जईं रबी के मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख चारा फसल
जईं एक प्रमुख चारा फसल
इसकी एक कटान वाली प्रजातियां भी उपलब्ध हैं और दो या तीन कटान वाली भी।
एक कटान वाली प्रजातियां:
HFO-114, केंट, बुन्देल जई-99-1, 99-2, 2001-3, बुन्देल जई-2004, OS-6, 7, 377, बुन्देल जई 2009-1, JO 3-93
दो या तीन कटाई वाली प्रजातियां:
JHO-822, 851, हरियाणा जई-8, UPO-94, 212
बुआई का उचित समय:
20 अक्टूबर से 10 नवम्बर
बीज की मात्रा व उपचार:
- बड़े दानों वाली प्रजातियों के लिए 100 से 120 किग्रा प्रति हेक्टेयर, छोटे दानों वाली प्रजातियों के लिए 80 से 100 किग्रा प्रति हेक्टेयर, पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी
- बीच का थीरम से उपचार आवश्यक (3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज)
- बुआई से पहले 10 से 15 टन गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट
- एक कटान वाली प्रजातियों के लिए 80:60:40; एक से अधिक कटान वाली प्रजातियों के लिए 180:60:40 NPK
- आधा नाइट्रोजन, पूरा फॉस्फोरस और पूरा पोटाश बुआई के समय
- एक चौथाई नाइट्रोजन बुआई के 30 दिन बाद और एक चौथाई नाइट्रोजन पहली कटाई के बाद
सिंचाई:
एक कटान वाली में 4-5 और बहु कटान वाली में 6-8
*चारा कटाई: *
- एक कटान वाली प्रजातियों में 50 प्रतिशत फूल आने पर।
- बहु कटान वाली प्रजातियों में पहली कटाई 60 दिन पर और उसके बाद 45-45 दिन पर।
चारा उपज:
एक कटान वाली प्रजातियों में 300 से 450 कुंतल चारा प्रति हेक्टेयर
बहु कटान वाली प्रजातियों में 450 से 600 कुंतल चारा प्रति हेक्टेयर
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें
डॉ संजीव कुमार वर्मा
प्रधान वैज्ञानिक (पशु पोषण)
भाकृअनुप – केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ छावनी
9933221103