अण्डा का पोषण में महत्व

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अण्डा का पोषण में महत्व

अण्डा में बहुत उत्तम गुण वाली जंतु प्रोटीन पाई जाती है। यह प्रोटीन बहुधा अन्य आहारों में पाई जाने वाली प्रोटीन के लिये एक मानक के रूप में भी उपयोग की जाती है । अण्डा में पाई जाने वाली वसा असंतृप्त वसीय अम्ल व खनिज तत्वों में लोहा व स्फुर (फास्फोरस) एवं समस्त विटामिनों केवल विटामिन सी को छोड़कर का मुख्य स्त्रोत है। इस प्रकार अण्डा एक संतुलित आहार प्रदान करता है। इसका अधिक पोषक तत्व, कम ऊर्जा व सरलता से पाचन योगयता इसे बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं एवं वृद्धों के लिये कीमती व कुपोषण से बचाव हेतु उपयोगी मानव आजार बनाता है। अण्डों के खाने योग्य हिस्सों का औसत रसायन घटक रचना, अण्डों का रोज के आहार में महत्व, मानव की रोज की न्यूनतम अमीनों अम्लों की आवश्यकता व दो औसत भार के अण्डों द्वारा पूर्ति की जाने वाली मात्रा तालिका 3.1 में प्रस्तुत की गई है।

 

मुर्गी के अण्डों का मानव पोषण में महत्व

मुर्गी के अण्डे की संरचना प्रकृति ने ऐसे की है कि वह आज दुनियाँ का सबसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योकि इसमें पायी जाने वाली प्रोटीन की गुणवत्ता इतने उच्च दर्जे की है कि इसमें सभी जरुरी 09 अमीनों एसिड़ उपयुक्त मात्रा में उपस्थित है। इन्हीं कारणों से अण्डों को बायोलाँजिकल वैल्यू के निर्धारण के लिए मानक के रुप लिया जाता है।

यदि हम अण्डे की बनावट को देखें तो पायेंगे कि इसके ऊपरी स्तर पर एक सुरक्षात्मक खोल है जो कि मुख्यतः कैल्शियम कार्बोनेट से बना है और वह कुल अण्डे का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा निर्धारित करता है। इसके ठीक नीचे एक पतली झिल्ली होती है जो सम्पूर्ण अण्डे के तरल व ठोस द्रव्य को चारों ओर से समेटे रहती है तथा ऊपरी सख्त खोल से जुड़ी रहती है। यही वह झिल्ली है जो अण्डों को बाहरी जीवाणुओं के हमले से बचाती है] क्योकि यह पाया गया है कि ऊपरी सख्त खोल से भी कुछ जीवाणु छोटे -छोटे छिद्रों से प्रवेश कर जाते हैं किन्तु झिल्ली से भीतर जाना उनके लिए सम्भव नहीं होता है।

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अगर हम अण्डे की संरचना पर और ध्यान दे तो पायेंगे कि झिल्ली के नीचे अण्डे का सबसे पौष्टिक तत्व यानि एल्ब्यूमिन रहता है जो कि तरल रुप में अण्डे का लगभग 58 प्रतिशत हिस्सा बनता है और पूरे अण्डे का आधे से ज्यादा प्रोटीन इसी हिस्से में पाया जाता है। एक बड़े आकार के अण्डे में माना जाता है कि 6.3 ग्राम प्रोटीन उपलब्ध होता है और यदि इस प्रोटीन को हम एल्ब्यूमिन और योक में विभाजित कर दे तो पायेंगे कि लगभग 3.5 ग्राम प्रोटीन एल्ब्यूमिन में तथा 2.8 ग्राम प्रोटीन योक में पायी जाती है।

यही नहीं जो लोग वसा से परहेज करते हैं वे सिर्फ एल्ब्यूमिन का ही उपयोग आहार के रुप में करते हैं] क्योंकि इसमें वसा की मात्रा सबसे कम यानि लगभग 0.2 प्रतिशत होती है। जरूरी अमिनों एसिड को ध्यान में रखें तो पायेंगे कि अण्डे की प्रोटीन सभी खाद्य पदार्थों में उत्तम है। क्योंकि लगभग 09 जरुरी एमीनों एसिड ऐसे हैं जो मानव शरीर नहीं बना पाता है और इसकी भरपायी हमें भोज्य पदार्थों से ही करनी पड़ती है। इस कड़ी में अण्डे को सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ का स्थान मिला है और हम अन्य सभी खाद्य पदार्थों को अण्डे की तुलना में ही मानक प्रदान करते हैं।

अगर हम बायोलाँजिकल वैल्यू को वरीयता दें और 100 के स्केल पर देखें तो पायेंगे कि पूरे खाद्य पदार्थों में अण्डा 93.7 के अंक के साथ सबसे प्रथम स्थान पर है। इसके बाद दूध (84.5), मछली (76.0), मांस (74.3), सोयाबीन (72.8), चावल (64.0), गेहूँ (64.0) इत्यादि का स्थान क्रमशः आता है।

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इसी कड़ी में एल्ब्यूमिन के नीचे अण्डे का एक और महत्त्वपूर्ण पौष्टिक तत्व पाया जाता है जिसे योक कहते हैं और यह कुल अण्डे का लगभग 31 प्रतिशत होता है। इसी हिस्से में अण्डे की अधिकतम वसा पायी जाती है] जो कि जो कि लगभग पूरे योक की 32 प्रतिशत होती है। सभी तरह के वसा से सम्बंधित विटामिन इसी हिस्से में पायी जाती है] जिसमें प्रमुखतः विटामिन । ए, डी, और ई होती है। विटामिन B12 और फोलिक एसिड तथा आयरन] कैल्शियम] कापर व फास्फोरस जैसे खनिज भी योक में ही पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त अण्डे के योक में लगभग 200 मिलीग्राम कोलेस्ट्राँल दैनिक रुप से लेना सुरक्षित माना गया है और चिंता की बात होती है यदि हम ज्यादा सेचुरेटेड वसा का सेवन करते हैं। हलांकि अण्डे में एक तिहाई से भी कम वसा का भाग सेचुरेटेड होता है,जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से सुरक्षित माना जाता है। यही नहीं हाल ही में कुछ अनुसंधानों से पता चला है कि मानव शरीर स्वयं भी कोलेस्ट्राँल बनाता है तो यदि खाद्य पदार्थों से न भी मिले तो शरीर की अपनी विशेषता व दिनचर्या कोलेस्ट्राल के लिए उत्तरदायी माने गये हैं।

इस तरह हम यह पाते हैं कि अण्डा एक सर्वोत्तम खाद्य पदार्थ है जो हमारी पौष्टिक जरुरतों को भली भाँति पूरा करता है। तथा इसमें किसी भी प्रकार के मिलावट आदि का खतरा भी नहीं रहता है। यदि हम आर्थिक दृष्टि से देखें तो लगभग 5 रुपये में 6.3 ग्राम उत्तम प्रोटीन तथा 5 ग्राम वसा और ढ़ेर सारे खनिज व विटामिन हमें अन्य किसी खाद्य पदार्थ से नहीं मिलते हैं।

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तालिका 1

अण्डों के खाद्य योग्य पदार्थ की प्रतिशत रसायन संचरना

कुल खाद्य पदार्थ अण्डे की सफेदी पीतक (योक)
प्रोटीन 12.0 10.0 14.0
वसा 11.3 सूक्ष्म मात्रा 32.0
कार्बोज 1.0 1.0 1.0
जल 74.0 87.0 49.0

तालिका 2

दैनिक मानव आहार में अण्डों का महत्व

औसत क्रियाशील मनुष्य के लिये अनुमोदित दैनिक आवश्यकता 2 अण्डों में मात्रा दैनिक आवश्यकता की 2 अण्डों द्वारा की गई: पूर्ति
ऊर्जा (केलारियां) 3000 180 6
प्रोटीन (ग्रा.) 70 13.2 20
वसा (ग्रा.) 50 11.0 22
कार्बोज (ग्रा.) 570
कैल्शियम (ग्रा.) 0.8 0.06 8
फास्फोरस (ग्रा.) 0.9 0.24 27
लोहा (मि.ग्रा.) 12.0 3.20 26
आयोडीन (मि.ग्रा.) 0.1 0.001 10
विटामिन ए (आई.यू.) 5000 1000 20
विटामिन डी (आई.यू.) 400 100 25
विटामिन सी (मि.ग्रा.) 75
विटामिन बी (मि.ग्रा.) 1.5 0.12 8
विटामिन बी 2 (मि.ग्रा.) 1.5 0.12 8
निआसिन (मि.ग्रा.) 20 1.2 6

तालिका 3

मानव की अमीनो अम्ल की दैनिक न्यूनतम आवश्यकता एवं दो अण्डों द्वारा पूर्ति की जाने वाली मात्रा

अमीनो अम्ल आवश्यकता मि.ग्रा. 2 अण्डों में मात्रा मि.ग्रा. दैनिक आवश्यकता की दो अण्डों द्वारा: पूर्ति
आर्जीनिन 756
हिस्टीडिन 260
थ्रियोनिन 500 605 121
वेलीन 800 853 107
ल्यूसिन 1100 1096 99
आइसोल्यूसिन 700 756 108
लाइसिन 800 245 23
मिथीओनिन 1100 390 35
फिनाइल एलेनिन 1100 690 63
ट्रिप्टोफेन 250 140 56

 

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