भी दोबारा यूरिया उपचारित चारा बनाना हो lइस मकसद के लिए खाद की बोरी के अंदर वाली पॉलिथीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं अगर पॉलिथीन उपलब्ध ना हो तो यूरिया उपचारित की ढेर पर सरकंडे की तह बिछा दें और इस पर मिट्टी का लेप कर दें इस लिपि मिट्टी पर कहीं-कहीं दरार पड़ जाती है l ऐसी जगह पर फौरन मरम्मत कर दें ताकि बारिश का पानी नुकसान न पहुंचा सके ; यह सब इसलिए किया जाता है ताकि अमोनिया गैस ज्यादा से ज्यादा अंदर ही रहै और अपना पूरा असर दिखा सके l
- यूरिया उपचारित चारा इस्तेमाल के लिए गर्मी के मौसम में छिड़काव के एक माह बाद और जाड़े में छिड़काव के डेढ़ माह बाद निकाली जा सकती है l
- ढेरी खुलने पर अमोनिया की अमोनिया की तेज गंध महसूस होती है उससे घबराने की जरूरत नहीं है , यह चारा पशु के खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है lइस यूरिया उपचारित को चारे को आप बिल्कुल हरे चारे के साथ मिलाकर पशु को खिला सकते हैं l
आप चाहें तो पुआल को आप कतर भी सकते हैं यह भुरभुरी भुरभुरी हो जाती है जो आसानी सेकट जाती है , यूरिया उपचारित चारा आपके पौष्टिक पौष्टिक चारे की कमी को पूरा करेगी और आपके पशुओं की सेहत बेहतर हो जाएगी, यह यूरिया उपचारित आसानी से पच जाता है ,दूध बढ़ाता है और आपका खर्च भी कम हो जाता है लिहाजा आप का मुनाफा बढ़ जाता है l
किसान भाई आपको चाहिए कि यूरिया उपचार के इस तरीके को अपनाकर इसका पूरा पूरा फायदा उठाएं मांस और दूध का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करें और अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करें |
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