Jharkhand Veterinary Services Regulation 2024: State Government Issues New Notification
पशु चिकित्सा सेवा नियमावली 2024: राज्य सरकार ने जारी की नई अधिसूचना
पशु चिकित्सा सेवा संघ ने माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं विभागीय मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की, ग्रामीण विकास मंत्री, श्रीमती दीपिका सिंह पाण्डेय, विधायक कोलेबिरा, श्री विक्सल कोंगाडी के साथ राज्य सरकार का तहे दिल से आभार प्रकट किया।
राज्य के माननीय पशुपालन मंत्री श्रीमती शिल्पा नेहा तिर्की के द्वारा पशु चिकित्सा सेवा नियमावली 2024 अधिसूचित कराई गई। उन्होंने बताया कि इस कार्य से पशुपालन एवं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में झारखंड में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। संघ की इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा होते देखना उनके लिए गर्व की बात है। विधायक रहते हुए इस कार्य का उन्होंने बीजारोपण किया था।
पशु चिकित्सा सेवा संघ ने अपने अध्यक्ष डॉ. सैमसन संजय टोप्पो तथा महामंत्री शिवानंद कांशी के नेतृत्व में माननीय विभागीय मंत्री से मिलकर पशु चिकित्सकों के प्रति माननीय मंत्री जी के सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए उनका आभार प्रकट किया। साथ ही वर्तमान राज्य सरकार के द्वारा अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए संवेदनशील सोच के साथ लगातार किए जा रहे कार्यों के लिए भी हार्दिक धन्यवाद दिया।
इस विषय पर संगठन सबसे पहले मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, उनके माननीय मंत्रियों तथा सचिव अबूबक्कर सिद्दकी, निदेशक किरण पासी का झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ की ओर से आभार प्रकट करता है। हम सभी सदैव पशुपालन के विकास के लिये नई ऊर्जा के साथ काम करने का संकल्प लेते हैं।
संघीय प्रतिनिधिमण्डल में अध्यक्ष डॉ. सैमसन संजय टोप्पो, महामंत्री, डॉ. शिवानंद कांशी, डॉ. अंशु रजनी टोप्पो, डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. चूमनु तिर्की शामिल थे।
संगठन के महामंत्री डॉ. शिवानंद काशी ने आश्वस्त किया कि हमारे पशुचिकित्सक सदैव आपके ऋणी रहेंगे और सरकार की सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर योग्य लाभुकों तक पहुंचाकर उनके आर्थिक और सामाजिक स्तर को बढ़ाने में सकारात्मक सहयोग की भावना से कार्य करेंगे। साथ ही झारखंड ऑफिसर टीचर्स एंड एम्पलाइज फेडरेशन का भी आभार प्रकट किया जिन्होंने इस विषय का समाधान के लिए लगातार सहयोग दिया है।
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. सैमसन संजय टोप्पो ने बताया कि वर्तमान में पशुचिकित्सकों के लिए मात्र दो पदसोपान हैं और प्रोन्नति का मात्र 9% है, 777 स्वीकृत बल के विरुद्ध जिससे अधिकांश पशुचिकित्सक अपने मूल पद से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं जो नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है। अन्य राज्य यथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, केरल, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब, असम में निदेशक समवर्गीय और पशुचिकित्सकों का पांच पदसोपान के साथ 50% प्रोन्नत पद है।
संघ के महामंत्री डॉ. शिवानन्द कांशी ने बताया कि संशोधित पशुचिकित्सकों की सेवा नियमावली 2024 में पशुपालन आयुक्त का पद गैरसमवर्गीय, प्रोन्नति के चार पदसोपान का प्रावधान है जिसमें 0.31% निदेशक का पद जिसका वेतनमान L13A, 2.06% संयुक्त निदेशक एवं समकक्ष का पद जिसका वेतनमान L13, 11.33% उपनिदेशक एवं समकक्ष का पद जिसका वेतनमान L12, 35.91% वरीय पशुचिकित्सा एवं पशुपालन पदाधिकारी का पद जिसका वेतनमान L11, 50.91% मूलस्तर पशुचिकित्सा एवं पशुपालन पदाधिकारी किया गया है। प्रखंड स्तर पर मॉडल पशुचिकित्सालय की व्यवस्था है जिसमें दो पशुचिकित्सक होंगे। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड द्वारा पारित निर्णय जिसमें पशुचिकित्सकों की उम्र 65 वर्ष एवं DACP मानव चिकित्सकों की भांति दिया जाना है, को भी वर्तमान संवेदनशील सरकार अवश्य पूरा करेगी। हमें पूर्ण विश्वास है!
डॉ. शिवानंद कांशी ,महामंत्री, झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ, प्रांतीय मीडिया प्रभारी ,JHAROTEF/NMOPS