लक्षण एवं बचाव:
परिचय:
ट्राइकोमोनिएसिस एक यौन संचारित संक्रामक बीमारी है जो की एक परजीवी (प्रोटोज़ोया) ट्राइकोमोनस के कारण होती है। यह रोग गायों में ३ महीने के अंदर गर्भपात करवाने के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार होता है ।
*कारण*:
• ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमित सांड द्वारा गर्भधारण
• ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमित सांड का वीर्य (AI द्वारा)
• यह जननांग स्पर्श के माध्यम से भी फैल सकता है।
लक्षण:
• गर्भकाल के शुरू में (साधारणतया 3 महीने के अंदर अंदर ) बच्चेदानी में पीक/पस
• योनिद्वार से बदबूदार मवाद युक्त स्राव
• पशुओं में गर्भपात
• दूध उत्पादन में कमी
उपचार:
• यदि गर्भपात के लक्षण नज़र आने लग गए तो गर्भपात को रोकना संभव नहीं होता। अत: निम्न बातों का ध्यान रखें:
• गाभिन पशु के बाड़े को प्रतिदिन कीटाणुनाशक घोल से साफ करें।
• हाल ही में गर्भपात हुए पशु को बाकि गाभिन पशुओं से दूर रखें।
• यदि किसी गाय में गर्भपात हुआ है तो मृत बच्चे को फेंके नहीं तथा उसके सेंपल की उचित जांच करवाएँ।
• गर्भपात की संभावनाओं को कम करने के लिए पशु को कृत्रिम गर्भाधान द्वारा ही गाभिन करवाएँ।
• यदि किसी पशु ने बच्चा गिरा दिया हो तो उसे अगले 3-4 महीने तक गाभिन न करवाएँ।
• गर्भपात होने की स्थिति में जेर को मिट्टी में दबा दें और फ़िनाइल से बाड़े की सफाई करें।
• पशु को जेर या निकलते हुए स्राव को खाने न दें।
• गर्भपात के लक्षण दिखते ही निकटतम पशुचिकित्सालय में संपर्क करें।
• Drug of choice: Metronidazole IV
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
*डॉ मेघा पांडे, वैज्ञानिक (पशु पुनरुत्पादन)*
भाकृअनुप – केंद्रीय गोवंश अनुसन्धान संस्थान
मेरठ छावनी- 250001 (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल: 9410971314