पशुचिकित्स्को को पांच पदसोपान चिनिहितिकारण के साथ 50% प्रोन्नत पद दिया जायेगा – अबुबकर सिदक्की सचिव, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड

0
691

पशुचिकित्स्को को पांच पदसोपान चिनिहितिकारण के साथ 50% प्रोन्नत पद दिया जायेगा – अबुबकर सिदक्की सचिव, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड

संघ ने BAHO को ब्लॉक के स्थापना से हटाकर पशुपालन विभाग के पशुचिकित्सालय मे पदस्थापन करने की मांग राखी अवगत कराया गया की यह पद ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सृजित है और वेतन का भुगतान वही से किया जाता है प्रखंड विकास पदाधिकारी के नियंत्रण मे होते है परन्तु प्रशासनिक नियंत्रण एवं पदस्थापन पशुपालन विभाग से होता है. प्रखंड स्तर पर गैर विभागीय कार्यों मे BAHO को ज्यादा लगाया जाता है जिससे पशु की चिकित्सा एवं विभागीय कार्य प्रभावित होता है. पूर्व मे मानव चिकित्सक भी कम्युनिटी डेवलपमेन्ट के तहत प्रखंड विकास पदाधिकारी के नियंत्रण मे थे परन्तु उनका नियंत्रण स्वास्थ्य विभाग मे करके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई है. आतेव BAHO के पद को समायोजित कर प्रखंड स्तर पर पशुचिकित्सा सेवा को सुदृढ़ कर मॉडर्न अस्पताल /पशु स्वास्थ्य केंद्र विकसित करने पर सहमति सचिव महोदय द्वारा दिया गया.

झारखण्ड पशुचिकित्सा सेवा संघ द्वारा पशु चिकित्सा सेवा के पदों के पुनर्गठन के साथ पांच पद सोपान, प्रोन्नत पद 50 प्रतिशत के साथ  अन्य सुविधा देने की मांग का प्रस्तुतीकरण डॉ अमित कुमार द्वारा दिया गया!

बताया गया की केरल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, ओड़िशा, आँध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों मे पशुचिकित्सको का पांच पदसोपान है निदेशक का पद पशुचिकित्सक सम्बर्ग का है अतएव झारखण्ड मे भी निदेशक प्रमुख का पद सम्बर्गीय करते हुए पशुचिकित्साको का पांच पदसोपान के साथ 50 प्रतिशत प्रोन्नत पद करते हुए पदों का चिनिहितिकरण करते हुए नियमावली संसोधन प्रस्ताव की संचिका बढ़ाने का निदेश विभागीय पदाधिकारी को दिया!

READ MORE :  Thousands of litres of cow urine consumed in Gujarat daily

उन्हें अवगत कराया गया की वर्तमान मे पशुचिकित्साको का मात्र दो पदसोपान एवं 9 प्रतिशत प्रोन्नत पद है जिसके कारण 91% पशुचिकित्सक मूल कोटि के पद से सेवानिवृत हो रहे है.जिससे उनमे घोर निराशा व्याप्त है जिसका सीधा असर उनकी कार्यक्षमता पर पड़ता है नये पूनर्गठन प्रस्ताव अधिसूचित हो जाने पर  पशुचिकित्साकों की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी और अपना सर्वस्व पशु की सेवा में देंगे जिससे पशु उत्पाद   जैसे  दूध मांस अंडा उन उत्पादन में झारखण्ड आने वाले दिनों में आत्मनिर्भर होगा , कुपोषण से भी मुक्ति मिलेगी तथा लोगों को पशु उत्पाद आधारित व्यवसाय कर अतिरिक्त आय होगी साथ ही

अवगत कराया गया की नेशनल कमीशन ऑन एग्रीकल्चर रिपोर्ट 1976 में अनुशंसित 5000 कैटल यूनिट पर एक पशुचिकित्सक की आवश्यकता है जिसके अनुसार झारखण्ड मे 2800 पशुचिकित्सक होना है जिसके विरुद्ध 798 पद ही स्वीकृत है!

संघ द्वारा प्रखंड स्तर पर प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी को ग्रामीण विकास बिभाग से हटाकर पशुपालन बिभाग मे पशुचिकित्सालय मे समाहित करने का प्रस्ताव रखा गया जिसे सचिव महोदय ने प्रखंड स्तर पर पशुपालन की उपयोगिता एवं पशुचिकित्सालय को सशक्त एवं सुदृढ़ करने का अच्छा माध्यम कहा जिससे पशुपालक को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण, जाँच के साथ अच्छी चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सकेगी .

संघ के अध्यक्ष द्वारा सकारात्मक पहल के लिए सचिव महोदय का आभार व्यक्त किया गया.

बैठक मे अपर सचिव, अंजनी कुमार सिन्हा,झारखण्ड पशुचिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ संजय सेमसन टोप्पो, महामंत्री डॉ शिवानंद कांशी, डॉ समीर सहाय डॉ अमित कुमार उपस्थित थे!

महामंत्री

झारखण्ड पशुचिकित्सा सेवा संघ

 

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON