मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना: किसानों की स्वरोजगार तथा आमदनी बढ़ाने का सबसे सशक्त जरिया
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना – पशुपालन क्षेत्र में विकास के मद्देनजर हेमंत सरकार ने खींची बड़ी लकीर। योजना के दायरे में आयेंगे 100000 से अधिक झारखंडी लाभुक।
हमारे देश के हर एक राज्य में खेती का प्रमुख स्थान है, जहां किसान कई फसलों की खेती कर भारतीय अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान दे रहे हैं. इसमें झारखंड का नाम भी शामिल है. राज्य के किसान खेती के अलावा पशुपालन कर अपनी आय दोगुनी करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार भी कृषि से लेकर पशुपालन तक सभी क्षेत्रों में कई तरह योजनाएं चला रही है, जिसका लाभ अधिकतर किसानों को लाभ मिल रहा है. राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि किसानों को और कृषि क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाया जाए. झारखण्ड सरकार राज्य के किसानो की मदद करने के लिए उनको लाभ प्रदान करने के लिए कई प्रकार की योजना ला रही है | प्रदेश की हेमंत सरकार ने राज्य में एक नई योजना की शुरुवात की है जिसका नाम मुख्यमंत्री पशुधन योजना झारखंड 2021 है |
देश का ऐसा क्षेत्र, जहाँ गाँव में जंगल नहीं जंगल में गाँव हो। ऐसा प्रदेश जिसका जीवन का अक्स ही पर्यावरण हो। जहाँ धर्म का अर्थ प्राकृतिक समन्वयता हो। जहाँ प्रकृतिक के तमाम रचना के अर्थ के साथ जीवन-यापन उसकी नियति हो। जहाँ मांदर की थाप और प्राकृतिक संगीत ही भैरवी राग हो, जिसकी गूँज में लोग नृत्य करते हों। जहाँ के पेड़ भी महुआ जैसे मदहोशी में तर करने वाले फल बरसाए। वह प्रदेश तो केवल झारखंड ही हो सकता है।
आदिवासी बहुल झारखण्ड को कृषक राज्य की पहचान के जद्दोजहद के मद्देनजर शुरूआती कदम ही पशुपालन हो। जो राज्य की वर्षों पुरानी परंपरा का अक्स हो, उसे व्यवसायिक रूप देना सत्ता की कावाद बन जाये। तो निश्चित रूप से झारखंडी कैनवास में योजना सफलता के झंडे गाड़ सकती है। जिस प्रदेश की महान परंपरा जिसकी मानसिकता पशुवों को जानवर नहीं बल्कि धन व साथी मानने की प्रेरणा दे। वह प्रदेश में पशुपालन जैसे योजना किस ऊँचाई को छू सकता है। जो विश्व में सन्देश भी हो सकता है कि प्राकृतिक संरक्षण भी रोजी-रोटी मुहैया करा सकती है।
आत्मनिर्भरता हेतु मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में योजनाओं का हुआ समायोजन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सराहनीय पहल राज्य में फिर से गंगा को उसी दिशा में बहाएगी। जहाँ अपनी पारंपरिक कार्यों के मातहत जनता फिर से खुद को स्किल्ड पायेंगा। और पूरी रूचि से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएंगा। सरकार द्वारा योजना में कई तरह की सुविधाओं और अनुदान के प्रावधानों का समावेश किये जाने से पशुपालन के क्षेत्र में झारखण्ड निश्चित रूप से आगे बढ़ सकता है।
युजना का उद्देश्य :
- राज्य में दूध, मांस एवं अंडा के उत्पादन में वृद्धि राज्य को आत्मनिर्भर बननायेगा।
- ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन स्वरोजगार तथा आमदनी का सृजन करेगा।
- लोगों को फिर स्किल्ड करने में लगने वाले राजस्व दुरुपयोग नहीं होगा
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत लाभ
- पशुपालन क्षेत्र में बकरा विकासयोजना
- शुकर विकास योजना
- बैकयार्ड लेयर कुकुट योजना
- बॉयलर कुकुट पालन योजना
- बत्तख चूजा वितरण योजना
- गव्य विकास क्षेत्र में दो दुधारू गाय का वितरण
- कामधेनु डेयरी फार्मिंग अंतर्गत मिनी डेयरी के तहत 5 से 10 गाय वितरण की योजना
- हस्त एवं विद्युत चलित चैफ कटर का वितरण
- प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता में तकनीकी इनपुट सामग्रियों का वितरण
किसानो की आय को दुगुना करने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा इस योजना को शुरू किया गया है |झारखंड में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. कृषि से लेकर पशुपालन तक सभी क्षेत्रों में राज्य सरकार और केंद्र सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. किसानों को इसका लाभ मिल रहा है. किसानों को और कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना इन योजनाओं का उद्देश्य है. झारखंड की बात करें तो राज्य सरकार का मानना है कि राज्य मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है. अब कृषि और पशुपालन पर खासा ध्यान दिया जा रहा है.कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री पशुधन योजना चलायी जा रही है. क्योकि कृषि और पशुपालन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. अगर पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा तो कृषि क्षेत्र में भी विकास होगा. साथ ही इससे किसानों की आय बढ़ेगी.
पशुपालन के क्षेत्र में नयी पहचान दिलाने की कोशिश
झारखंड को पशुपालन के क्षेत्र में नयी पहचान दिलाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि आदिवासी बहुल राज्य के लिए यह योजना काफी फायदेमंद हो सकती है. उन्होंने कहा कि झारखंड के लोगों में पशुपालन की परंपरा कई वर्षों से रही है. पर इसे कमर्शियल तौर पर कभी नहीं अपनाया गया. राज्य में किसानों को लाभान्वित करने के लिए यह योजनाएं चलायी जा रही हैं,
किसान इन योजनाएं का लाभ ले सकते हैं.
- पशुपालन क्षेत्र में बकरा विकास योजना.
- शुकर विकास योजना.
- बैकयार्ड लेयर कुकुट योजना.
- बॉयलर कुकुट पालन योजना.
- बत्तख चूजा वितरण योजना.
- गव्य विकास क्षेत्र में दो दुधारू गाय का वितरण.
- कामधेनु डेयरी फार्मिंग अंतर्गत मिनी डेयरी के तहत 5 से 10 गाय वितरण की योजना.
- हस्त एवं विद्युत चलित चैफ कटर का वितरण.
- प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता.
- तकनीकी इनपुट सामग्रियों का वितरण
गांव में रोजगार देने की कोशिश
बता दें कि झारखंड की विषम भौगोलिक स्थिति और गांव में स्वयं के रोजगार के अभाव की वजह से पलायन राज्य की एक प्रमुख समस्या रही है. दूसरी ओर, कोरोना संक्रमण काल में लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने गांव लौटे, जिन्हें रोजगार देना सरकार के लिए चुनौती थी. मुख्यमंत्री की पहल पर गांव में ही स्वयं का रोजगार देने की पहल की गयी.
राज्य को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य
इसका उद्देश्य था, राज्य में दूध, मांस एवं अंडा के उत्पादन में वृद्धि लाकर राज्य को आत्मनिर्भर बनाना. इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा पशुधन विकास से संबंधित समान प्रकृति की योजनाओं को एक पटल पर क्रियान्वित करने के लिए पशुपालन प्रभाग, कल्याण विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पूर्व से संचालित योजनाओं को समायोजित करते हुए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का संचालन शुरू किया गया है.
Jharkhand Mukhyamantri Pashudhan Yojana 2021
झारखण्ड सरकार के द्वारा इस योजना को शुरू किया गया है | राज्य सरकार ने करीब 660 करोड़ के बजट से ग्रामीण विकास, कल्याण और कृषि विभाग की की मदद से इस योजना को शुरू किया है | पशुधन विकास मिशन योजना के तहत प्रदेश के किसानो की मदद करने के लिए इस योजना को शुरू किया है |
योजना का सुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी ने कहा की पशु जैसे की बकरी , भेड़ ,मुर्गी और सुकर आदि किसानो के लिए एटीएम् की तरह काम करते है |किसान इन को कभी भी बेचकर के पैसा कमा सकता है |
Mukhyamantri Pashudhan Yojana Jharkhand Highlights
योजना का नाम | झारखंड मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना 2021 |
योजना टाइप | राज्य सरकार की योजना |
राज्य | झारखण्ड |
विभाग | ग्रामीण विकास, कल्याण और कृषि विभाग |
उद्देश्य | राज्य के पशुपल्की की आय में वृद्धि करना |
लाभार्थी | राज्य के किसान ,पशुपालक |
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का उद्देश्य
जैसा की दोस्तों आप जानते है की पशुओं का पालन सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रो में किया जाता है | सरकार का इस योजना के तहत मुख्य उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालको की आर्थिक स्थिति को सुधारना है | राज्य के बहुत से युवा रोजगार के लिए राज्य को छोड़ रहे है सरकार ने इन युवाओ को रोजगार देने के लिए और इनके पलायन को कम करने के लिए Mukhyamantri Pashudhan Yojana Jharkhand को शुरू किआ है |
Mukhyamantri Pashudhan Yojana Jharkhand के लाभ और विशेषताएं
- सरकार इस योजना के तहत लाभार्थी को बकरी पालन ,मुर्गी पालन ,सुकर पालन एवं कबूतर पालन के लिए अनुदान देगी |
- योजना के तहत लाभार्थियो को उनकी श्रेणी के आधार पर अनुदान दिया जायेगा |
- लाभार्थी को योजना के तहत 50% से 90% तक अनुदान दिया जायेगा |
- झारखण्ड सरकार ने अपने पहले बजट में ही पशुओ के स्वास्थय के लिए एंबुलेंस सुविधा के साथ उच्च गुणवत्तापूर्ण डायग्नोस्टिक एवं अन्य परीक्षण प्रयोगशाला और मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक शुरू करने का निर्णय लिया है |
- सरकार ने पशुओ को विभिन प्रकार के संक्रामक रोगों से बचाने के लिए पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्था, कांके में 28.69 करोड रुपये की लागत से टीका औषधि उत्पादन केंद्र एवं प्रयोगशाला का निर्माण शुरू कर दिया है |
- इस प्रयोग शाला में करीब 1 करोड़ ओषधि टीकों का निर्माण किया जायेगा |
- Jharkhand Mukhyamantri Pashudhan Yojana के तहत के तहत एपीएल, बीपीएल, एसएसजी, एससी तथा एसटी श्रेणी के लाभार्थियो को 50% अनुदान प्रदान करेगी |
- और विधवा, दिव्यांग श्रेणी के लाभार्थियो को 90% अनुदान प्रदान करेगी |
- पशुपालको को पशुधन विकास मिशन के तहत पशु शेड बनवाकर देगी जिसका खर्च राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जायेगा |
- झारखंड मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत सरकार ने मनरेगा को भी शामिल किया है ताकि इस योजना का विस्तार अधिक से अधिक किआ जाये |
- इस योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास, कल्याण और कृषि विभाग के द्वारा किया जायेगा |
Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana के लिए पात्रता
- आवेदक राज्य का स्थाई निवासी होना चाहिए |
- राज्य के पशुपालक या किसान ही इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है |
- आवेदक के पास पह्सुपालन के लिए जरुरी सभी चीजें जैसे की जगह , पानी आदि की व्यवस्था होनी चाहिए |
- इस योजना में वो ही व्यक्ति आवेदन कर सकता है जो इस योजना की पूरी पात्रता का पालन करता है |
मुख्यमंत्री पशुधन योजना झारखंड के लिए दस्तावेज
- आधार कार्ड
- जाती प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- विधवा प्रमाण पत्र (लागू होने की स्थिति में)
- दिव्यांग प्रमाण पत्र (लागू होने की स्थिति में)
- बैंक खाता पासबुक
- मोबाइल नंबर
झारखण्ड मुख्यमंत्री पशुधन योजना 2021-22 में आवेदन कैसे करें ?
अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते है और आप इस योजना में आवेदन करना चाहते है तो आप निचे दिए गए स्टेप फोल्लो करें :-
- सबसे पहले अपने नजदीकी पशुपालन विभाग के कार्यालय में जाना होगा |
- वहां से आपको पशुधन विकास योजना झारखण्ड 2021-22 का आवेदन फॉर्म लेना होगा |
- आवेदन फॉर्म में आपको मांगी गई सभी जानकारी सही सही दर्ज करने है |
- फिर इस आवेदन फॉर्म के साथ दस्तावेज अटेच करने है और इसे वही पर जमा करवा देना है |
- इस प्रकार से आपका इस योजना में आवेदन हो जायेगा |
Conclusion
झारखंड को पशुपालन के क्षेत्र में नयी पहचान दिलाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि आदिवासी बहुल राज्य के लिए यह योजना काफी फायदेमंद हो सकती है.अगर आप भी मुख्यमंत्री पशुधन योजना झारखंड 2021-22 (Mukhyamantri Pashudhan Yojana) में आवेदन करना चाहते है तो आप इस article पढ़कर इस योजना में आवेदन की प्रक्रिया को समझ सकते है | अगर आपको यह article अच्छा लगा है तो प्लीज आप इसे शेयर करें
नोट : विभिन्न विभागों द्वारा पशुधन विकास से संबंधित समान प्रकृति की योजनाओं को एक पटल पर क्रियान्वित करने के लिये पशुपालन प्रभाग, कल्याण विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पूर्व से संचालित योजनाओं को समायोजित करते हुए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का संचालन शुरू किया गया है। आपको जांनकारी देते हुए बता देते है की राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में आवेदन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है | अगर अप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते है और आप इस योजना की पात्रता का पालन करते है तो आप इस योजना में आवेदन कर सकते है |
https://www.pashudhanpraharee.com/miracle-fodder-moringa-source-of-employment-prosperity/