मैं पशुपालन का कार्मिक हूं
करता अपील एक मार्मिक हूं l
आओ मिलकर हाथ बढ़ाएं
लंपी को मिलकर हराएं ll
पशुपालन की सेना छोटी
फिर भी लंपी से खूब लड़ी है l
महामारी का रूप विकराल
फिर भी सेना डटी खड़ी है ll
त्योहार बार सब छोड़ कर के
खूब गो सेवा कर रही है l
लेकिन प्रकोप इतना बड़ा है
फिर भी गाय मर रही है ll
इस महामारी से लड़ने को
सहयोग समाज का चाहिए आज l
चारा पानी गायों को दे दो
छोड़ो एक बार बाकी काज ll
स्वार्थ का दलदल सब छोड़ो
आडंबर की कमर तोड़ो l
निस्वार्थ भाव से खड़े होकर
गोसेवा से खुद को जोड़ो ll
व्यर्थ आंदोलन में अटक न जाना
रास्ता सेवा का भटक न जाना l
गोसेवा को ही आंदोलन बनाना है
यदि लंपी को आज हराना है l
मैं भी कर रहा गोसेवा आज
क्योंकि मैं भी तो धार्मिक हूं l
मैं भी कर रहा गोसेवा आज
क्योंकि मैं भी तो धार्मिक हूं ll
मैं पशुपालन का कार्मिक हूं
करता अपील एक मार्मिक हूं l
आओ मिलकर हाथ बढ़ाएं
लंपी को मिलकर हराएं ll
—-डॉ निर्मल कुमार दाधीच
पशु चिकित्सा अधिकारी
दांतारामगढ़ राजस्थान