गायों और भैंसो में पैपिलोमा या मस्सों के लक्षण : कारण एवं इलाज
ये बीमारी अक्सर गाय और भैसों के थानों, गरदन, आखो की पलको के किनारे और बाहरी त्वचा की सतह पर सख्त मस्से की तरह नजर आती हैI
इस रोग का मुख्य कारण है एक जीवाणु, जिसका नाम है बोवाइन पैपिलोमा वायरस
बोवाइन पैपिलोमा का इलाज: इसका इलाज ३ तरीको से किया जा सकता हैI
- एन्थिओमलिन का इंजेक्शन I/M इंट्रामस्क्युलर 15 ml एक बार 48 घंटे के अंतराल पर 4 हफ्तों तक, इस एन्थिओमलिन इंजेक्शन के हर 1 ml डोज़ में 60 मिली ग्राम लिथियम एंटीमनी थियोमलिएट (Lithium Antimony Thiomaliate) होना चाहियेI मतलब की 15 ml यानि एक दिन की डोज़ में कुल 900 मिली ग्राम लिथियम एंटीमनी थियोमलिएट (Lithium Antimony Thiomaliate) होना चाहियेI
- थूजा (THUJA) मरहम का उपयोग, दिन में 3 बार 4 सप्ताह तक और साथ में थूजा-30 (THUJA-30) होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल 15 बूँद मुँह से दिन में 3 बार 4 सप्ताह तक देने से काफी लाभ मिलता हैI
- स्वरक्त चिकित्सा/ ऑटोहीमोथेरपी के माध्यम से बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैI इस चिकित्सा में पशु के स्वयं के रक्त का उपयोग करते हैI इस थेरेपी के तहत पशु के जुगलर वेन से 20 ml रक्त 18 गेज हाइपोडर्मिक सुई से निकला जाता है और निकाले हुए रक्त को पशु को 10-10 मिली लीटर गर्दन के दोनों तरफ I/M इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन द्वारा लगा दिया जाता हैI इस प्रक्रिया को हफ्ते में एक बार, 4 हफ्तो तक करना हैI इस प्रक्रिया के सबसे अच्छे परिणाम देखने को मिले हैI
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डॉ जितेंद्र सिंह ,पशु चिकित्सा अधिकारी ,कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश