लुवास में शुरू हुई टूटी हड्डी जोड़ने की नई इन्टर लॉकिंग नेल तकनीक

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पशुधन प्रहरी नेटवर्क,19 मई 2020

लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के वैज्ञानिकों द्वारा पहली बार इंटर लोकिंग नेल तकनीक द्वारा बकरी की टूटी हड्डी जोड़ने का सफल ओपरेशन किया गया। और यह विधि हरियाणा में पशुओं में पहली बार उपयोग की गई है, इस विधि से पशु जल्द ही पाँव रखने लग जाता है, जिससे ओपरेशन के पश्चात पशु की संभाल कम करनी पड़ती है और पशु के जल्द ठीक होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
आज से पहले छोटे पशुओं में जिन की हड्डियाँ टूट जाती थी (फीमर या टीबीया) उनमें रोड या प्लेट डाल कर ओपरेशन किया जाता था । इन दोनों विधि के अलग-अलग नुक्सान भी थे जो कि पशुओं की उचित देखभाल न करनें के कारण आ जाते थे । रोड विधि में हड्डी से रोड का निकालना एक मेन समस्या था जबकि प्लेट डालने की एक समस्या ये थी हड्डी में खून का संचार कम हो सकता है । कई बार पशु के ज्यादा उछल-कूद करने के कारण प्लेट के टूटने का खतरा भी बना रहता था ।
इन दोनों समस्याओं को दूर करने के लिए शनिवार को लुवास में एक बकरी के पैर में इन्टर लोकिंग नेल डालकर हड्डी को जोड़ा गया । यह सफल ओपरेशन वी.सी.सी. विभाग, लुवास के डॉ. संदीप सहारण, डॉ. राम निवास, डॉ. संदीप गोयल व डॉ. दिनेश द्वारा किया गया। इस विधि में नेल को पशु की हड्डी में स्क्रीन द्वारा फिट किया जाता है । जिससे ये नेल हड्डी से फिसल कर बाहर नही आती और इसके टूटने का खतरा भी नही होता।
इस विधि के प्रयोग से हरियाणा में पहली बार हड्डी को जोड़ा गया। भविष्य में भी इस विधि का प्रयोग छोटे पशुओं में जिनका वजन 100 से 150 किलो. तक होगा उनमें किया जा सकेगा। यह विधि फ्रैक्चर के इलाज में सबसे ज्यादा कारगार है।
इस मौके पर विशेषज्ञों डॉक्टर्स की टीम ने लुवास के कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह, अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रवीन गोयल व विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश जिंदल का धन्यवाद किया, जिन्होंने लुवास के विशेषज्ञों की टीम पर भरोसा कर ये इंस्टीट्यूनशनल प्रोजेक्ट दिया, जिसके तहत इस ओपरेशन का समान मंगवा कर इस ओपरेशन को अंजाम दिया जा सका।

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