अंडे एवं मांस के लिए बटेर पालन
क्वेल अर्थात बटेर पोल्ट्री पक्षियों की सबसे छोटी प्रजाति है जिसे मांस और अंडो के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मुर्गीपालन की तरह बटेर पालन भी रोजगार का अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। भारत सरकार भी ग्रामीण क्षेत्रों मे बटेर पालन को प्रोत्साहित कर रही है। बटेर पालन के लिए सभी तरह के मौसम उपयुक्त है। बटेर के अंडे और मांस बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक होते है।
बटेर की प्रमुख विशेषताएँ
- बटेर का आकार छोटे होने के कारण इसे छोटे क्षेत्र में पाला जा सकता है।
- मुर्गियों एवं अन्य पक्षियों की तुलना में बटेर पालन में खाद्य लागत कम लगती है।
- बटेर का विकास काफी तेजी से होता है।
- बटेर के चुजे18 दिनों के भीतर अंडे से बाहर आ जाते है।
- बटेर एक मजबूत पक्षी है एवं इनमें बिमारियां काफी कम होती है।
- इनसे तीन किलो भोजन के बाद एक किलो वजन प्राप्त किया जाता है।
- ये अंडे सेते नहीं है इसलिए बच्चे पैदा करने के लिए मुर्गियों या इनक्यूबेटर का प्रयोग किया जाता है। इनसे साल में4 पीढ़ी प्राप्त कर सकते हैं।
बटेर पालन की प्रणाली
बटेर को डीप.लीटर अथवा पिंजरा प्रणाली में पाला जाता है। डीप.लीटर प्रणाली में एक बटेर के लिए 0.2 फीट स्कवेयर जगह की जरूरत होती है। परंतु पिंजरा प्रणाली में बटेर पालन ज्यादा सुविधाजनक है। इसमें भी जालीदार प्लास्टिक का पिंजरा सबसे उपयुक्त होता है। बटेर के अवासों में स्वच्छता के साथ.साथ हवा एवं प्रकाश का प्रवाह भी सुनिश्चित होना चाहिए।
अंडे उत्पादन
बटेर 6.7 सप्ताह की आयु में अंडे देना शुरु कर देती है। आमतौर पर बटेर शाम को अंडे देती है। इनके अंडे सुन्दर और बहुरंगी होते है। अच्छी परिस्थिति में ये सालभर में 280 अंडे देते है। उनके एक अंडे का वजन लगभग 9.10 ग्राम होता है।
बटेर अंडे की संरचना एवं पौष्टिकता
घटक तत्व | ज़ल | प्रोटीन | वसा | कार्बोहाइड्रेट | खनिज लवण |
प्रतिशत (औसत) | 74 | 13 | 11 | 1 | 1 |
बटेर के अंडे में पोल्ट्री अंडे की तुलना में ज्यादा प्रोटीनए फास्फोरस, लोहा, विटामिन आदि होता है।
मांस उत्पादन
बटेर पांचवे सप्ताह में 170.190 ग्राम वजन प्राप्त कर लेते है। बटेर 5.6 सप्ताह में बाजार में बेचने के लायक हो जाते है। इनका मांस प्रोटीन एवं आवश्यक आमीनो एसिड से भरपूर होता है।
बटेर मांस की संरचना एवं पौष्टिकता
घटक तत्व | ज़ल | प्रोटीन | वसा | कार्बोहाइड्रेट | खनिज लवण |
प्रतिशत (औसत) | 74 | 20.5 | 4 | 0.5 | 1-2 |
बटेर पालन में कम पूंजी एवं कम परिश्रम की आवश्यकता होती है जिसके कारण इसे छोटे स्तर पर आसानी से प्रारंभ किया जा सकता है। बटेर से प्राप्त होने वाले अंडे और मांस पोषक तत्वों से समृद्ध एवं स्वादिष्ट होतें है। बटेर पालन को घरेलु महिलाएँ भी आसानी से संभाल सकती है। अतः बटेर पालन परिवार की पोषण मांगों के अतिरिक्त आय का अच्छा साधन साबित हो सकता है।
बटेर पालन में कम पूंजी एवं कम परिश्रम की आवश्यकता होती है जिसके कारण इसे छोटे स्तर पर आसानी से प्रारंभ किया जा सकता है। बटेर से प्राप्त होने वाले अंडे और मांस पोषक तत्वों से समृद्ध एवं स्वादिष्ट होतें है। बटेर पालन को घरेलु महिलाएँ भी आसानी से संभाल सकती है। अतः बटेर पालन परिवार की पोषण मांगांे के अतिरिक्त आय का अच्छा साधन साबित हो सकता है।