IMPORTANT COMPONENTS OF GOAT MILK & THEIR BENEFITS
बकरी के दूध के महत्त्वपूर्ण घटक तथा लाभ
दिव्यांशु पांडे¹, नीलम पुरोहित², अंकिता भोसले 3,श्रुति गुप्ता4,स्नेहलमिसाळ5
1, 5 पशु आनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल हरियाणा –132001
2, 3, 4 पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल हरियाण–132001
बकरी का पशुधन उत्पादन में महत्वपूर्ण भागीदारी
बकरी पशुधन उद्योग का महत्वपूर्ण घटक है ,जिसमें कठोर जलवायु के अनुकूल होने की क्षमता होती है जो उन्हें भूमिहीन और सीमांत किसानों के लिए उपयुक्त बनाती है ।
दूध और दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति में बकरियों का योगदान अधिक है ,और ग्रामीण की अर्थव्यवस्था में भी बकरी पालन बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बकरी के दूध में गाय के दूध की तुलना में अधिक मात्रा में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम आयन तथा अधिक मात्रा में आयरन होता है, जो कि बकरी के दूध को गाय के दूध के रूप में अधिक पोषक बना देती है । बकरी के दूध में मध्यम श्रृंखला का लिपिड होता है जो कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बकरी के दूध में लेक्टोज की मात्रा गाय के दूध की तुलना में कम होता है जिससे कि मनुष्य में होने वाली लेक्टोज इनटोलरेंस की समस्या कम होती है। बकरी का दूध कई बीमारियों जैसे डेंगू तथा अन्य वायरल रोगों के दौरान रक्त में प्लेटलेट काउंट में सुधार करने के लिए मदद करता है। बकरी के दूध में अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डियों तथा दांतो को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि गाय के दूध की तुलना में बकरी के दूध से पेट में सूजन कम होती है तथा तथा बकरी का दूध दिल के लिए स्वस्थदायक होता है तथा दिल के दौरे और फिर उसके जैसे दिल की बीमारियों के होने की संभावना कम करता है, क्योंकि बकरी के दूध में अधिक मात्रा में कैल्शियम तथा पोटेशियम आयन होते हैं जो कि रक्त का संतुलन और रक्तचाप संतुलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बकरी के दूध की संरचना मानव के दूध जैसी होती है इसमें गुणवत्ता के दूध का उत्पादन करने की क्षमता होती है इसके अलावा इसका मनुष्य के लिए औषधीय महत्व भी बहुत है गाय के दूध का स्वास्थ्य विकल्प है जो कि नियमित गाय की दूध की तुलना में अधिक आसानी से पड़ जाता है खासकर बच्चों और उनके लिए पेट का कब्ज तथा अन्य गैस की समस्याओं को दूर करने के लिए बकरी का दूध बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
बकरी के दूध में फोलिक एसिड की कमी होती है और यह 1 वर्ष से कम उम्र के शिष्यों के लिए अनुशंसित नहीं है क्योंकि इससे एनीमिया हो सकता है।
बकरी के दुग्ध उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्व —-
उत्पादन राशन
1 लीटर दूध 3-0 प्रतिशत वसा के उत्पादन के लिए 43 ग्राम क्रूड प्रोटीन और 200 ग्राम स्टार्च समतुल्य की आवश्यकता होती है जबकि 4-5 प्रतिशत वसा वाले 1 लीटर दूध के उत्पादन के लिए यह 60 ग्राम क्रूड प्रोटीन की आवश्यकता होती है। 50 किलो वजन वाली और 4 प्रतिशत वसा के साथ 2 लीटर दूध देने वाली बकरी की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को 400 ग्राम कंसेंट्रेट मिश्रण और 5 किलो बरसीम या ल्यूसर्न खिलाकर पूरा किया जा सकता है। उनके घास और उत्पादित दूध में प्रोटीन की मात्रा के आधार पर राशन में 12 से 15 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होनी चाहिए।
एलोवेरा को पोषक सप्लीमेट के रूप में आजकल उपयोग कर रहें हैं। एलोवेरा का बकरी के दुग्ध उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। इसके उपयोग से प्रतिरक्षा तंत्र में सुधार तथा आंतो के स्वास्थ्य होने की काफी संभावनाएं होती हैं। यह पशु पोषण में विकास प्रमोटर का काम करता है जिससे पशु का विकास सही दर से होता है।
बकरी के दूध का महत्व –
- बकरी के दूध में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है जोगी हड्डियों के विघटन को कम करता है एवं बड़ी आंत के कैंसर से बचाता है इस प्रकार मोटापे से भी बचाता है।
- अधिक पोटेशियम होने के कारण बकरी का दूध रक्तचाप कम करने में भी सहायक होता है
- बकरी के दूध से ही मधुमेह की बीमारी कम होती है क्योंकि बकरी के दूध में लैक्टोज की मात्रा गाय के दूध की मात्रा में कम मिलता है।
बकरी की दूध की विशेषताएं
- बकरी के दूध में वसा ग्लोबुल छोटे होने के कारण मलाई अलग नहीं होती है इसीलिए इसे प्राकृतिक होमोजेनाइज दूध कहा जाता है
- बकरी के दूध में विटामिन ए की मात्रा प्राप्त होती है जो कि आंखों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है
बकरी की दूध की संरचना मनुष्य के दूध के लगभग समान होती है।
- बकरी के दूध में क्लोरीन तथा सिलिकॉन की अधिक मात्रा होती है
- बकरी की दूध में भरपूर मात्रा में सेलेनियम भी होता है
बकरी की दूध में मिलने वाले पपोषक तत्व
प्रोटीन
बकरी के दूध गाय के दूध से बिल्कुल अलग होता है इसमें बीटा केसिन की मात्रा अधिक होती है जो कि आसानी से ऊपरी आंत में पच जाता है
बकरी के दूध में मुख्यतः दो प्रोटीन मिलते हैं पहला केसीन प्रोटीन तथा दूसरा व्हे प्रोटीन
केसीन कुल प्रोटीन का लगभग 80 प्रतिशत होता है।
1 अल्फा ए
2- अल्फा बी
3-बीटा
4- कापा
- वेह प्रोटीन भी दो रूपों में मिलता है अल्फा लेक्ट अल्बुमिन तथा बीटा लेक्ट अल्बुमिन ।
विटामिन
गाय के दूध के मुकाबले बकरी के दूध में अल्फा केसीन की मात्रा कम होती है जबकि बीटा केसीन अधिक होता है जोa ए2 टाइप का होता है।
अमीनो अम्ल
टॉरीन यह बकरी के दूध में मिलने वाला सबसे अहम अमीनो एसिड होता है इसकी मात्रा बकरी के दूध में गाय के दूध से 40 गुना अधिक होती है टोरीन मनुष्य के शरीर बाइल साल्ट के निर्माण और कोशिकाओं की झिल्ली में कैल्शियम की आवाजाही को नियंत्रित करता है।
संक्षिप्त सार
- बकरी का दूध– रोग निवारक तथा प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आसानी से पच जाता है जिससे लेक्टोस इनटोलरेंस की समस्या नहीं होती है।
- विटामिन ए की भरपूर मात्रा बकरी के दूध को अत्यधिक पोषण प्रदान करता है।
- बकरी का दूध प्रीबियोटिक जैसे उपयोग में आता है जो कि पाचन क्षमता को बढ़ाता है।
- बकरी के दूध से शरीर का मेटाबॉलिज्म संतुलन में रहता है, इसी गुण के कारण संसार में 60 प्रतिशत से भी अधिक लोग बकरी के दूध को अपने संतुलित आहार में शामिल करते हैं।
- बकरी के दूध का संरचना इंसान के दूध की संरचना से मिलता है परंतु यह इंसान के शिशु के लिए उचित नही होता है।