एक विश्व एक स्वास्थ्य: जूनोटिक रोगों से बचाव

0
522
One World, One Health: Prevention and Control of Zoonoses
One World, One Health: Prevention and Control of Zoonoses

एक विश्व एक स्वास्थ्य: जूनोटिक रोगों से बचाव

डॉ संजय कुमार मिश्र1 डॉ शालिनी वासवानी2 एवं डॉ मुकुल आनंद 3

1.पशु चिकित्सा अधिकारी चौमुंहा मथुरा उत्तर प्रदेश

  1. सहायक आचार्य पशु पोषण विभाग दुआसू मथुरा उत्तर प्रदेश
  2. सह आचार्य वेटरनरी फिजियोलॉजी दुवासु मथुरा उत्तर प्रदेश

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है की  एक विश्व एक स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम जूनोटिक रोग की घटनाओं को कम कर सकते हैं।

विभिन्न शोधों से यह तथ्य प्रकाश में आए हैं कि मनुष्य को प्रभावित करने वाली अधिकांश संक्रामक बीमारियां जूनोटिक प्रवृत्ति की होती हैं। वन हेल्थ की अवधारणा को प्रभावी रूप से कोविड-19 जैसे उभरते जूनोटिक रोगों की घटनाओं को कम करने के लिए लागू किया जा सकता है।

वन हेल्थ संबंधी अवधारणा स्थानीय राष्ट्रीय तथा वैश्विक स्तर पर कार्य कर रहे विभिन्न विषयों को सामूहिक रूप से संबोधित कर सकता है। शोध के अनुसार मनुष्य को प्रभावित करने वाले संक्रामक रोगों में से 65 परसेंट से अधिक रोगों की उत्पत्ति के मुख्य स्रोत पशु है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि रोग के कारणों की वैज्ञानिक जांच के दौरान अन्य विषयों पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों को भी शामिल किया जाए तो जांच के परिणामों की स्पष्ट पुष्टि हो सकती है। वन हेल्थ मॉडल के सफल क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।

वन हेल्थ मॉडल:

यह एक ऐसा समन्वित मॉडल है जिसमें पर्यावरण स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य तथा मानव स्वास्थ्य का सामूहिक रूप से संरक्षण किया जाता है। यह मॉडल महामारी विज्ञान पर अनुसंधान उसके निदान और नियंत्रण के लिए वैश्विक स्तर पर स्वीकृत मॉडल है। वन हेल्थ मॉडल रोग नियंत्रण में अंत: विषयक दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करता है ताकि उभरते हुए या मौजूदा जूनोटिक रोगों को नियंत्रित किया जा सके। इस मॉडल में सटीक परिणामों के लिए स्वास्थ्य विश्लेषण और डाटा प्रबंधन उपकरण का प्रयोग किया जाता है। वन हेल्थ मॉडल इन सभी मुद्दों को रणनीतिक रूप से संबोधित करेगा और विस्तृत अपडेट प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा।

READ MORE :  Role of Veterinarians and One Health Professionals in Preventing Zoonoses

जूनोटिक रोग:

पशुओं से मनुष्य में फैलने वाली बीमारियों को जूनोटिक रोग कहा जाता है। विशेषज्ञ इसे जूनोटिक अर्थात जीव जंतुओं से मनुष्यों में फैलने वाले संक्रमण का नाम देते हैं। विश्व भर में इस प्रकार की लगभग 150 बीमारियां हैं। इनमें रेबीज, ब्रूसेलोसिस, क्योंटेनियस लिस् मैंनिऐससिस, टीवी, फ्लैग, टिक पैरालाइसिस, गोल कृमि, सालमोनेलोसिस जैसी बीमारियां शामिल है। प्रतिवर्ष 6 जुलाई को इन रोगों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए विश्व जूनोटिक  दिवस मनाया जाता है।

टास्क फोर्स की आवश्यकता:

चिकित्सा, पशु चिकित्सा, पैरामेडिकल क्षेत्र और जीव विज्ञान के शोधकर्ताओं ने एक दूसरे को दोष देने की बजाय मुद्दों को सुलझाने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की सिफारिश की है। स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, कृषि और जीवन विज्ञान अनुसंधान संस्थान और विश्वविद्यालय इसके गठन में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।

भविष्य की योजना:

हमें जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण में गिरावट को देखते हुए आने वाले दिनों में इस तरह के संक्रमण  का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। सभी विकासशील देशों को एक स्थाई रोग नियंत्रण प्रणाली विकसित करने के लिए “वन हेल्थ वन वर्ल्ड रिसर्च” को बढ़ावा देने की प्रक्रिया को अवश्य अपनाना चाहिए।

  एक विश्व -एक स्वास्थ्य : जूनोसिस से बचाव

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON