अब शहर तथा गांव में पशुपालक नहीं खोल पाएंगे व्यवसायिक डेयरी फार्म

0
628

अब शहर तथा गांव में पशुपालक नहीं खोल पाएंगे व्यवसायिक डेयरी फार्म

देश के शहर तथा गांव में अब पशुपालक नहीं खुल पाएंगे डेरी फार्म

राजधानी दिल्ली सहित देशभर के शहरों और गांव के भीतर अब डेयरी फार्म और गौशाला खोलने की इजाजत नहीं होगी। डेयरी फार्म और गौशाला शहरों और गांव की सीमा से 200 मीटर की दूरी पर खोलने की इजाजत होगी। पर्यावरण हितों की अनदेखी कर देशभर में चल रहे डेयरी फार्म और गौशालाओं ने होने वाले वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रा्ष्ट्रीय हरित अधिकरण को यह जानकारी दी है।

एनजीटी प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष डेयरी फार्म और गौशाला के नियमन के लिए तैयार की गई दिशा-निर्देश पेश करते हुए सीपीसीबी ने यह जानकारी दी है। नई दिशा-निर्देश के तहत शहर हो या गांव, जहां आबादी होगा, उससे 200 मीटर की दूरी पर डेयरी फार्म और गौशाला खोलने की इजाजत मिलेगी। इतना ही नहीं, नदी, तालाब, झील के अलावा अस्पताल और शिक्षण संस्थानों से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर ही कोई डेयरी फार्म या गौशाला खोल सकता है। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग और नहरों से 200 मीटर की दूरी पर खोलने की इजाजत होगी।

सीपीसीबी की ओर जारी दिशा-निर्देश के तहत नगर निगम व अन्य स्थानीय निकायों से इसके लिए वायु और जल अधिनियम के तहत अनुमति भी लेनी होगी। एनजीटी ने गौशाला और डेयरी फार्म खोलने और इसके नियमन के लिए जारी दिशा-निर्देश को मंजूरी देते हुए इसे लागू करने की हरी झंडी दे दी है। ट्रिब्यूनल ने नुग्गेहाली जयसिम्हा की ओर से दाखिल याचिका पर सीपीसीबी को गौशाला और डेयरी फार्म से निकलने वाले मवेशियों के मलमूत्र से होने वाले वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने का निर्देश दिया है।

READ MORE :  सरकार का नया फॉर्मूला, कहा-पशुपालन से चार गुना हो सकती है किसानों की आय

सीपीसीबी ने पीठ को बताया कि नई दिशा-निर्देश को लागू करने के लिए सभी राज्यों को भेज दिया गया है। डेयरी फार्म और गौशाला में अब ढाई मीटर तक ग्रीन बेल्ट छोड़ना होगा और इसमें पेड़ लगाने होंगे।

बाढ़ संभावित इलाकों में डेयरी फार्म खोलने की इजाजत नहीं
सीपीसीबी की ओर से जारी-दिशा-निर्देश के तहत अब उन इलाकों में डेयरी फार्म या गौशाला खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती जहां बाढ़ आने की संभावना होती है। उन इलाकों में भी डेयरी फार्म या गौशाला खोलने पर पाबंदी रहेगी जहां पर महज 10 से 12 फीट पर ही भूजल मौजूद है। यह कवायद भूजल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए किया गया है।

21 राज्यों ने नई दिशा-निर्देश को लागू करने पर दी है सहमति
सीपीसीबी ने एनजीटी को बताया है कि 21 राज्यों ने अब तक नई-दिशा निर्देश को लागू करने की सहमति दे दी है और इसे लागू करने की कवायद भी शुरू कर दिया है। नये नियम को लागू करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों ने सहमति दी है। जबकि बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।

आंकड़े-
*देश के 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 2 लाख 73 हजार, 437 डेयरी
*इनमें 21 लाख 34 हजार पशुएं हैं
*इन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों मे 2793 डेयरी कॉलोनी

  • 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 5964 गौशालाएं हैं। इनमें 4 लाख 36 हजार पशुएं हैं।
    गोबर
    *देशभर में डेयरियों से 2,60, 922 टन और गौशालओं से 1, 49,945 टन गोबर प्रतिदिन निकलता है।
READ MORE :  Good News For Pet Parents: IRCTC To Soon Facilitate Online Ticket Booking For Cats, Dogs

भैंस की तुलना में गाय अधिक
देश में भैंस की तुलना में गायों की संख्या अधिक है। देशभर में गाय और भैंस की संख्या 13 करोड़ 63 लाख 35 हजार है। इनमें गाय की संख्या-8,13,53,000 है। जबकि भैंस
सबसे अधिक यूपी में- 2,49,39,000
राजस्थान-1,38,34,000
मध्य प्रदेश- 1,26,38,000
बिहार- 1,08,17,000
गुजरात- 1,01,65,000

पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य
नये नियम के लागू होने के बाद डेयरी फार्म व गौशाला का स्थानीय निकायों में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। साथ ही स्थानीय निकाय गौशालाओं में नियमों का पालन कर रही है या नहीं इसका न सिर्फ औचक निरीक्षण करेगी बल्कि छह माह आडिट भी करेगी। यह काम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में होगा। गौशाल/डेयरी फार्म को 5 श्रेणी में बांटा गया है। सबसे छोटी श्रेणी में कम से कम 25 गाय/भैस होना जरूरी है।
(साभार-हिंदुस्तान)

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON