गर्भावस्था के दौरान पशु को कुपोषण
गर्भावस्था के दौरान पशु को एक साथ तीन काम करने के लिए पोषण चाहिए
1. स्वयं के शरीर के रखरखाव के लिए
2. पेट में पल रहे बच्चे की बढ़वार के लिए
3. अगर उस समय पशु दूध दे रहा है तो दूध के उत्पादन के लिए या फिर अगर पशु ने पहली बार गर्भ धारण है और उसकी स्वयं की भी बढ़वार अभी हो ही रही है तो उसके लिए पोषण चाहिए
गर्भावस्था के दौरान अगर आवश्यकता से कम पोषक तत्व पशु को दिए जाएंगे तो भी कुपोषण कहेंगे और अगर आवश्यकता से बहुत अधिक दिया जाएगा तो भी कुपोषण कहेंगे। दोनों ही स्थितियों का गर्भ में पल रहे बच्चे और माँ पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
*कम पोषक तत्व देने से प्रेग्नेंसी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?*
आवश्यकता से कम पोषक तत्व होने पर …
1. निषेचित हुए अंडे की मृत्यु हो जाएगी अर्थात भ्रूण ही मर जाएगा।
2. अगर भ्रूण बच गया तो भ्रूण का विकास ठीक ढंग से नहीं होगा और कुछ बड़ा होने पर भ्रूण की मृत्यु हो जाएगी और भ्रूण गर्भाशय द्वारा सोख लिया जाएगा।
3. अगर भ्रूण गर्भाशय द्वारा सोखे जाने से बच गया तो गर्भपात हो जाएगा।
4. अगर गर्भपात न भी हुआ तो मरा हुआ बच्चा पैदा होगा।
5. अगर बच्चा जिंदा पैदा हो भी गया तो उसका शरीर भार बहुत कम होगा और वह पैदा होने के बाद विभिन्न रोगों का शिकार हो जाएगा और मर जाएगा।
6. अगर बच्चा जिंदा भी रहा तो वह कभी भी अच्छा साँड़ या अच्छी गाय नहीं बन पाएगा।
अब फैसला है आपके हाथ में...
आप होने वाले बच्चे के रूप में एक बेहतर गाय या साँड़ चाहते हैं या आप इतने स्वार्थी हैं कि आपको बच्चे से कोई मतलब नहीं और ना उसकी माँ की सेहत से कोई मतलब है। आपको तो बस बाल्टी भरकर दूध चाहिए… मगर बच्चा मरने पर भारतीय नस्ल की गाय बिना इंजेक्शन लगाए दूध भी तो नहीं देगी!!!
तो क्या आप चाहते हैं कि आपको भरपूर दूध भी ना मिले???
यह सब नहीं चाहते तो अपने गाभिन पशुओं को उनकी पोषण आवश्यकताओं के अनुरूप चारा और दाना मिश्रण खिलाइए।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें
*डॉ संजीव कुमार वर्मा*
*प्रधान वैज्ञानिक (पशु पोषण)*
*भाकृअनुप – केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान*
*मेरठ छावनी – 250001*
*9933221103*