गर्मियों में पालतू कुत्तों की देखभाल कैसे करें
डॉ० सूर्य कान्त1, डॉ० सोनू जायसवाल2, डॉ० अजीत कुमार वर्मा1, डॉ० ए. के. श्रीवास्तव1 एवं
डॉ० अंकित जायसवाल1
पशुधन उत्पादन प्रबन्धन विभाग1 एवं पशु चिकित्सा नैदानिक परिसर2
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौधोगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
पालतू जानवरों को गर्मिओं का मौसम बिल्कुल नहीं भाता। इसका कारण ये है कि पालतू जानवरों के शरीर का तापमान मनुष्यो के शरीर से ज्यादा होता है। पालतू जानवरों में कुत्तो को मनुष्यो के सबसे करीबी माना जाता है। कुत्ते मनुष्यों के जैसे अपनी त्वचा के माध्यम से पसीना नहीं निकालते हैं। कुत्ते गर्मी से खुद को बचाने के लिए जीभ निकालकर सांस लेते हैं, इस प्रकिया को पैंटिंग कहते हैं। कुत्तों की कुछ खास नस्लों को गर्मी कुछ ज्यादा ही लगती है। जिस कारण उन्हें गर्मी के मौसम में ओवरहीटिंग की समस्या होती है, जिसके कारण कुत्ते डीहाईड्रेट हो सकते हैं जैसे- बुलडॉग, चिहुआहुआ, चाउ-चाउ, पेकिंगेज, ल्हासा एप्सो, बुल मैस्टिफ, शिहत्जुस, बोस्टन टेरियर्स, पग, और पेकिंगीज ब्रीड को एयरकंडीशनर में रखना बेहद जरूरी होता है। इन प्रजातियों के पपी और डॉग्स को ठंडे रूम में रखना चाहिए, नहीं तो गर्मियों में इनका स्वास्थ बिगड़ सकता है।
संकेत कि आपका कुत्ता गर्मी के कारण पीड़ित है –
कुत्तो में गर्मी के कारण होने वाले हीट स्ट्रोक से निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं –
- भूख न लगना
- चलते समय लड़खड़ाना
- मोटी लार
- भारी हाँफना
- सूखे या चमकीले लाल मसूड़े
- उल्टी करना
- दस्त ।
कुत्ते को गर्मिओं में कैसे ठंडा रखें –
- अपने पेट्स को गर्म पानी न देकर हल्का ठंडा पानी ही पिलाएं। हफ्ते में अधिकतम दो बार नहलाएं।
- कुत्ते को खुले, सूखे व ठंडे स्थान पर रखें, संभव हो तो उसे एयरकंडीशन में रखें।
- यदि आपके पास एयर कंडीशनिंग नहीं है तो आप कुत्तों के लिए एक छोटे कूलर पर विचार कर सकते हैं।
- तेज धूप में कुत्ते को बाहर ना निकाले। दिन के समय अपने पेट्स को घर के अंदर रखें, क्योंकि धूप और गर्मी की वजह से वे बीमार पड़ सकते हैं। ज्यादा धूप लगने से उन्हें सन स्ट्रोक और सनबर्न भी हो सकता है।
- कुत्तों को गर्मियों में टहलाने के लिए हमेशा सुबह और शाम का वक्त ही चुनें। सूरज चढने के बाद उसे घुमाने न ले जाएं।
गर्मियों में डी-हाइड्रेशन से कैसे बचाएं –
गर्मियों में डॉग को हीट स्ट्रोक लगने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। जिससे इनमें डी-हाइड्रेशन हो जाता है। गर्मियों में डॉग को डी-हाइड्रेशन से बचाने के लिए डॉग मालिक को निम्न बातो को ध्यान में रखना चाहिए –
- गर्मियों में डॉग को डी-हाइड्रेशन से बचाने के लिए डॉग के पास हमेशा पानी रखा रहना चाहिए, जिससे वह समय-समय पर पानी पी सके।
- गर्मियों के मौसम में दिन के समय डॉग को दिए जाने वाले पानी में थोड़ा इलेक्ट्रॉल और ग्लूकोज भी मिला दें, ये डॉग को डी-हाइड्रेशन से बचाने में मदद्गार साबित होगा।
- डॉग को दिन के समय छायादार, ठंडे स्थान पर ही रखें।
- न्यू बोर्न पपी को पाउडर वाला दूध देते समय उसमें उबला हुआ या आसुत जल (डिस्टिल्ड वॉटर) का ही इस्तेमाल करना चाहिएए अन्यथा पपी को लूज मोशन हो सकते हैं।
- गर्मियों में डॉग को रोजाना नहलाया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि डॉग को शैंपू रोजाना मत करें और जिस भी शैंपू का इस्तेमाल करें, उसे पंजीकृत पशु चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।
खाने -पीने का रखे विशेष ध्यान –
गर्मियों के मौसम में डॉग सामान्य दिनों की अपेक्षा कम खाता है, इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने डॉग को गर्मियों में संतुलित आहार ही दें। डॉग को गर्मियों में घर में बनी चीजें, जैसे दही और चावल जैसा हल्का आहार खिलाएं। इसके अतिरिक्त रेडीमेड डॉग फूड, जैसे पेडिग्री दे सकते हैं, इससे उसे पूरा पोषण मिलेगा। खाने का समय और जगह ठंडी हो, क्योंकि ज्यादा गर्मी होगी तो वह खाना नहीं खाएगा। ऐसे में डॉग के मालिकों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए
- ज्यादा गर्म व हैवी खाना न दें। ज्यादा गर्मी से खाना डायजस्ट नहीं होगा, जिससे मोशन की शिकायत हो सकती है।
- सप्ताह में कम से कम दो बार उबला हुआ मीट खिलाएं।
- दोपहर में खाना देने से बचें तथा खाने में दही का उपयोग करें, कुत्ते को दोपहर में बाहर न जानें दें।
- अपने डॉग को कोई भी एलर्जिक आहार न दें।
साफ सफाई का कैसे रखे ध्यान –
गर्मियों के मौसम में डॉग से सम्बंधित पिस्सू एवं टिक्स की संख्या बढ़ जाती है एवं यह आपके डॉग के स्वास्थ्य के लिए भी समस्या पैदा करते है। इन सब से बचने के लिए अपने डॉग की साफ सफाई एवं उनके घर को सप्ताह में कम से कम दो बार साफ करना चाहिए तथा डॉग को समय-समय पर कीड़ो की दवाई पंजीकृत पशु चिकित्सक की परामर्श के अनुसार देना चाहिए। अपने डॉग के निरंतर अन्तराल पर नाखून काटें एवं साथ ही उनके पंजों का खास ख्याल रखें, क्योंकि गर्मियों में जानवरों के पंजें फट जाते हैं और उनमें इनफेक्शन का डर बना रहता है।
कुछ अन्य सावधानियां –
- अपने कुत्ते का वैक्सीनेशन पंजीकृत पशु चिकित्सक से ही कराएं।
- गर्मियों के मौसम में ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, इसलिए कुत्ते की सही तरीके से सफाई करें।
- बड़े बालों वाले कुत्ते जैसे बुल डॉग, पोमेरेनियन, जर्मन शेपर्ड की सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए ।
- गर्मियों के दौरान अगर आपके पेट्स की बॉडी पर लाल चकत्ते या फिर फंगस पैदा हो रही हो या फिर पेट में सूजन हो तो अलर्ट हो जाएं।
- हर सप्ताह अपने पालतू जानवर का वजन और बॉडी कंडिशन चेक करते रहें, उसी के मुताबिक उन्हें खाना देते रहें।
- किलनी पैदा होने पर शरीर के उस हिस्से की विशेष सफाई करें।
- इंसानो में प्रयोग होने वाले शैम्पू को कुत्तो को नहलाने में बिलकुल भी प्रयोग न करें।
- गर्मियों के मौसम में कभी भी अपने डॉग को कार में नही छोड़ना चाहिए। कई बार इस तरह ज्यादा गर्मी की वजह से उनकी मौत भी हो सकती है। हालांकि, गर्म वाहन के अंदर कुत्तों और बिल्लियों में हीटस्ट्रोक विकसित होने में 10 मिनट से भी कम समय लग सकता है।
- काले बालों वाले कुत्तो में प्रकाश (ऊष्मा) का अवशोषण होता है, जबकि हल्के रंग या सफेद रंग के कुत्तों में प्रकाश का रिफ्लेक्शन होता है। जिससे काले फर वाले कुत्तों की अपेक्षा सफेद रंग के कुत्ते कम गर्मी का अनुभव करते हैं, इसलिए इनमें हीटस्ट्रोक का खतरा गर्मियों मे अधिक रहता है।
- आजकल जागरूकता के चलते लोग स्ट्रीट डॉग का भी खासा खयाल रखते हैं और इनके लिए भी भोजन पानी का इंतजाम करते हैं। ऐसे में अगर आप स्ट्रीट डॉग लवर हैं, तो उनके लिए भी गर्मियों में सबसे पहले पानी का इंतजाम करें, इसके साथ ही उनके लिए छावं का व्यवस्था करें, उन्हे भोजन में दूध दलिया, रोटी दे सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण, पशु सन्देश, पशुधन प्रहरी