झारखण्ड पशुचिकितसक सेवा संघ ने पशुपालन निदेशालय अन्तर्गत संचालित विभिन्न कार्यालयों के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों के रिक्त पदों पर पदस्थापन करने के संबंध में सचिव महोदय,कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग,झारखण्ड सरकार को अनुरोध किया
पशुपालन निदेशालय अन्तर्गत विभिन्न कार्यालयों के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों की उनकी सेवानिवृति के उपरांत महीनों से पद रिक्त पड़े हैं, जिससे उन कार्यालयों मे कार्यरत पशुचिकित्सकों/कर्मचारियों का मासिक वेतन आदि का भुगतान विगत कई माह से बन्द हो गया है, साथ ही विभागीय कार्य एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में भी गतिरोध आ गया है, लगभग राज्य मे 18 रिक्त पद है।पलामू जिलापशुपालन कार्यालय मे तो विगत छह माह से वेतन नही है।
विदित हो कि झारखण्ड सरकार योजना-सह-वित्त विभाग के पत्राक 1111/वित्त दिनांक 8/4/2016 के कंडिका (1) मे वर्णित प्रावधान के अनुसार विभागीय प्रधान या विभागाध्यक्ष अधीनस्थ किसी पदाधिकारी को झारखण्ड सेवा संहिता-2016 के नियम 87 के तहत निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की शक्ति प्रतयोजित ( Delegate) कर सकते है। बिहार (झारखण्ड) सेवा संहिता के नियम 21 के अनुसार पशुपालन निदेशक पशुपालन विभाग के लिए विभागाध्यक्ष होते हैं।
इसी प्रसंग में सूचित करना है कि जिला पशुपालन पदाधिकारी, हजारीबाग तीन महीने के उपरांत दिनांक- 31.07.2020 को सेवानिवृत होने वाले हैं, जो क्षेत्रीय निदेशक, उतरी छोटानागपुर क्षेत्र, हजारीबागय पशु शल्य चिकित्सक, हजारीबागय जिला पशुपालन पदाधिकारी, रामगढ़य मुख्य अनुदेशक, पशुपालन विद्यालय, गौरियाकरमा, हजारीबागय के अतिरिक्त प्रभार में भी है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के नियत्रंण हेतु देशव्यापी स्वबाकवूद की स्थिति में केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुपालन में विभागीय कर्मी एक तरफ संक्रमण के खतरों के बीच सौपे गये कत्र्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हें वेतनादि के अभाव में आर्थिक कठिनाईयों से जूझना पड़ रहा है, जिससे वे अपने आश्रितों के मूलभूत जरूरतों की पूर्ति के लिए संघर्ष भी कर रहे हैं। अतः संघ का अनुरोध है कि पशुपालन निदेशालय अन्तर्गत संचालित कर्यालयों के कार्यालय प्रमुखों के रिक्त पदों पर शीघ्रातिशीघ्र पदस्थापन करना चाहेंगे।