भैसों में मदचक्र
डॉ. अर्चना जैन, डॉ. ज्योत्सना शक्करपुडे, डॉ. आम्रपाली भिमटे
पशु शरीर क्रिया एवं रसायन विज्ञान विभाग, पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, महू
अधिकांश स्तनपोषी मादाओं में एक निश्चित अवधि के बाद बार-बार शारीरिक परिवर्तन होते हैं जो उनमें जनन हार्मोनों द्वारा उत्पन्न होते हैं। इसे जनसामान्य की भाषा में पशु का ‘गरम होना’ कहा जाता है। और इस चक्र को मद चक्र कहते हैं। मद चक्र लैंगिक रूप से वयस्क मादाओं में चलता रहता है जब तक वे गर्भ धारण न करले| दुग्ध पशुओं में प्रजनन कार्यक्रम की सफलता के लिए पशुपालक को मादा पशु में पाए जाने वाले मदचक्र का जानना बहुत आवश्यक है| भैंस सामान्य तौर पर हर 18 से 21 दिन के बाद गर्मी में आती है, जब तक शरीर का वज़न लगभग 250 किलो हो जाता है| भैंसों में ब्याने के लगभग डेढ़ माह के बाद यह चक्र शुरू हो जाता है| मदचक्र शरीर में कुछ खास न्यासर्गों (हार्मोन्स) के स्राव में संचालित होता है|मद चक्र के दौरान, प्रजनन तंत्र को एस्ट्रस या गर्मी और ओव्यूलेशन (डिंब रिहाई) के लिए तैयार किया जाता है। चक्र को चार भागों में विभाजित किया गया है: प्रोस्ट्रस, एस्ट्रस, मेटेस्ट्रस और डाइस्ट्रस।1. प्रोस्ट्रस पिछले चक्र और एस्ट्रस के कॉर्पस ल्यूटियम के प्रतिगमन के बीच की अवधि है। एफएसएच हारमोन के प्रभाव से अंडाशय में अंडाणु की वृद्धि व उनके परपक्कीकरण का कार्य शुरू हो जाता है। 2. एस्ट्रस वह अवधि है जब रक्त में एस्ट्रोजन की उच्च मात्रा प्रस्तुत की जाती है। एस्ट्रोजेन गर्मी के लक्षण संबंधी संकेतों का उत्पादन करता है, जैसे कि अन्य गायों का बढ़ना, अन्य गाय द्वारा घुड़सवार होने की इच्छा और गतिविधि की सामान्य वृद्धि। 3. मेटास्ट्रस- एस्ट्रस को 3 से 4 दिन की अवधि के बाद मेटास्ट्रस कहा जाता है । इस अवधि के दौरान कॉर्पस ल्यूटियम एलएच के प्रभाव में विकसित होता है और प्रोजेस्टेरोन की बढ़ती मात्रा का उत्पादन शुरू करता है। 4. डाइस्ट्रस- इस अवधि मे कार्पस लुटियम कार्यात्मक होता है, यह मदचक्र का सबसे लंबा चरण होता है।अगर पशु गर्भ धारण कर लेता है तो कार्पस लुटियम बना रहता है। यदि गर्भ धारण नहीं कर पाता तो कार्पस लुटियम नष्ट हो जाता है। प्रोजेस्टेरोन की मात्रा कम हो जाती है। भेंसों में मदकाल (गर्मी की अवधि) लगभग 27 घटे की होती है| जिसे हम 3 भागों में बांट सकते हैं| (1) मद की प्रारम्भिक अवस्था (2) मद की मध्यव्स्था (3) मद की अन्तिम अवस्था| मद की विभिन्न अवस्थाओं का हम पशुओं में बाहर से कुछ विशेष लक्षणों को देखकर पता लगा सकते हैं| https://www.pashudhanpraharee.com/reproductive-management-of-dairy-cattle/ मद की प्रारम्भिक अवस्था: (1)पशु की भूख में कमी आना| मद की मध्यव्स्था: मद की अन्तिम अवस्था: |
https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0378432010004069