जैविक पशुपालन

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                                   जैविक पशुपालन

डॉ. जयंत भारद्वाज,

शोध छात्र,

पशु विकृति विज्ञान विभाग,

पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, जबलपुर (म. प्र.) I

सारांश – जैविक पशुपालन आज के समय में अत्यंत की जरुरी हो गया है I आज के समय में पशु उत्पादों में न जाने कितने ही भयंकर रसायनों की पुष्टि हो चुकी है I अतः जैविक पशुपालन आवश्यक है मानव एवं वातावरण दोनों के स्वास्थ्य के लिए और मानवता के सतत् विकास के लिए ‘जैविक पशुपालन’ शब्द हम भारतीयों के लिए नया नहीं है I यह तो सदियों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है I परन्तु समय का पहिया कुछ ऐसा घूमा कि दिन दौगुनी रात चौगुनी की रफ़्तार से बढ़ती जनसँख्या की उदार पूर्ति के लिए भारत के पशुपालक जैविक पशुपालन छोड़ बैठे I आज जब हम आधुनिकता की दौड़ में विकास के नाम पर कंक्रीट के जंगल खड़े कर रहे हैं और अंधे होकर सिर्फ छद्म जीत के लिए हर प्रकार के खाद्य पदार्थ को न जाने कितने ही प्रकार के रासायनिक पदार्थों से दूषित कर मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं I ऐसे में आवश्यकता है ऐसे खाद्य पदार्थों की जो कि रसायन मुक्त हों I ऐसे पदार्थ सिर्फ और सिर्फ जैविक कृषि और जैविक पशुपालन से ही प्राप्त हो सकते हैं I जैविक कृषि के क्षेत्र में काफी प्रयास किये जा रहे हैं परन्तु साथ ही आवश्यकता है जैविक पशुपालन के क्षेत्र में प्रयत्न करने की I  जैविक पशुपालन से प्राप्त पशु उत्पाद जैसे दूध, अंडा, मांस इत्यादि रसायन मुक्त होंगे जो कि मानवीय स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य साबित होंगे I

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मुख्य शब्द : जैविक, पशुपालन, रसायन, एंटीबायोटिक्स, हॉर्मोन, सेवन I

जैविक पशुपालन क्या है – जैविक पशुपालन से हमारा अर्थ पशुओं के ऐसे पालन से है जिसमें उन्हें किसी भी प्रकार का रसायन जैसे की एंटीबायोटिक्स, हॉर्मोन इत्यादि न दिया जावे I  जैविक पशुपालन का स्वप्न तब तक एक दिवास्वप्न ही है जब तक कि जैविक कृषि न की जावे I

जैविक पशुपालन के फायदे

  • हम जानते हैं कि आज के समय में जीवाणुओं के प्रति हम सभी में एंटीबायोटिक प्रतिरोधकता विकसित हो रही है I ऐसा इसलिए हो रहा है क्यूंकि हम लोग थोड़ी – थोड़ी मात्रा में बाहर से एंटीबायोटिक ग्रहण कर रहे हैं I जैविक पशुपालन से प्राप्त पशु उत्पाद एंटीबायोटिक्स मुक्त होते हैं I अतः ऐसे पशु उत्पादों के सेवन से जीवाणुओं के प्रति एंटीबायोटिक प्रतिरोधकता विकसित नहीं हो पाती और जीवाणुओं का संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक्स से प्रभावी उपचार किया जाना संभव है I
  • हम सभी को यह ज्ञात है कि हॉर्मोन की बेहद ही कम मात्रा भी भारी शारीरिक बदलाव करने में सक्षम है I जैविक पशु उत्पाद पूर्णतः हॉर्मोन मुक्त होते हैं, अतः इनका सेवन हमारे शरीर में किसी भी प्रकार का अंतः स्त्रावी नुकसान नहीं करता है I
  • जैविक पशु उत्पाद शरीर के लिए लाभदायक होते हैं I
  • जैविक पशुपालन से पशुपालक अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है क्यूंकि जैविक पशु उत्पाद सामान्य उत्पादों से अधिक दाम में बिकते हैं I
  • जैविक पशुपालन से हमें सुरक्षित भोजन के साथ ही साफ़, सुरक्षित तथा प्रदूषण रहित वातावरण भी मिलता है I
  • जैविक दुग्ध में संयुग्मित लिनोलिक अम्ल की मात्रा सामान्य दुग्ध से अधिक होती है जो कि ह्रदय रोग और मधुमेह को रोकने में सहायक है I
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जैविक पशुपालन के मार्ग में अवरोध

  • जैविक पशुपालन बिना जैविक खेती के संभव नहीं है I ऐसे में जब किसी स्थान पर जैविक खेती ही नहीं होती, तो जैविक पशुपालन करना दुष्कर है क्यूंकि फिर किसान को जैविक चारा दूरस्थ स्थानों से मंगाना पड़ेगा जो की परिवहन व्यय को बढ़ा देगा और इससे पशुपालक का मुनाफा भी प्रभावित होगा I
  • जैविक पशुपालन में कृत्रिम गर्भाधान का कोई स्थान नहीं है I ऐसे में भारत में चलायी जाने वाली कृत्रिम गर्भाधान की योजनाएं जैविक पशुपालन को कहीं न कहीं प्रभावित करती हैं I
  • बाज़ारों में पशुओं के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक तथा अन्य हर्बल दवाएं कम ही उपलब्ध हैं I ऐसे में पशुपालक को पशु के बीमार होने के समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है I
  • पशुपालकों को लगता है कि जैविक पशुपालन से कम मुनाफा मिलता है ऐसे में वे इसके लिए उत्साहित नहीं होते I
  • पशुपालकों को जैविक पशुपालन करने की सही जानकारी का अभाव भी जैविक पशुपालन के मार्ग में एक बहुत बड़ा अवरोध है I
  • जैविक पशु उत्पादों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया अत्यंत ही जटिल है जो कि पशुपालकों को इसके लिए हतोत्साहित करता है I
  • जैविक पशु उत्पादों को बेचने के लिए उचित बाजार उपलब्ध नहीं होने के कारण भी पशुपालक भाई इसको अपनाने से कतराते हैं I

जैविक पशुपालन प्रोत्साहित करने के उपाय

  • हमें पशुपालकों को जैविक पशुपालन के प्रति जागरूक करना होगा I
  • हमें आम जन को जैविक पशु उत्पादों के सेवन से होने वाले फायदों के लिए जागरूक करना होगा I
  • सरकार को ऐसी योजनायें लानी होंगी जो कि जैविक पशुपालन को प्रोत्साहित करें I
  • सरकार तथा अन्य सम्बंधित संस्थानों को पशुपालकों को जैविक पशुपालन की सम्पूर्ण विधियां सिखाने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने होंगे I
  • जैविक पशुपालन के लिए सब्सिडी देना एक कारगर उपाय सिद्ध होगा I
  • हमें जैविक कृषि को बढ़ावा देना होगा क्यूंकि यही जैविक पशुपालन का आधार है I
  • सरकार तथा अन्य सम्बंधित संस्थानों को प्रयत्न करना चाहिए कि जैविक पशु उत्पादों को बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराये जाएं I
  • जैविक पशु उत्पादों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाना होगा I
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जैविक पशुपालन आज के समय की मांग है I यह वास्तव में आज के समय में एक क्रांति है I सरकार एवं आम जन की भागीदारी से ही भारत के कोने – कोने में पशुपालक इसको अपना पायेगा I एक ओर यह पशुपालन हमें न जाने कितनी ही भयंकर बिमारियों से बचाएगा, वहीँ दूसरी ओर वातावरण को भी स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त रखने में सहयोगी होगा I ऐसा पशुपालन चहुँ ओर से सिर्फ और सिर्फ मानवता के लिए कल्याणकारी ही सिद्ध होगा I अब वो दिन दूर नहीं जब हम एक बार फिर गर्व से कह सकेंगे कि हाँ सच में भारत की भूमि सुखदाम् वरदाम् भूमि है I

 

 

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