पशुओं में तेजी से फैल रहा भयंकर “गाँठदार त्वचा रोग”
हाल ही में भारत के गौवांशों (Bovines) में गाँठदार त्वचा रोग या ‘लंपी स्किन डिजीज़’ (Lumpy Skin Disease- LSD) के संक्रमण के मामले देखने को मिले है
संक्रमण का कारण:
पशुओं में यह रोग पोक्स विरीडी वायरस’ के संक्रमण के कारण होता है।
लक्षण:
यह पूरे शरीर में विशेष रूप से सिर, गर्दन, अंगों, थन (मादा मवेशी की स्तन ग्रंथि) और जननांगों के आसपास दो से पाँच सेंटीमीटर व्यास की गाँठ के रूप में प्रकट होता है।
यह गाँठ बाद में धीरे-धीरे एक बड़े और गहरे घाव का रूप ले लेती है।
इसके अन्य लक्षणों में सामान्य अस्वस्थता, आँख और नाक से पानी आना, बुखार तथा दूध के उत्पादन में अचानक कमी आदि शामिल है।
वाहक-
यह मच्छरों, मक्खियों और जूँ के साथ पशुओं की लार तथा दूषित जल एवं भोजन के माध्यम से फैलता है।
रोकथाम:
गाँठदार त्वचा रोग का नियंत्रण और रोकथाम –
रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें
पशुओं में समय पर टीकाकरण कराएं Raksha Goat Pox
मृत पशु के शव को खुले में न छोड़ें शव को दफना दें
पशुशाला के आस पास साफ सफाई रखें, दूषित पानी इकट्ठा न होने दें
उपचार:
वायरस का कोई इलाज नहीं होने के कारण टीकाकरण Raksha Goat Pox 2ml SC ही रोकथाम व नियंत्रण का सबसे प्रभावी साधन है।
तथा रोग के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श करें
द्वितीयक संक्रमण के उपचार हेतु – एंटिबायोटिक पशु चिकित्सक की सलाह से दें
आपसे आग्रह है की कोई आवारा पशू भी आपको इस पीड़ा से ग्रस्त मिले तो उनका उचित उपचार करवाए जीवदया दर्शाए इस संकट की स्थिति में अपना तन मन और धन से जीवो की रक्षा करे