भारत सरकार द्वारा जारी ब्रॉयलर इंटिग्रेशन फार्मिंग गाइडलाइन्स प्रमुख बिंदु:
जारीकर्ता: पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली।
लागू: 21/12/2022 से
प्रमुख बिंदु:
- 47 बिंदुओं के हिसाब से एग्रीमेंट बनेगा।
- फार्मर फ्लॉक खर्च, ग्रोइंग चार्ज गणना, मोर्टेलिटी, FCR इत्यादि अनुसूचियाँ अनिवार्य एवं अग्रीमेंट में संलग्न होगी।
- फार्मर फ्लॉक ख़र्चे में निम्न खर्च शामिल होगें: लेबर (स्थाई व अस्थाई), भूसी, बुरादा, ब्रुडिंग, डीजल, बिजली बिल, पानी/सफाई खर्च, फार्म साफ सफाई, फार्म बायोसिकुरिटी, फार्म व मशीनरी मेंटीनेंस, पेट्रोल, मोबाईल, फार्म शुल्क/इंश्योरेंस / टैक्स, फार्मर सुपरविजन मजदूरी, फार्म निर्माण पूंजी ब्याज, फार्म/ मशीनरी डेपरिशेशन, फार्म उपयोग में आ रही भूमि का किराया, अन्य खर्च इत्यादि खर्च शामिल होंगे। इन खर्च का टोटल यानी फार्मर फ्लॉक कुल खर्च है।
- ग्रोइंग चार्ज (GC) गणना निम्नवत होगी:
i). मिनिमम – ग्रोइंग चार्ज (MGC) =
फार्मर का फ्लॉक में आया कुल खर्चा + फार्मर कुल खर्च का 25% (कम से कम इतना देना अनिवार्य है)
ii). स्टैंडर्ड – ग्रोइंग चार्ज (SGC) =
फार्मर का फ्लॉक में आया कुल खर्चा + फार्मर के कुल खर्च का …% (यह प्रतिशत कम्पनी व फार्मर के मध्य तय होगा)।
हमारा सुझाव 75% के लिए है, बाकी जो भी दोनों पक्षों के बीच तय हो जाए।
- जिला रजिस्ट्री कार्यालय व रिजनल भाषा में एग्रीमेंट रजिस्टर्ड होगा।
- किसान से चेक नहीं लिया जाएगा।
- एक वर्ष में कम से कम 5 फ्लॉक पालन करना होगा।
- विवाद निपटारे हेतु लोकल प्रशासन को मध्यस्त बना सकते है, लोकल कोर्ट भी ऑप्शन है।
- 45 दिन पहले सूचित कर एग्रीमेंट खत्म किया जाएगा।
- फार्मर को अपनी जमीन/फार्म, GPS लोकेशन इत्यादि पेपर की फ़ोटो कॉपी प्रदान करनी होगी।
- दिए लिंक पर क्लिक कर गाइडलाइन कॉपी प्राप्त कर सकते हैं: https://dahd.nic.in/sites/default/filess/Final%20Commercial%20Contract%20Broiler%20Guidelines%20for%20integration.pdf
नोट: अधिक जानकारी के लिए गाइडलाइन पढ़ें ताकि सही जानकारी से फार्मर व सभी साथी अवगत हो। कृपया सूचना शेयर करें तथा किसान हितैषी व फील्ड प्रतिनिधियों से अपील है किसानों को जागरूक करने के लिए सहयोग प्रदान करें।