एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण : भविष्य की आवश्यकता

0
365

एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण : भविष्य की आवश्यकता

 

भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व को इस समय अगर आवश्यकता है , तो एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण की। पूरा विश्व जिस वक्त कोविड-19 से जूझ रहा था , उसी समय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भरे मंच से आगाह कर दिया था कि आगे जोनोटिक बीमारियों के फैलने की प्रबल संभावना है । उस वक्त भी यह चर्चा का विषय था कि एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण : भविष्य की आवश्यकता है।

 

एक स्वास्थ्य अवधारणा है जो 2000 के शुरुआती वर्षों में उभरी और जो मनुष्यों , अन्य जानवरों के बीच अंतर्संबंधों और स्वास्थ्य अन्योन्याश्रितताओं और साझा वातावरण जिसमें हम रहते हैं और संवाद करते हैं;  बहुत से मामलों में यह साझा वातावरण संक्रामक तत्वों जैसे कि वायरस के लिए प्रजातियों के बीच अनुकूलन और प्रसार संभव बनाता है।  जोनोटिक रोग संक्रामक रोग है , जो जानवरों से इंसानों में या इंसानों से जानवरों में फैलते हैं। इनमें कोविड-19 , इबोला , रैबीज और तपेदिक जैसी बहुत पुरानी बीमारियाँ शामिल हैं।

हमारे वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन जैसे प्राकृतिक आवासों का नुकसान , मनुष्यों के अन्य जानवरों और पर्यावरण के साथ संपर्क करने के तरीके को बदल रहे हैं। जिससे नए जूनोटिक रोगों का उदय हो रहा है।

वर्तमान में यह अनुमान लगाया गया है कि मनुष्य में होने वाले लगभग तीन चौथाई संक्रामक रोगों की उत्पत्ति पशु से हुई है। कोविड-19 महामारी इस बात को रेखांकित करती है कि मानव स्वास्थ्य मूल रूप से हमारे साझा वातावरण में अन्य जानवरों (घरेलू और जंगली) के स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है।

वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र में हम सभी जीवित जीवों का स्वास्थ्य केवल “वन हेल्थ” है, जो तेजी से परिवर्तित और असंतुलित होने पर हम सभी को भविष्य की महामारियों के लिए जोखिम में डाल देता है।

READ MORE :  ONE HEALTH APPROACH : THE NEED OF THE HOUR

 

यह मान्यता बढ़ रही है कि स्थानीय, राष्ट्रीय व विश्व की सरकारों के द्वारा जो त्रुटियाँ जूनोटिक रोगों के उत्पन्न और पुनः उभरने में योगदान देती है; कई वर्षों से इसे संबोधित करने के लिए एक व्यापक सहयोग चल रहा है।

मानव पशु पर्यावरण स्वास्थ्य के लिए वन हेल्थ दृष्टिकोण को अपनाने की सबसे मजबूत पहल के तहत संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन,  विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच त्रिपक्षीय वन हेल्थ सहयोग , 2010 के बाद से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उच्च स्तर पर रफ्तार पकड़ रहा है। जिसका उदाहरण भारत सरकार द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए भारत में 72 वर्षों के बाद नामीबिया से 8 चीते लाए गए हैं।

हम सभी को एक स्वास्थ्य के सभी प्रमुख तत्वों जैसे रोकथाम निगरानी तैयारी और प्रतिक्रिया और वित्तीय सहायता के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, एवं हममें से प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं जागरूक होने की आवश्यकता है।

*जय भारत जय हिंद*

Dr.Alok Singh paliwal 

V.M.O

Adhanpur,  Jaunpur 

Uttar Pradesh 

 

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON