मुर्गी पालन: एक लाभकारी व्यवसाय
डा0 विभा यादव सहायक प्राध्यापक
पशु सुक्ष्म जीव विज्ञान विभाग पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय
आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या
प्रमुखशब्दःचूजे,लेअर्स,लिटर,मोल्टिंग,संतुलितआहार,अण्डा,बीमारियां,पेरोसिस,टीकाकरण,मेरेक्स
- कुक्कुट गृह– हवादार, सीलन रहित, पक्के फर्श वाला होना चाहिए। पक्षी गृह में सीधी ठंडी या गर्म हवा के झोंके प्रवेश न करें तथा पानी का पर्याप्त निकास हो। प्रति पक्षी ढाई से तीन वर्ग फुट स्थान पर्याप्त है।
- चूजे लाने से पूर्व की तैय्यारी– पुराना लिटर निकालकर नया लिटर बिछाया जावे। बूडर गार्ड्स, खाने-पीने के बर्तनों को साफ करवाएं तथा ब्रूडर 12 घंटे पूर्व चालू करें। पानी एवं दवा बर्तनों में भर कर रखे।
- चूजे की व्यवस्था– प्रथम सप्ताह में ब्रूडर का तापमान 95 डिग्री फे० रखा जाना चाहिए। रानीखेत ऐफ 1 का टीका चूजों को लगावें, एक सप्ताह उम्र के चूजे होने पर चोंच काट दें।
दूसरे सप्ताह की तैय्यारी– ब्रूडर का तापमान 90 डिग्री फे० रखा जावे। इसके बाद प्रति सप्ताह 5 डिग्री फें के मान से घटाते हुए छठे सप्ताह में 70 से 60 डिग्री फे० के बीच रखें। ब्रूडर का उपयोग 9-10 सप्ताह तक करें । चूजों का 20 से 22 प्रतिशत प्रोटीन युक्त चिकमेश दाना दिया जावे तथा 10 सप्ताह उम्र होने परग्रोअर मेश दिया जावे। चूजे के आहार में विटामिन मिलावे तथा कृमिनाशक औषधियां, पशु चिकित्सक की सलाह से प्रति माह पीने के पानी में मिलावें।
विशेष सावधानी– चूजे/मुर्गियां लाने के पूर्व उन्हें उम्र के अनुसार आवश्यक संक्रामक रोग प्रतिबंधक टीकाकरण हुआ या नहीं यह जान लें। मुर्गियां प्रातः काल के समय कुक्कुट गृह में रखें। लाते समय बांस के पिटारे एक के ऊपर एक न रखें।
लेअर्स की देखभाल– अंडे देने हेतु 6 मुर्गियों के पीछे 12”X12”X13” का दडबा पर्याप्त है । प्रकाश की उचित व्यवस्था हो । 40 वाट का बल्ब फर्श से 7 फीट की ऊँचाई पर लगाया जावे । बाहरी व्यक्ति कुक्कुट गृह में में प्रवेश न करे, या प्रवेश करने से पूर्व कीटाणुनाशक घोल में पैर डुबोये, मुर्गियों की चोंच ग्रोअर तथा लेयर बनने से पूर्व काटी जावे, आहार के घटकों में बार-बार परिवर्तन न करें ।
मुर्गी पालन हेतु सामान्य जानकारी
लिटर की देखभाल–
सही प्रकार का लिटर स्थानीय उपलब्धि के आधार पर (धान का भूसा, लकड़ी का बुरादा, मूंगफली का छिलका आदि) 4 से 5 इंच मोटा बिछाया जावे । प्रति पक्षी कम से कम ढाई वर्गफुट स्थान उपलब्ध हो। हवा का आवागमन पर्याप्त हो । एक कुक्कुट गृह में एक ही उम्र के पक्षी पाले जावे।
गर्म हवा आने की दशा में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक गरदे डाले जायें तथा छत पर घास पट्टी बिछायी जावे । यदि स्थान उपलब्ध हो तो ऊँचे बढ़ने वाले पेड़ लगावे ताकि छत पर छाया रहे । पक्षियों को ठंडापन उपलब्ध करावे तथा पानी के बर्तन संख्या में बढावें । शीत ऋतq में भी अत्यधिक ठण्डी हवा के झोंको से पक्षियों को बचाया जावे ।
मुर्गियों की छंटनी–
एक सप्ताह की उम्र से 18 माह की उम्र तक निरन्तर छंटाई कर निरुपयोगी पक्षी निकाल देने से अलाभकारी पक्षियों पर होने वाले आहार व्यय वाली मुर्गी वेस्ट अस्थिका पिछला छोर तथा पेल्विक के बीच तीन अंगुल इतना चौड़ा स्थान, पेट मुलायम तथा पेल्विक अस्थियों की बीच की दूरी तीन अंगुल होना चाहिये । चोंच, आँख की पलक बेंन्ट तथा अंग आदि पीले रंग के हों तो वह पक्षी अंडे नहीं दे रहा है मानकर अलग कर देना चाहिये ।
मोल्टिंग (पंख झड़ना)-
मुर्गियों में 6 माह की उम्र तक चार बार तथा उसके बाद प्रत्येक वर्ष में एक बार पंख झड़ने की नैसर्गिक क्रिया होती है | प्रथम सर से प्रारंभ होकर क्रमशः गर्दन, पीठ, पेट, पंख, तथा अन्त में पूँछ के पंख झड़ते हैं । पक्षी अंडा देना कम कर देते हैं या बंद कर देते हैं । नये पंख 40 दिन में आते हैं । जिन मुर्गियों में पूरे शरीर के पंख एक साथ झड़ने लगते हैं उनकी उत्पादन क्षमता में उतनी कमी नहीं आती जितनी धीरे धीरे पंख झड़ने वाले पक्षियों में आती है । मोल्टिंग के समय पक्षियों के आहार में प्रोटीन्स, खनिज आदि की मात्रा बढाई जाना चाहिये तथा कर्मी नाशक औषधि तथा बाह्य परजीवी नाशक का उपयोग करना चाहिये ।
संतुलित कुक्कुट आहार
कुक्कुट पालने में अंडा उत्पादन के व्यय का 70 प्रतिशत केवल आहार पर खर्च होता है । सन्तुलित कुक्कुट आहार में निम्नानुसार मात्रा में तत्व आवश्यक हैं:-
क्र०स० | तत्व | चूजे(8 सप्ताह से कम) | ग्रोवर्स(9 सप्ताह से 18 सप्ताह) | लेअर्स |
1 | प्रोटीन % | 20 से 22 % | 14 से 16% | 16 से 18 % |
2 | फाइबर % | 7 | 8 | 8 |
3 | एसिड अघुलनशील एश% | 4 | 4 | 4 |
4 | कैल्शियम % | 1 | 1 | 2.75 |
5 | नमक | 0.9 | 0.8 | 0.6 |
6 | विटामिन ए (ई०यू० प्रति किलो) | 4000 | 4000 | 8000 |
7 | विटामिन डी | 600 | 600 | 1200 |
8 | पेन्टोथेनिक एसिड मि०ग्रा० प्रति किलो | 10 | 10 | 15 |
9 | निकोटिनिक एसिड | 30 | 20 | 20 |
इसके अलावा प्रति किलो आहार में फास्फोरस 0.5 %प्रतिशत मैगनीज, 55 मि०ग्रा० आयरन, 20 मि०ग्रा० कापर, 2 मि०ग्रा० थायमीन, 6 मि०ग्रा० राइबोफ्लेबिन, 5 मि०ग्रा० विटामिन बी-15, 15 मि०ग्रा० आहार बनाते समय मुर्गियों की उम्र, अंडा या मांस का प्रयोजन, खाद्य घटकों की गुणवत्ता तथा कीमत के साथ साथ प्राप्त होने की सुलभता पर ध्यान रखना आवश्यक है ।
संतुलित आहार के अभाव में होने वाली बीमारियाँ–
- पैरोसिस:- आहार में कैल्शियम, फास्फोरस तथा मैगनीज की कमी से होता है । पक्षी के पैर के घुटने के जोड़ में सूजन आती है । लम्बी हड्डियाँ मुड़ने से पैर टेढ़े होने से पक्षी सीधे खड़ा नहीं हो सकता है।
- विटामिन ए की कमी:- पक्षी की शारीरिक वृद्धि ठीक नहीं होती । पंख चमकहीन हो जाते हैं । शरीर दुर्बल होने से अंडा उत्पादन कम हो जाता है । आँख व नाक से पतला स्राव आता है, आँख में सूजन व श्वांस लेने में कठिनाई होती है । चूजे चलने में लडखडाते हैं । पक्षियों के बचाव हेतु विटामिन ए, हरी सब्जी, पालक, शार्क लीवर आयल आदि दाने में मिलावे ।
- विटामिन “ई” की कमी:- मुर्गी के जनन अंगों में प्रभाव पड़ने से अंडो का उत्पादन कम होता है । अंडो में हेचिबिलिटी कम हो जाती है ।
- विटामिन “के” की कमी:- पक्षी समूह में इकट्ठे हो जाते हैं दस्त में खून आने लगता है । पंख के नीचे, कलगी आदि से खून गिरता है ।
- विटामिन “बी” की कमी:- पक्षियों को भूख कम लगती है, आहार कम खाते है, पंख चमकहीन, लकवा हो सकता है, अंडा उत्पादन कम हो जाता है । चूजों के पंजे मुड जातें हैं। मुर्गियों के आहार में पर्याप्त मिनिरल्स व् विटामिन होना आवश्यक है जिससे ऊपर दर्शाई बीमारियाँ नहीं होंगी ।
अंडा पौष्टिक तत्वों का भण्डार:–
- शरीर निर्माण और स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा फैट अत्यावश्यक है और ये सारे तत्व अंडे में विद्यमान है ।
- अंडा शाकाहारी भोज्य पदार्थ है- ये ऐसी मुर्गियों द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं जिनके बीच मुर्गे नहीं रहते । अतः ये निर्जीव और खाद्यान्न से भरपूर रहते हैं ।
- फलों को छोड़ अन्य सभी पौष्टिक पदार्थो में मिलावट संभव है किन्तु अंडे में नहीं
- अंडा क्षति पूरक, पोषक तथा संतुलित आहार है ।
- हरी सब्जियों में विद्यमान विटामिन केवल अंडे से ही हर मौसम में प्राप्त किये जा सकते हैं ।
- शिशु, गर्भवती माताएं तथा बीमारों को स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिये अंडा सबसे उत्तम खाद्य पदार्थ है |
- अंडे के सही उपयोग से स्वास्थ्य पर किसी भी मौसम में कुप्रभाव नहीं पड़ता है ।
- संतुलित और पौष्टिक तत्वों से युक्त होने के कारण अंडा मनुष्य को निरोगी, स्फूर्तिमान और हष्टपुष्ट रखकर स्फूर्ति प्रदान करता है ।
कुक्कुट पालन टीकाकरण सारिणी
क्र०स० | नाम टीका | उम्र |
1 | एफ स्ट्रें रानीखेत टीका | एक दिन की आयु में या फिर पांचवे दिन, यदि मेरेक्स टीका पहले दिन लगाया जा चुका हो तो । |
2 | मेरेक्स टीका | प्रथम दिन हेचरी में ही लगाया जाना चाहिए । |
3 | फाउल पॉक्स पीजन स्केव | तीसरे से चौथे सप्ताह में |
4 | रानीखेत रेग्युलर आर०बी० | छः सप्ताह की आयु में |
5 | फाउल पॉक्स लाइव वायरस | आठ सप्ताह में |
6 | रानीखेत रेग्युलर बूस्टर | 18 से 20 सप्ताह की आयु में |