कटड़ीयों, बछियों का पोषण और अच्छी तरह से देखभाल कैसे करे ।

0
379

कटड़ीयों – बछियों का पोषण और अच्छी तरह से देखभाल कैसे करे

किसी भी डेरी फार्म की सफलता उसके बछियों कटड़ीयों के उचित प्रबंधन पर निर्भर करती है। बछियों कटड़ीयों के प्रारंभिक जीवन में बेहतर पोषण उनके तेजी से विकास और जल्दी परिपक्वता के लिए अच्छा होता है। समय पर परिपक्व शरीर के वजन का 70-75 प्रतिशत पाने के लिए उन्हें सावधानी से पाला जाना चाहिए। छोटे बछियों कटड़ीयों के अनुपयुक्त पोषण के कारण पहले ब्यांत में अधिक उम्र और पूरे जीवन काल की उत्पादकता में कमी हो जाती है।

कटड़ीयों बछियों के खान पान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु।

कटड़ीयों बछियों के जन्म के आधे घंटे के अंदर कोलोस्ट्रम (खीस) खिला देना चाहिये।

कटड़ीयों बछियों को दूध/ दुग्ध प्रतिस्थापक (milk replacer) पिलाना।

जन्म के दूसरे हफ्ते से ही अच्छी गुणवत्ता वाला कटड़ीयों बछियों का दाना देना चाहिए।

कटड़ीयों बछियों को अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी घास (हे) भी देनी चाहिए।

कृमिनाशक (किडों की दवाईयां)एवं टीकाकरण समय पर करवाना चाहिए।

खीस (कोलोस्ट्रम ) पिलाने का महत्व
नवजात बछियों में रोग प्रतिरोध क्षमता बहुत कम होती है। भैंस के बच्चे (कटड़ा / कटड़ी ) में माँ के द्वारा रोग निरोधक स्थानांतरित करने की क्षमता और भी कम होती है।

खीस नवजात कटड़ीयों बछियों के लिए प्रकृति की अमूल्य उपहार है सम्पूर्ण दूध की तुलना में इसमें 4 -5 गुना अधिक प्रोटीन, 10 गुना विटामिन A और पर्याप्त मात्रा में खनिज तत्व होते हैं।

खीस हल्के मृदु -सारक (हल्के जुलाब ) का कार्य करता है जो नवजात कटड़ीयों बछियों की आंतों से पाचक अवशेषों गंदा मल (मैकोनियम) को साफ करने में मदद करता है।

READ MORE :  Mastitis Control in Dairy Herd

दुग्ध प्रतिस्थापक / विकल्प (Milk replacer)
छोटे कटड़ीयों बछियों को कम से कम दो महीनों तक रोज दो लीटर दूध पिलाया जाना चाहिए। जिसकों धीरे – धीरे अच्छी गुणवत्ता वाले शिशु -आहार (काल्फ स्टार्टर ) से बदलना चाहिए। दुग्ध उत्पादक इस दूध प्रतिस्थापक एक किफायती वैकल्पिक आहार हो सकता है। जिसमें स्किम मिल्क पाउडर, सोयाबीन की खली, मूंगफली की खली, खाने के तेल, अनाज, विटामिन, खनिज मिश्रण, संरक्षक पदार्थ आदि सम्मिलित होता हैं।दुग्ध प्रतिस्थापक से बनाये गए पुनर्गठित दुग्ध की कीमत की एक तिहाई होती है।पुनर्गठित दुग्ध प्रतिस्थापक में दूध के समान लगभग सभी आवश्यक पौष्टिक तत्व होते है। यदि एक कटडीयो बाछियों को सम्पूर्ण दूध के स्थान पर दो लीटर पुनर्गठित दूध पिलाया जाये तो पशुपालक प्रति कटड़ीयों बछियां प्रति दिन पर्याप्त राशि से बचा सकता है।

दुग्ध प्रतिस्थापक को आहार में देने की विधि।
दुग्ध उत्पादकों की सामान्य आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह सुझाव दिया जाता है कि खीस पिलाने के बाद एक लीटर पुनर्गठित दूध को एक लीटर सम्पूर्ण दूध के साथ पिलाना चाहिए। धीरे – धीरे सम्पूर्ण दूध को हटा देना चाहिए और एक महीने की उम्र तक पुनर्गठित दूध को बढ़ा कर दिन में दो लीटर कर देना चाहिए जिसे दो महीने की आयु तक जारी रखना चाहिए।

दूसरे सप्ताह से अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी घास एवं काल्फ स्टार्टर को भी खिलाना चाहिए जोकि रुमेन (जुगाली करने वाले पशुओं का पहला पेट) के शीघ्र विकास और वांछित विकास दर को प्राप्त करने में मदद करेगा।

बच्चा आहार (काल्फ स्टार्टर ) पिसे अनाज, प्रोटीन पूरक, खनिज और विटामिन्स का संतुलित मिश्रण है कटड़ीयों बछियां को अधिकतम मात्रा में काल्फ स्टार्टर खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ।जिससे उनकी वृद्धि दर बढ़ेगी। यदि भूखे कटड़ीयों बछियां को सूखा भूसा/ घास खिलाया जाता है तो उनकी काल्फ स्टार्टर और अच्छी गुणवत्ता वाली फलीदार सूखी घास खिलाने से रुमेन पेपिलों का शीघ्र विकास होता है। जोकि रुमेन के कार्य के लिए अति आवश्यक है। जिससे आरंभिक आयु में चारे के बहुत बड़े भाग को पचाने में सहायता मिलती है।लगभग छह महीनों के पश्चात काल्फ स्टार्टर को काल्फ ग्रोथ मील से बदलना चाहिए जो बढ़ते हुए कटड़ीयों / बछियों के लिए अधिक किफायती है

READ MORE :  THERAPEUTIC APPROACHES FOR UNWANTED PREGNANCY IN CANINE OR MIS-MATING IN THE BITCHES OR TERMINATION OF UNWANTED PREGNANCY IN DOG

कटड़ीयों बछड़ियों को स्वस्थ रखने के सुझाव
कटड़ीयों बछिया के जन्म लेने के तुरंत बाद ही उनके नाक एवं मुंह को साफ करें।
कटड़ीयों बछिया की छाती पर धीरे -धीरे मालिश करें ताकि वह आसानी से सांस ले सके कटड़ीयों बछियों का पूरा शरीर भली – भाँति साफ़ करे।
मुंह के अंदर दो अंगुलियाँ डाले और उनकी जीभ पर रखें जो बछड़े /बछियों को दूध पीना आरम्भ करने में मदद करेगी।
नवजात कटड़ीयों बछिया को सुरक्षित वातावरण में रखना चाहिए।
नाल को 2 इंच की दुरी पर धागे से बांध दें।बची हुई नाल को साफ़ कैंची से काट कर उसमें टिंचर आयोडीन लगायें ताकि नाभी को संक्रमण से बचाया जा सके।
जन्म के आधे घंटे के भीतर, नवजात पशु को खीस पिलाएं।
2 महीनों तक कटड़ीयों बछियों को संपूर्ण दूध प्रतिस्थापक देना चाहिए।
तीसरे सप्ताह के दौरान कृमिनाशक दवा दें। उसके बाद तीसरे और छठे माह की उम्र में देना चाहिए।
दूसरे सप्ताह से कटड़ीयों बछिया को अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी घास (हे ) और शिशु आहार (काल्फ स्टार्टर ) खिलाना चाहिए।

सबीन भोगरा ,पशुधन विशेषज्ञ ,हरियाणा

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एन ए डी सी पी ) का उद्देश्य एवं आवश्यकता

Please follow and like us:
Follow by Email
Twitter

Visit Us
Follow Me
YOUTUBE

YOUTUBE
PINTEREST
LINKEDIN

Share
INSTAGRAM
SOCIALICON