डॉ उमेश चंद्र शर्मा, अध्यक्ष इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन तथा मेंबर वेटरनरी काउंसिल आफ इंडिया के साथ डॉ राजेश कुमार सिंह ,संपादक पशुधन प्रहरी के साक्षात्कार का मुख्य अंश
वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया (वीसीआई) , भारत सरकार द्वारा गठित भारतीय पशु चिकित्सा की सबसे अपेक्स बॉडी है। इस संस्था का काम भारत में पशु चिकित्सा शिक्षा प्रणाली मे स्नातक की शिक्षा के उत्कृष्ट स्तर के मापदंड को बनाए रखने के साथ-साथ भारतीय पशु चिकित्सको की कार्यप्रणाली एवं उनके सभी तरह की प्रोफेशनल हितों की रक्षा करना है तथा समय-समय पर सरकार को सुझाव देना है। इसका चुनाव अभी हाल में अगस्त के महीने में संपन्न हुआ। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि देश के समस्त निबंधित पशु चिकित्सकगणों ने अपने मतों के अधिकार को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस्तेमाल करके वीसीआई के 11 सदस्यों को चुनाव किया। इन सदस्यों के अलावा 16 सदस्य मनोनीत होकर आएंगे तथा वे वीसीआई के बॉडी को गठन करेंगे। इस चुनाव में जो प्रमुख लीडर बनकर उभरे तथा जिनके नेतृत्व में चुनाव लड़कर के 11 सदस्यों में से 10 सदस्य विजई हुए उस शख्सियत का नाम है डॉक्टर उमेश चंद्र शर्मा। डॉ शर्मा इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं तथा वे वेटरनरी काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष भी सन 2014 से 2017 तक रह चुके हैं।
डॉ उमेश चंद्र शर्मा मूल रूप से मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले हैं। उन्होंने 1997 में अपनी वेटरनरी की डिग्री मऊ वेटनरी कॉलेज से ली। वे 2015 से 2018 के बीच आईसीएआर के सदस्य भी रहे। डॉ शर्मा वर्तमान में प्रांतीय राजपत्रित पशु चिकित्सक संघ, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष भी हैं। डॉ शर्मा , केरला तथा राजस्थान के वेटरनरी यूनिवर्सिटी के वीसी के सिलेक्शन कमिटी में है। ये ,नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के भूतपूर्व मेंबर भी रह चुके हैं। इन्होंने अपनी सेवा टेक्निकल एडवाइजर के रूप में पशुपालन विभाग, मध्य प्रदेश सरकार को 2005 से 2010 तक दी है। इसके अलावा डॉ शर्मा देश के बहुत सारे सोशल ऑर्गेनाइजेशन से स्वेच्छा से जुड़े हुए हैं।
डॉ उमेश चंद्र शर्मा से पशुधन प्रहरी के प्रधान संपादक डॉ राजेश कुमार सिंह कि साक्षात्कार के मुख्य अंश निम्न वत प्रस्तुत है।
पशुधन प्रहरी-
सर नमस्कार, सबसे पहले तो आपको बधाई कि आपकी नेतृत्व वाली टीम को आपके द्वारा किए गए पूर्व की कार्यों के आधार पर अभूतपूर्व विजय प्राप्त हुई हाल के भीसीआई के इलेक्शन में। इलेक्शन बीते लगभग 2 महीना होने जा रहे हैं। देश के सारे पशु चिकित्सक बिरादरी की नजर आप पर और आपकी पूरी टीम पर है। देश के समस्त पशु चिकित्सक आप से ढेर सारी अपेक्षाएं रखते हैं तथा उनका ढेर सारा प्रश्न है जो मैं एक-एक करके आपके सामने रखूँगा और मैं आशा करूंगा कि आपके दिए हुए उत्तर से हमारे पशु चिकित्सक गण अवश्य संतुष्ट होंगे।
पशुधन प्रहरी –
वीसीआई इलेक्शन के द्वारा देश की अधिकांश पशु चिकित्सकों ने मुद्दा उठाई थी कि पशु चिकित्सकों की सेवा को जमीनी स्तर पर सुगम बनाने के लिए भीसीआई के नियम के तहत मिनिमम स्टैंडर्ड ऑफ वेटनेरी प्रैक्टिस रेगुलेशन पूरे देश में लागू होना चाहिए इस पर आपका क्या कहना है?
डॉ शर्मा –
पूर्व में ,जब मैं भीसीआई का अध्यक्ष था 2014 में तभी मैंने इसको मुख्य एजेंडा में रखा था और इस बार यह हम लोगों का मेनिफेस्टो में भी रहा है। चुकी यह मिनिमम स्टैंडर्ड ऑफ वेटनरी प्रैक्टिस रेगुलेशन (MSVPR) , भीसीआई का मेन मैंडेट है, इसको पिछले कार्यकाल में हमने बहुत मेहनत करके देश के, सभी राज्यों के सभी स्टेक होल्डर्स को बुलाकर उनके साथ मीटिंग की तथा कंपलीट ड्राफ्ट बनाकर 2016 में हमने भारत सरकार को भेज दिया लेकिन इसमें थोड़ा कानूनी पेच है कि इसको राज्य स्तर पर राज्य के विधानसभा से पास कराना होगा तभी हम इसको उस राज्य को बाध्य कर सकते हैं ,यह नियम उस राज्य में लगाने के लिए। मैं आशा करता हूं कि आने वाले 6 महीने के भीतर इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। चुकी हमारा मुख्य उद्देश्य है सभी पशुपालकों तथा पशुधन ,जानवरों को उत्तम पशु चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जाए इस लक्ष्य को पाने के लिए नियम लगाना बहुत ही जरूरी है।
पशुधन प्रहरी –
आज देश के विभिन्न राज्यों में कार्यरत सरकारी पशु चिकित्सक यह मांग कर रहे हैं कि पूरे देश में वन नेशन वन पे ,वन डेजिग्नेशन का नियम लागू हो। इस संबंध में आप क्या करने जा रहे हैं?
डॉ शर्मा –
यह तीनों कार्य हमारी प्राथमिकता में थी पिछले कार्यकाल में भी, हमने पिछले कार्यकाल में सरकार को लिखे थे की 3 कमेटियां (वन नेशन वन पे, वन नेशन वन डेसिग्नेशन तथा एनपीए) बनाने के लिए । इसके लिए हम पूरे देश के जो भी पशु चिकित्सा के राज्य स्तरीय संगठन हैं तथा जो भी स्टेकहोल्डर है ,को बुलाकर ,मीटिंग करके, विचार-विमर्श करके तथा देश भर के सभी राज्यों के संपूर्ण जानकारियां इस संबंध में एकत्रित करके एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे तथा उस ड्राफ्ट को कमेटी बनाकर सरकार से अनुरोध कर पास कराने का कोशिश करेंगे। चुकी पशु चिकित्सा सेवा राज्य के अधीन आता है, यह स्टेट सब्जेक्ट का मैटर हो जाता है, अतः इसको राज्य स्तर पर लागू कराने के लिए उस राज्य की सहमति भी अनिवार्य होनी है।
पशुधन प्रहरी –
देश के विभिन्न राज्यों में सरकारी सेवा में कार्यरत पशु चिकित्सकों की मांग है कि उन्हें केंद्र सरकार के अनुरूप नान प्रैक्टिस अलाउंस दी जाए इस पर आपकी क्या सोच है?
डॉ शर्मा –
यह एक जटिल मुद्दा है जो कि केंद्र सरकार ने इस संबंध में पहले ही एडवाइजरी सभी राज्यों को जारी कर दी है केंद्र की अनुरूप नन प्रैक्टिस एलाउंस (NPA) पशु चिकित्सकों को देने के लिए, लेकिन राज्य सरकारों का इस संबंध में भिन्न मत है। इस पर कुछ राज्य सरकारें राजी हैं कुछ राज्य सरकारें राजी नहीं है। यहां तक कि पशु चिकित्सकों में भी इस पर विरोधाभास है कुछ पशु चिकित्सक चाहते हैं कि उनको एनपीए मिले कुछ पशु चिकित्सक चाहते हैं कि उनको एनपीए ना मिले क्योंकि वे प्रैक्टिस करते हैं। अतः इस मुद्दे पर सभी राज्य पशु चिकित्सा सेवा संघ से कंसल्ट करके आगे की कार्रवाई शीघ्र ही की जाएगी
पशुधन प्रहरी-
पशु चिकित्सकों को उनकी रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल कराने में तथा एक राज्य से दूसरे राज्य में रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है इसके लिए आपने वीसीआई इलेक्शन के दौरान जो वादा किया था कि 6 महीना के अंदर यह समस्या दूर कर ली जाएगी इसको ऑनलाइन बनाकर ,अभी तक इसमें क्या प्रोग्रेस हुई?
डॉ शर्मा –
मैं आपके पत्रिका के माध्यम से देश के पशु चिकित्सक बृंद को यह बताना चाहता हूं कि पिछले कार्यकाल में हमने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल तथा नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट हेतु सॉफ्टवेयर का अपडेशन का 90% कार्य को कर दिया था। वीसीआई के नई टीम के गठन के 3 महीने के अंदर इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। देश के कुछ राज्यों जैसे कि मध्य प्रदेश ,गुजरात आदि राज्यों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का कार्य शुरू हो चुका है।
पशुधन प्रहरी –
हमारे देश में अगर रजिस्ट्रेशन का डाटा लिया जाए तो वर्तमान में 60 हजार से ज्यादा पशु चिकित्सक है इनमें से सैकड़ों पशु चिकित्सकों को आए दिन कुछ न कुछ वेटनरी प्रोफेशन से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पशु चिकित्सकों की मांग है कि वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा एक ग्रीवेंस सेल का गठन हो तथा उस समस्या का समाधान हेतु एक लीगल सेल का गठन किया जाए जो हमारे पशु चिकित्सकों को वेटरो लीगल जैसे केस में सहायता प्रदान करें, इस तरह की व्यवस्था पर आपका क्या कहना है?
डॉ शर्मा —
यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है ।इस को हमने अपने इलेक्शन मेनिफेस्टो में भी रखा था। हम चाहते हैं कि देश स्तर पर भीसीआई द्वारा पशु चिकित्सकों की वेटरो लीगल समस्याओं को सुनने के लिए एक लीगल सेल का गठन हो। जल्दी ही हमारी नई कमेटी राज्यो के सभी पशु चिकित्सा संघो के अध्यक्षो तथा राज्यो के वेटरनरी काउंसिल के रजिस्ट्रारो के साथ एक बैठक कर ड्राफ्ट तैयार करेंगी तथा इस कार्य को जल्दी ही कर लिया जाएगा
पशुधन प्रहरी –
वेटनरी प्रोफेशन में क्वेकरी की समस्या सबसे जटिल है और दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, इस समस्या के निदान हेतु आपकी क्या सोच है?
डॉ शर्मा –
बिल्कुल यह ना केवल पशुपालन की समस्या है बल्कि मेडिकल क्षेत्र में भी क्वेकरी की समस्या सबसे ज्यादा है। हमें इसको जरा सोचने की जरूरत है ,हम क्वेक किसको बोलते हैं। हमारे वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया के मैंडेट के तहत जो भी प्रैक्टिशनर रजिस्टर्ड नहीं है वीसीआई से या स्टेट वेटरिनरी काउंसिल से वे इस दायरे में आएंगे। इस समस्या के समाधान हेतु राज्य स्तर पर स्टेट वेटरनरी काउंसिल के द्वारा डिस्प्लेनारी कमिटी के गठन का प्रावधान है, प्रत्येक राज्य के इस कमेटी को हमें और सशक्त बनाना होगा। इस कुरीति को दूर करने में समाज के लोगों का भी योगदान अहम है। हमें आवश्यकता है इस संबंध में जन जागरूकता लाने का जिसे हम समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, पत्र-पत्रिकाओं जैसे कि आपका पशुधन प्रहरी के माध्यम से कर सकते हैं। केंद्र सरकार के स्तर पर सभी राज्यों को समय-समय पर इससे संबंधित एडवाइजरी भी दी जाती है। चुकी वर्तमान में पशुपालन के क्षेत्र में बहुत सारे गैर सरकारी संगठन भी कार्य कर रहे हैं, वे अपने अपने स्तर से पशुपालकों को सेवा देने का कार्य कर रहे हैं लेकिन उन पशुपालकों को भी यह पता नहीं है कि कौन गोपाल है, कौन परावेट है, कौन एआई वर्कर है तथा कौन पशु चिकित्सक है। अतः हमें जन जागरूकता इस संबंध में लानी होगी। इसमें आमजन के साथ-साथ हमारा भी कर्तव्य बनता है कि यदि कोई अनरजिस्टर्ड प्रैक्टिशनर प्रैक्टिस करता है तो उसको तुरंत कंप्लेन करें। आने वाले समय में हम स्टेट वेटरनरी काउंसिल के डिस्प्लेनारी कमेटी के साथ बैठक करके एक प्रस्ताव तैयार करेंगे तथा इसको एक कारगर नीति के रूप में लागू करेंगे।
पशुधन प्रहरी –
सेंट्रल गवर्नमेंट के स्तर पर देश के कुछ विभागों जैसे कि इंजीनियरिंग, मेडिकल इत्यादि सेवा के अनुरूप वेटरनरी में भी इंडियन वेटनरी सर्विसेस जैसा कैडर होना चाहिए, इसको लेकर आप कितना गंभीर है?
डॉ शर्मा –
हम सभी जानते हैं कि कुछ साल पहले हमारा पशुपालन विभाग, सेंट्रल गवर्नमेंट में एग्रीकल्चर के साथ था तथा कई एक राज्यों में भी पशुपालन विभाग कृषि के साथ था। लेकिन सेंटर में भी यह अलग से स्वतंत्र विभाग बन गया है तथा प्रत्येक राज्यों में भी पशुपालन का अपना स्वतंत्र अलग विभाग है। हम यह भी जानते हैं कि इंडियन काउंसिल ऑफ वेटरनरी रिसर्च( आईसीवीआर) का गठन हो चुका है तथा सरकार के स्तर पर इस प्रकार चल रहे हैं। जहां तक इंडियन वेटनरी सर्विस (IVS) का सवाल है तो इस मुद्दे पर हमारी नई टीम बहुत ही जल्दी एक है कमेटी बनाएगी तथा इस मुद्दे पर सभी राज्यों के वेटरनरी काउंसिल तथा सरकार से बात करके आगे की रणनीति तय की जाएगी।
पशुधन प्रहरी-
देश मे अभी भी ऐसे बहुत राज्य है जहां पर निदेशक के रूप में एक्स कैडर का प्रावधान है, जबकि यह पोस्ट पूर्णता है कैडर होना चाहिए। पशुपालन निदेशक पशु चिकित्सा संवर्ग से ही आना चाहिए, आने वाले समय में इसको आप कैसे हल निकाल पाएंगे?
डॉ शर्मा —
देश में लगभग 20 राज्यों में वेटनरी डायरेक्टर का पद भेंटनेरियन के पास है तथा 9 से 10 राज्य ऐसे हैं जहां पर उस राज्य का पशुपालन विभाग का डायरेक्टर गैर वेटरिनेरियन है। वीसीआई के नियमानुसार किसी भी राज्य के पशुपालन डायरेक्टर का पद वेटरनरीयन संवर्ग से होना चाहिए। इस संबंध में पहले भी सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी किया जा चुका है तथा आने वाले समय में वीसीआई के द्वारा संबंधित राज्यों को एडवाइजरी जारी की जाएगी।
पशुधन प्रहरी –
पूरे देश में मौजूद वेटरनरी कॉलेजों का क्षमता देखा जाए तो प्रत्येक साल लगभग 3000 से 3500 पशु चिकित्सक डिग्री लेकर निकलते हैं जबकि मौजूदा वक्त में पूरे देश में औसतन 750 पशु चिकित्सक ही विभिन्न सरकारी सेवाओं में नौकरी प्राप्त कर पा रहे हैं। बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन बेरोजगार पशु चिकित्सकों को रोजगार मुहैया कराने हेतु आप की क्या रणनीति है?
डॉ शर्मा —
मेरे विगत कार्यकाल के समय देश में प्राइवेट वेटरनरी कॉलेज खोलने हेतु कोई भी नीति नहीं थी। हमने सरकार को प्रपोजल दीया की कोई भी नया पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के पहले उस राज्य में सबसे पहले नीड एसेसमेंट की जाए । नीड एसेसमेंट में यह सर्वे के द्वारा जानकारी दी जाती है कि उस राज्य में कितने पशुधन पर कितने पशु चिकित्सक है तथा कितने पशु चिकित्सक प्रत्येक साल पास हो रहे हैं और कितने पशु चिकित्सक चाहिए। सन 1976 में एक कमेटी ने रिपोर्ट दिया था कि देश में 5000 पशुधन पर एक पशु चिकित्सक होना चाहिए। लेकिन आज के परिपेक्ष में यह आंकड़ा काफी बदल चुका है। कभी-कभी नए कॉलेज खोलना पॉलीटिकल मोटिवेटेड भी होता है लेकिन जमीनी स्तर पर वह ज्यादा दिन टिक नहीं पाता जैसे कि हमने देखा है बहुत सारे इंजीनियरिंग कॉलेज खुले लेकिन कुछ साल के बाद वे बंद हो गए। अगर इस तरह का नीड एसेसमेंट प्रपोजल सामने आएगा तो उसमें यह क्लियर प्रतीत हो जाता है कि नए पशु चिकित्सा महाविद्यालय खूलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
यदि हम मिनिमम स्टैंडर्ड अफ वेटनरी प्रैक्टिसेस लागू कर देते हैं तो उससे यह फायदा होगा कि देश के प्रत्येक पशु चिकित्सालय में केवल रजिस्टर्ड वेटनरी पशु चिकित्सक ही सेवा दे पाएंगे तथा सरकार भी उस पशु अस्पताल में बाध्य हो जाएगी पशु चिकित्सकों की बहाली के लिए। इसके अलावा हम सभी राज्य सरकारों को प्रत्येक साल पीएससी के लिए लिखेंगे।
पशुधन प्रहरी-
वर्तमान में पूरे देश में कूल पशु चिकित्सकों मे लगभग 25% प्राइवेट वेटरनरी प्रैक्टिशनर्स है जो रजिस्टर्ड है वीसीआई से , इन प्राइवेट वेटरनरी प्रैक्टिशनर को सरकार के तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है ना ही कोई वित्तीय सहायता के लिए बैंक राजी होते हैं, वैसे पशु चिकित्सकों के लिए आपकी क्या कार्य योजना है?
डॉ शर्मा–
प्राइवेट वेटनरी प्रैक्टिशनर के लिए हमने अपना मेनिफेस्टो को अलग से जारी किया था। यदि हम पंद्रह -बीस साल पहले देखें तो उस समय कोई प्राइवेट प्रैक्टिस करने का सोचता भी नहीं था लेकिन आज समय बदल चुका है। आज खासकर डॉग प्रैक्टिशनर्स बड़े बड़े शहरों तथा छोटे टाउन में भी बहुत अच्छा कर रहे हैं तथा अपने प्रोफेशन को बहुत आगे लेकर गए हैं। समाज में उनका बहुत ही अच्छा सम्मान तथा इज़्ज़त है। शहरों में बहुत अच्छे अच्छे पेट्स हॉस्पिटल खुल रहे हैं। हम सरकार से यह आग्रह करेंगे कि ऐसे प्राइवेट पशु चिकित्सकों को जो उधमिता में आना चाहते हैं उनको सस्ते दरों पर बैंक लोन तथा सब्सिडी द्वारा इंस्ट्रूमेंट खरीदने का प्रावधान किया जाए। साथ ही नगर निगमों तथा निकायों मैं जो भी प्राइवेट पशु चिकित्सक अपना हॉस्पिटल खोलना चाहते हैं या क्लीनिक खोलना चाहते हैं तो उनको सरकार के स्तर पर जितना हो सके सुविधा प्रदान की जाए ,इसके लिए हम प्रयासरत रहेंगे। हमने यह भी योजना बनाई है कि (CVE) ट्रेनिंग में अभी तक केवल सरकारी पशु चिकित्सकों को ही ट्रेनिंग दी जाती थी लेकिन आने वाले समय में प्राइवेट पशु चिकित्सकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा तथा इनको भी भेंटरो लीगल केस में सहायता प्रदान की जाएगी। हम सरकार से यह भी मांग करेंगे कि जो भी प्राइवेट पशु चिकित्सक उद्यमी बनना चाहते हैं जैसे कि पोल्ट्री फार्मिंग में या डेयरी , फूड प्रोसेसिंग में तो उनको सरकार विशेष सुविधा प्रदान करें।
पशुधन प्रहरी –
वीसीआई इलेक्शन के दौरान आपने यह वादा किया था पशु चिकित्सकों से की देश की राजधानी दिल्ली में पशु चिकित्सकों के लिए एक गेस्ट हाउस तथा ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी, इसको हम कब तक साकार होते देख रहे हैं
डॉ शर्मा –
मुझे आप के माध्यम से सभी पशु चिकित्सकों को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने कैबिनेट से हमें 2 एकड़ जमीन दिल्ली में दी है इस कार्य के लिए। हमारी नई टीम का गठन होते ही हम भूमि पूजन करेंगे और हमे पूरा यकीन है कि हमारे इस कार्यकाल में यह कार्य पूरा हो जाएगा
पशुधन प्रहरी –
हमारे जो वेटरनरी स्टूडेंट्स चाहे वे यूजी, पीजी या पीएचडी कर रहे हो उनका स्टाइपेंड मेडिकल के समक्ष कराने हेतु आप सरकार से कैसे पहल करेंगे
डॉ शर्मा –
सन 2016 में डॉ श्री संजीव बालियान जी नागपुर मे नागपुर एलुमनाई एसोसिएशन के कार्यक्रम में मौजूद थे उनके साथ परम पूज्य मोहन भागवत जी भी थे। इन मुद्दों पर डॉक्टर संजीव बालियान जी से बात हुई और उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बात को कैबिनेट में रखेंगे और हमें पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में इस पर जल्दी ही कुछ सकारात्मक परिणाम पाएंगे
पशुधन प्रहरी
-हमारे देश के पशु चिकित्सक आज विकसित देश के पशु चिकित्सकों से किसी भी मामले में पीछे नहीं है बस कमी है यहां आधारभूत संरचना की , साथ ही अभी तक अपने देश में वेटनरी के कुछ महत्वपूर्ण विषयों में सुपर स्पेशलाइजेशन की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है, देश मे पशु चिकित्सा विज्ञान को विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए भारत में इस तरह के कोर्स अत्यंत आवश्यक है , करोना कालखंड को देखते हुए वर्चुअल प्लेटफार्म के द्वारा इस कोर्स सपना कब तक सरकार हो सकता है
डॉ शर्मा –
जैसा कि हम जानते हैं वीसीआई अभी तक केवल अंडर ग्रेजुएट के पाठ्यक्रम को ही देखती है । जिस तरह से मेडिकल में सुपर स्पेशलाइजेशन है उसी तरह से वेटनरी में कौशल उन्नयन हेतु पाठ्यक्रम हो उसके लिए हमारे पास प्रपोजल तैयार है और इसको बहुत जल्दी है हम लोग इसको मूर्त रूप देंगे। कंटिन्यूइंग वेटनरी एजुकेशन के माध्यम से कौशल उन्नयन हमारे फील्ड वेटनरीअन तथा रिसर्च संस्थानों में कार्यरत पशु चिकित्सकों के लिए बहुत ही जरूरी है।
पशुधन प्रहरी –
आपने सोशल मीडिया के माध्यम से देश के पशु चिकित्सक बृंद को संबोधित करते हुए यह कहा था कि भारतीय पशु चिकित्सा के भीष्म पितामह डॉ सी एम सिंह के नाम पर एक अवार्ड की घोषणा करेंगे तथा उसे प्रतिवर्ष विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर देश के सबसे योग्य पशु चिकित्सकों को दिया जाएगा, क्या आगामी पशु चिकित्सक दिवस पर हम इस कार्य को होते देख रहे हैं?
डॉ शर्मा–
यह प्रस्ताव हमने अपने पिछले कार्यकाल में ही सन 2016 में अप्रूव करा लिया था माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस कार्य के लिए हमें शुभकामना भी दिया था। आगामी विश्व पशु चिकित्सा दिवस अप्रैल 2021 पर डॉ सी एम सिंह अवॉर्ड की घोषणा की जाएगी। इस अवार्ड की नॉमिनेशन की प्रक्रिया इस साल के दिसंबर में शुरू कर दी जाएगी। आपकी पत्रिका के माध्यम से हम देश के सभी सम्मानित पशु चिकित्सकों को यह बताना चाहते हैं कि दिल्ली में हमारा प्रस्तावित वीसीआई के भवन के प्रांगण में डॉ सी एम सिंह की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
पशुधन प्रहरी –
देश के विभिन्न वेटरनरी यूनिवर्सिटी, वेटनरी कॉलेज में कार्यरत वेटरनरी पशु चिकित्सकों को अभी तक सातवां पे कमीशन का लाभ नहीं मिल पाया है ना ही उन्हें समय पर प्रमोशन मिलता है तथा एनपीए भी बहुत जगह नहीं मिल रहा है। इस समस्या को समाधान के लिए आप क्या सोचते हैं?
डॉ शर्मा –
आने वाले समय में हम देश के विभिन्न वेटरनरी यूनिवर्सिटी में कार्यरत पशु चिकित्सकों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श करके सरकार तक उनकी बात को पहुंचाएंगे तथा कोशिश करेंगे कि इसका समाधान जितना जल्दी निकल जाये।
पशुधन प्रहरी-
पूरे देश के पशु चिकित्सकों का यह बहुत लंबे समय से मांग है कि देश में इंडियन काउंसिल फॉर वेटरनरी रिसर्च की स्थापना हो, क्या हम इस को आप के कार्यकाल में सपना सच होते देख पाएंगे?
डॉ शर्मा –
जैसे ही यह सरकार बनी केंद्र में तुरंत हमारे पूर्व काल के प्रपोजल को उन्होंने स्वीकार कर लिया तथा इंडियन काउंसिल फॉर वेटरनरी रिसर्च आईसीविआर के लिए एक कमेटी गठित कर दी है जैसे ही कमेटी का रिपोर्ट आएगा इस पर हम लोग आगे की रणनीति के हिसाब से कार्य करेंगे
पशुधन प्रहरी-
देश के समस्त पशु चिकित्सक वृंद को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
डॉ शर्मा –
देश के समस्त पशु चिकित्सक वृंद से मेरा यही आग्रह है कि हमारा जो कमिटमेंट है ,जिसके लिए हम डिग्री लिए हैं, वह कार्य निष्ठा पूर्वक करें। अपने प्रोफेशन के साथ न्याय करते हुए इस प्रोफेशन के उत्कृष्ट मापदंड स्थापित करने का निरंतर प्रयास करें । हमें निरंतर अपने प्रोफेशन में आधुनिक तकनीक सीखने का प्रयास करते रहना चाहिए । हम चाहेंगे कि हम सभी अपने अपने प्रोफेशन को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सभी मतभेदों को भुलाकर एक लक्ष्य के लिए खड़ा हो तथा अपनी मांगों को सही तरीके से राज्य सरकारों, केंद्र सरकार तक पहुंचाने हेतु सभी संगठनों को एक मंच पर आना चाहिए। हम सभी का एक ही लक्ष्य है कि अपने उत्कृष्ट कार्यों के द्वारा देश की सेवा करें जिससे कि पशुपालकों के आर्थिक उन्नयन हो सके। हम सभी पशु चिकित्सक देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं खासकर देश में फूड सिक्योरिटी बहाल करने में । पशु स्वास्थ्य एवं पशुधन विकास में हम अपनी भूमिका से किसानों की आमदनी दोगुनी करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए हम देश के सभी पशु चिकित्सकों का आभारी हैं जो अपने सीमित संसाधनों के बावजूद देश की सेवा में लगे हुए हैं। साथ ही में आभार व्यक्त करता हूं पशुधन प्रहरी की समस्त टीम को कि आपने मुझे मौका दिया मेरे संदेश को हमारे समस्त पशु चिकित्सक गणों के बीच पहुंचाने के लिए। मैं आशा करता हूं पशुधन प्रहरी ऐसे ही नेक कार्यों में पशुधन स्वास्थ्य एवं पशुधन विकास हेतु प्रखर होकर पुरजोर तरीके से निष्पक्ष भाव से कार्य करते रहेगी । एक बार फिर आप सभी को धन्यवाद।
पशुधन प्रहरी-
धन्यवाद सर, हम सभी आशा करते हैं कि आपके नेतृत्व में भीसीआई की टीम नई ऊंचाइयों को छुऐगी।