कुक्कुट आहार

0
806

कुक्कुट आहार
डॉ. पुष्पा लांबा1’, डॉ. विवेक सहारण2 और अरुण कुमार झिरवाल1
1. पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग, राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर
2. पशु पोषण विभाग, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा

कुक्कुट पालन व्यवसाय में होने वाले व्यय का 70 प्रतिषत से अधिक कुक्कुट आहार पर होता है। जैसे-जैसे कुक्कुट उत्पादन में वृद्धि हो रही है, कुक्कुट आहार की उपयोगिता एवं आवष्यकता भी बढ़ रही है। इसलिए यह जरूरी है कि प्रत्येक कुक्कुट पालक कम से कम खर्चे में अधिक से अधिक पौष्टिक आहार बनाने का प्रयत्न करें।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिंजरे (केज) में अथवा मुर्गियों के लिये निर्मित भवन/षेड (डीप लीटर प्रणाली) में मुर्गी रखना काफी सुरक्षित है, परन्तु इस व्यवस्था मेंं अपने खान-पान (आहार) के लिये मुर्गियों को सदैव ही मुर्गी पालक पर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिये प्रत्येक मुर्गी पालक का यह प्रथम कर्त्तव्य है कि वो यह सुनिष्चित करें कि फीडर (दाने का बर्तन) में हर वक्त मुर्गियों के लिए संतुलित आहार उपलब्ध रहे।
कुक्कुट आहार एवं उसके तत्व – अन्य पक्षियों की तरह मुर्गियॉं कई तरह के अनाज, घास, पत्तियॉं, जीव जन्तु कंकड़ व अन्य पदार्थ खा लेती है। कुक्कुट आहार पर हुये विभिन्न अनुसंधान के फलस्वरूप आज यह सम्भव हो सका है कि कम कीमत में मुर्गियों को संतुलित आहार दिया जा सकता है।

1. प्रोटीन – संतुलित कुक्कुट आहार का आधार अच्छी किस्म का प्रोटीन ही है। प्रोटीन षारीरिक वृद्धि एवं विकास के लिये अति आवष्यक है। प्रोटीन के दो मुख्य स्त्रोत है।
1) वनस्पति जगत से प्राप्त होने वाला प्रोटीन जैसे – विभिन्न प्रकार के खल।
2) जीव जन्तु से प्राप्त होने वाला प्रोटीन जैसे – मच्छी का चूरा, हडिड््यों का चूरा इत्यादि।

READ MORE :  Bioflavonoids  : Natural Antioxidants for Growth and productivity improvement in Poultry 

2. कार्बोहाइड्रेट – यह कुक्कुट आहार से मिलने वाली ऊर्जा (षक्ति) का मुख्यस्त्रोत है। कार्बोहाइड्रेट को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
1) घुलनषील या षर्करा – मक्का, बाजरा, गेहूॅं आदि से प्राप्त होती है।
2) अघुलनषील या रेषेदार कार्बोहाइड्रेट – चावल का छिलका, गेहॅूं का चापड़, चावल का छिलका इत्यादि।

कुक्कुट आहार में दोनों की ही अपनी-अपनी उपयोगिता है। घुलनषील कार्बोहाइड्रेट मुख्यतः मक्का, बाजरा, गेहूॅं इत्यादि में पाया जाता है जबकि रिजका, गेहॅूं का चापड़ चावल का छिलका (राईस पालिस) इत्यादि में अघुलनषील कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।

3) वसा – यह कुक्कुट आहार का एक मुख्य तत्व है। आहार को स्वादिष्ट बनाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट के अनुपात से ढाई गुना अधिक ऊर्जा होती है, परन्तु कुक्कुट आहार में इसकी आवष्यकता को देखते हुये बहत की मात्रा में मिलाया जाता है। क्योंकि इसकी पूर्ति कुक्कुट आहार में लिए जाने वाले विभिन्न पदार्थों द्वारा हो जाती है। यह विभिन्न प्रकार के वनस्पति तेलों मेंं प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
4) ऊर्जा -यह विभिन्न षारीरिक क्रियाओें को सुचारू रूप से चलाने हेतु षरीर में ईंधन का काम करता है। यह मक्का, चावल का छिलका (राईस पालिस) गेहॅूं इत्यादि में प्रचुर मात्रा में होती है।
5) खनिज तत्व – यह षरीर में होने वाली विभिन्न रासायनिक एवं जैविक क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। मुर्गियों के लिए 13 खनिज आवष्यक है जो है –

कैल्षियम, फॉस्फोरस, मैग्निषियम, पोटेषियम, सोडियम, आयरन, जिंक, मैगनीज, कॉपर, क्लोरीन, मोलीब्डेनम, आयोडीन एवं सल्फर । कैल्षिम, फॉस्फोरस, सोडियम, क्लोरीन व मैग्निषियम को छोड़कर सभी खनिज कुक्कुट आहार से प्राप्त हो जाते है। विभिन्न खनिज तत्वों के स्त्रोत निम्न है :-

READ MORE :  How to increase feed intake in commercial layer for optimum production

कैल्षियम – सीप व चूने का पत्थर
फॉस्फोरस – हडि््डयों का चूरा
सोडियम एवं क्लोरीन – सादा नमक ।

6) ग्रिट :- ये बारीक कंकड़ होते है जो गिजार्ड में दाने को पीसने का काम करते है। आजकल कुक्कुट पालक मार्बल चिप्स का भी उपयोग करते है।

7) विटामिन :- यह अति आवष्यक तत्व षरीर के विकास, विभिन्न षारीरिक (रसायनिक एवं जैविक क्रियाओं, उत्पादन एवं षारीरिक प्रतिरोधक) क्षमता को बनाए रखने में सहायक होते है। चूंकि मुर्गियों को पिंजरे (केज) एवं निर्मित भवन/षेड में रखा जाता है इसलिए यह प्राकृतिक वनस्पति व धूप से मिलने वाले विटामिनों से वंचित रह जाती है। इसकी पूर्ति हेतु मुर्गियों को विटामिन दिये जाते है। विटामिन-ए मुर्गियों को धुप से होने वाले फायदे पहुॅचाता है, विटामिन-बी मुर्गियों के आहार में दूध एवं मांस की पूर्ति करता है। आहार में अलग से विटामिन-सी मिलाने की कोई आवष्यकता नहीं होती है क्योंकि मुर्गियॉं स्वयं अपने षरीर से बना लेती है।
8) पानी :- उपरोक्त सभी तत्वों के अतिरिक्त पानी भी मुर्गियों के लिए अति आवष्यक है। विभिन्न षारीरिक रसायनिक एवं जैविक क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने व षरीर की मांस पेषियों व विभिन्न अंगों को सही रूप से बनाए रखने व षरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में पानी मुख्य भूमिका अदा करता है।

 

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON