What Budget 2021 Offers for Agriculture and Allied Sectors?
आम बजट में पशुधन, डेयरी व मत्स्य क्षेत्र के सहारे कृषि क्षेत्र की विकास दर को रफ्तार पकड़ाने का प्रविधान
पशुधन प्रहरी, 2 फरवरी 2021
आम बजट में मत्स्य क्षेत्र के सहारे कृषि क्षेत्र की विकास दर को रफ्तार पकड़ाने का प्रविधान किया गया है।
सरकार ने पांच मत्स्य बंदरगाह स्थापित करने के साथ नदियों और जलमार्गों के किनारे अंतरदेशीय मत्स्य बंदरगाह और फिश लैंडिंग सेंटर बनाने की घोषणा की है। इससे समुद्र तटीय क्षेत्रों के लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही निर्यात भी बढेगा।
आम बजट में पशुधन, डेयरी व मत्स्य क्षेत्र के सहारे कृषि क्षेत्र की विकास दर को रफ्तार पकड़ाने का प्रविधान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने बजट भाषण में इस क्षेत्र के प्रदर्शन का गुणगान किया है। समुद्री उत्पादों के निर्यात में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है। इसी के मद्देनजर सरकार ने पांच मत्स्य बंदरगाह स्थापित करने के साथ नदियों और जलमार्गों के किनारे अंतरदेशीय मत्स्य बंदरगाह और फिश लैंडिंग सेंटर बनाने की घोषणा की। इससे समुद्र तटीय क्षेत्रों के लोगों को रोजगार प्राप्त होगा और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
समुद्री उत्पादों के निर्यात में भारत दुनिया में दूसरे पायदान पर
कृषि क्षेत्र की विकास दर जहां 3.4 फीसद है वहीं मत्स्य क्षेत्र की विकास दर 7.5 फीसद से अधिक है। समुद्री उत्पादों के निर्यात में भारत दुनिया में दूसरे पायदान पर है। इसके लिए ढांचागत विकास की सख्त जरूरत है। आम बजट में इसके लिए समुद्री मत्स्य के साथ मीठे पानी के क्षेत्र में भी मछली पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
ये बंदरगाह बनेंगे आर्थिक क्रियाकलापों के केंद्र
वित्त मंत्री सीतारमन ने बजट भाषण में कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट को आर्थिक क्रियाकलापों के केंद्र के रूप में विकास करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों को मात्सि्यकी बंदरगाह और फिश लैंडिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।
रियायती दरों पर अधिक से अधिक कर्ज
वित्त मंत्री ने किसानों को दिया भरोसा, कहा- कृषि सुधार से न एमएसपी प्रभावित होगी और न ही खरीद प्रणाली,
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि उनका ध्यान किसानों के साथ पशुपालकों, डेयरी और मछली पकड़ने के क्षेत्र में लगे लोगों को रियायती दरों पर अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराने पर है। इसीलिए किसान क्रेडिट का लाभ पशुपालक, डेयरी वालों और मछुआरों को भी दिया जा रहा है। परंपरागत फसलों के साथ नगदी फसलों और खेती के सह उद्यमों पर सरकार का ज्यादा जोर है। कृषि सुधारों के मार्फत इन क्षेत्रों के विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से उन्हीं क्षेत्रों पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, जिन जिंसों की मांग अधिक है।