नवगठित झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के शिष्टमंडल ने माननीय विधायक मांडर श्रीमती नेहा तिर्की से भेंट की एवं ज्ञापन सौंपा
नवगठित झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के शिष्टमंडल द्वारा संघ के अध्यक्ष डॉ समसोन संजय टोप्पो एवं महामंत्री डॉ शिवानंद काशी के नेतृत्व में माननीय विधायक मांडर श्रीमती नेहा तिर्की से शिष्टाचार भेंट की गई । संघ की बहुप्रतीक्षित मांग पशु चिकित्सा सेवा के पदों के पुनर्गठन के बारे में ज्ञापन सौंपा एवं विस्तृत चर्चा हुई। चर्चा में महोदया द्वारा पशुपालको एवं पशुचिकित्साको के साथ साथ पशुचिकित्सालय को सुदृढ़, उसे मानव संसाधन युक्त करने ,अत्याधुनिक उपस्कर एवं उपकरण के साथ सुसज्जीत करने पर विशेष बल दिया गया । उनके द्वारा आवश्यकता के आधार पर नेशनल कमीशन ऑन एग्रीकल्चर रिपोर्ट 1976 में अनुशंसित 5000 कैटल यूनिट पर एक पशुचिकित्सक पर भी सरकार के समक्ष रखने की बात कही गई। वर्तमान में अधिकांश पशुचिकित्सक बेसिक पद भ्रमणशील पशुचिकित्सा पदाधिकारी /प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के पद पर ही सेवानिवृत हो जाते हैं जिससे उनमे घोर निराशा व्याप्त है जिसका सीधा असर उनकी कार्यक्षमता पर पड़ता है नये पूनर्गठन प्रस्ताव अधिसूचित हो जाने पर संघ के अध्यक्ष द्वारा बताया गया की इससे पशुचिकित्साकों की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और अपना सर्वस्व पशु की सेवा में देंगे जिससे पशु उत्पाद में जैसे दूध मांस अंडा उन उत्पादन में झारखण्ड आने वाले दिनों में आत्मनिर्भर होगा , कुपोषण से भी मुक्ति मिलेगी तथा लोगों को पशु उत्पाद आधारित व्यवसाय कर अतिरिक्त आय होगी. पुनर्गठन प्रस्ताव में प्रखंड में एनिमल हेल्थ सेंटर बनेगा जिसमे
पशुचिकित्सालय को सुदृढ़ करना,मानव संसाधन युक्त बनाना ,अत्याधुनिक उपस्कर उपकरण के साथ सुसज्जीत किया जाना है जिससे पशुपालक को तुरंत प्रखंड स्तर पर ही उनके पशु के रोग का निदान हो जायेगा .विधायक महोदया द्वारा पुनर्गठन प्रस्ताव पर सकारात्मक होते हुए कहा गया की यह संघ की जायज मांग है इससे रोजगार सृजन के साथ साथ पशुपालक आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर होंगे और उनका पलायन भी रुकेगा उन्होंने इस विषय पर
यथाशीघ्र कार्यवाही कर मांग पूरी करने का आश्वासन दिया है।साथ ही पूनर्गठन प्रस्ताव को पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत करने का निर्देश संघ के पदाधिकारियों को दिया गया!महामंत्री द्वारा
पुनः विभागीय पदों की पुनरसंरचना एवं पुनर्गठन को यथासीघ्र अधिसूचित कराने तथा झारखण्ड लोक सेवा आयोग के माध्यम से 163 पशुचिकित्साको के नियुक्ति में आ रही बाधा (न्यायिक मामला उम्र सीमा के सम्बन्ध )पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसको दूर करने का अनुरोध किया गया। जिसपर महोदया द्वारा आश्वास्त किया गया की सरकार स्तर से इसका समाधान निकालने का जल्द प्रयास करुँगी ,
माननीय विधायक महोदया से वार्ता सकारात्मक रहा,
इस संबंध में आगे की कार्यवाही का आश्वासन दिया गया। ज्ञात हो की झारखंड निर्माण के बाद कई विभागों का पुनर्गठन हो चुका है। परंतु पशुधन संपन्न इस राज्य में पशुपालन सेवा बदहाली के दौर से गुजर रहा है, जिसे पुनर्गठन के माध्यम से सुदृढ़ किया जा सकता हैं ।
डॉ शिवानंद कांशी
महामंत्री
झारखण्ड पशुचिकित्सा सेवा संघ