आज
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ द्वारा विश्व पशु चिकित्सा दिवस के अवसर पर एक
परिचर्चा आयोजित की गई जिसमें संघ के अध्यक्ष डॉ विमल हेंब्रम ने बताया कि संघ की
नई कार्यकारिणी चुनाव के बाद यह पहला सफल कार्यशाला है जिसमें राज्य से 250
से
अधिक संख्या में पशु चिकित्सक ने भागीदारी कर कार्यशाला में सफल बनाया विशेषज्ञ
वक्ताओं के द्वारा दिया गया व्याख्यान राज्य के पशु चिकित्सकों के लिए लाभदायक
रहा। जहां तक संघ की बात है पिछले 6 महीने से विभाग के सभी
सक्षम स्तर पर अनुरोध करते रहे परंतु कोई भी आशाजनक उत्तर नहीं मिला ।संघ अब सभी
प्रकार के रास्ते को अपनाने के लिए बाध्य है अब अधिकार लड़कर के लेना है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय पशु चिकित्सा महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर चिरंतन
कादियान ने झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के द्वारा पशु चिकित्सक पशुपालक के जागरण
व ज्ञान वर्धन के लिए आयोजित संगोष्ठी को को एक सराहनीय कदम बताते हुए पशु टीकाकरण
की उपयोगिता को सामयिक आवश्यक कदम बताया । झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ जोकि पशु
चिकित्सक महासंघ , इंडियन
वेटरनरी एसोसिएशन एवं वर्ल्ड वेटरनरी एसोसिएशन से संबद्धता होने पर बधाई देते हुए
पशु चिकित्सा सेवा संघ झारखंड की मुक्त कंठ से सराहना की । उन्होंने झारखंड राज्य
सरकार से पशुपालन के प्रति संवेदनशील रवैया रखने की उन्मुक्त प्रशंसा करते हुए पशु
चिकित्सकों के वर्क की जायज एवं अति आवश्यक मांगो पर ध्यान देते हुए पूर्ण करने का
अनुरोध किया । उन्होंने झारखंड राज्य के पशु चिकित्सकों को देश की पशु गणना में
अग्रणी राज्य होने पर बधाई दी एवं प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री माननीय रघुवर
दास जी से अनुरोध किया की पशु चिकित्सक वर्ग के विभिन्न अनुरोधओं पर विचार करते
हुए उनका मनोबल बढ़ाने के लिए विभाग के अधिकारियों के वेतनमान बढ़ाने एवं नॉन
प्रैक्टिस अलाउंस की मांग पर तुरंत निर्णय ले । झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ
प्रदेश के पशुपालकों की सेवा पूर्णता समर्पण की भावना से कार्य कर रहा है।
डॉक्टर
अमित कुमार ने विश्व पशु चिकित्सा दिवस के थीम ” वैल्यू ऑफ वैक्सीनेशन ”
पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। झारखंड के परिप्रेक्ष्य में गरीब किसानों तक पशुओं को
घातक बीमारियों से बचाने हेतु जो टीका लगाया जाता है उसे कैसे अधिक सक्षम रूप से
सही समय पर उन तक पहुंचाया जाए । गलत तरीके से किए गए टीकाकरण अभियान से वैक्सिन
फेल होने का खतरा रखता है इसे कम करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।, कोल्ड चैन का ब्रेक
होना ,एवं
जिला तथा ब्लॉक स्तर पर कोल्ड रूम एवं डीप फ्रीजर की आवश्यकता पर बल दिया। टीकाकरण
अभियान में प्रयुक्त होने वाले वैक्सीनेटर को न्यूनतम मजदूरी देने हेतु टीकाकरण की
मानदेय दर छोटे पशुओं एवं बड़े पशुओ हेतु क्रमश ₹4 एवं ₹10 करने की आवश्यकता है।
महाराष्ट्र
से आए पशु चिकित्सक डॉ यशवंत वाघमारे ने कहा जो भी पशु चिकित्सक है एक नोबल
प्रोफेशन के सेवक हैं सरकार की जो भी महत्वाकांक्षी परियोजना है उसमें सबसे अधिक
महत्वपूर्ण है किसानों की आय दोगुनी करना। यह जो आय दोगुनी करने की परियोजना है
इसमें पशुपालन विभाग एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। पशुपालन विभाग को और अधिक
सशक्त बनाने के लिए और समय के अनुसार अपडेट रखने हेतु विभाग की पुनर्रचना आवश्यक
है। यह पुनर्रचना राज्य एवं केंद्र स्तर दोनों पर अत्यंत आवश्यक है। पुनरचना को
गंभीरता पूर्वक नहीं लिया जा रहा है। इसे गंभीरतापूर्वक नहीं लिए जाने के कारण
सरकार के उद्देश्यों पर विपरीत परिणाम हो सकते हैं। इसी कारण हम संगठन की ओर से
पूरे देश में जागृति अभियान चलाने की इच्छा करते हैं और हरेक राज्य में जाकर हमारे
पशु चिकित्सकों का मनोबल एवं संवेदनशीलता को बढ़ाने का काम करते हैं। पशु चिकित्सा
विभाग की एकमात्र विभाग है जो आय दुगनी करने में एकमात्र विकल्प है।किसान खेती
किसानी करने हेतु खेती में एक उच्च स्तर पर पहुंच चुका है और जो भी सुधार करने की
संभावनाएं बची है वह पशुपालन में।पशुपालन का जो वर्तमान स्वरूप है उसे व्यवसायिक
रूप देना तथा उसके नैसर्गिक स्वरूप को संरक्षित रखना किस प्रकार के काम करने में
पशु चिकित्सक एकमात्र तकनीकी पदाधिकारी है जो इसे अंजाम दे सकता। इस हेतु हम सब
मिलकर हम सब मिलकर देश की प्रगति में और जो भारत का किसान है उसको इंडिया में लाने
हेतु उनको विकसित इंडिया में लाने का हम प्रयास कर रहे हैं।संगठन के माध्यम से हम
हम हर एक बात पुरजोर तरीके से सरकार के समर्थन से सरकार के उद्देश्यों को सफल करने
के लिए कटिबद्ध है।परंतु सरकार बीवी सरकार को भी जो जमीनी स्तर के एक्सपर्ट्स हैं
उनकी बात भी सुनने का अवसर मिलता है और सरकार के स्तर पर एक संवाद स्थापित हो जाता
है जिससे धन की बर्बादी और मैन पावर की बर्बादी कम की जा सकती है और उद्देश्य की
शीघ्र पूर्ति की जा सकती है।विभागीय पुनर्गठन पशुपालन निदेशालय की अत्यन्त
अवश्यक्ता है।
इस
सम्बंध में डॉ समीर सहाय के द्वारा पशुपालन निदेशालय एवं क्षेत्रीय पशुचिकित्सलयो
एवं कार्यालयों के पुनर्गठन के समबन्ध में आवश्यक प्रश्ताव दिया गया । प्रखण्ड
स्तर पर AHC का प्रश्ताव है,तथा जिला स्तरीय पशु अस्पताल का उत्क्रमीत करते हुए
आवश्यक सुविधायें,विशेषज्ञ
पशुचिकित्सको की स्थापना करते हुए 24घंटो की सुविधा का
प्रस्ताव है। पशुपालन विभाग का पुनर्गठन VCI ACT 1984 एवं OIE
के
दिशानिर्देश के अलोक मे प्रस्तावित है।
डॉक्टर
जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड में प्रमोशनल स्ट्रक्चर सबसे जरूरी है क्योंकि
जिस पद में पशु चिकित्सक ज्वाइन करते हैं उसी पद से वे रिटायर भी हो जाते हैं, साथ ही क्लास 3 एवं क्लास 4 पदों पर अपॉइंटमेंट
होना चाहिए।
डॉ
सुदेशना राय ब्रांड मैनेजर drools ने बताया कि इस प्रकार
के समारोह से पशु चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे अलग-अलग क्षेत्रों में काम
कर रहे हैं पशु चिकित्सकों को आपस में संपर्क बढ़ाने का एक मौका मिलता है साथ ही
एक दूसरे के क्षेत्र की विशेषज्ञता को सीखने का एक अवसर होता है। सीनियर वेटरनरी
अन से काफी कुछ सीखने को मिलता है और जूनियर उनसे काफी इंस्पायर्ड भी होते हैं।
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जहां पर वे भविष्य के
कदमों की रूपरेखा को तय कर सकते हैं। उन्होंने समारोह की उत्कृष्टता एवं
संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा की।
कार्यक्रम
का मंच संचालन डॉक्टर जेनेट भगत एवं डॉ बबलू सुंडी ने किया स्वागत भाषण डॉ सैमसंग
टोप्पो ने किया धन्यवाद ज्ञापन डॉ दीपक उरांव ने किया डॉ शिवानंद काशी डॉक्टर अरुण
राम मनोज कुमार मनोज कुमार मणि डॉ सुनील टोप्पो डॉ जमालुद्दीन डॉ उमेश कुमार
गुप्ता डॉक्टर ओम प्रकाश पांडे डॉ दयानंद प्रसाद आदि कार्यक्रम में इसके साथ ही
कार्यक्रम की समाप्ति हुई।
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के महामंत्री डा० धर्म रक्षित विद्यार्थी ने कार्यकारिणी के निर्वाचन के उपरान्त पिछले 6 महीने के कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया।
अगले छ: माह की भावी कार्य योजना तथा सदन के समक्ष महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कराए गए।